सालाना 5 लाख रुपये तक की कमाई है तो IT एक्ट के इस सेक्शन से बचा सकते हैं पूरा टैक्स

अगर आपकी सालाना आय 5 लाख रुपये से ऊपर नहीं जा रही है तो आप टैक्स लाइबिलिटी पर 12,500 रुपये तक टैक्स रिबेट क्लेम कर सकते हैं.

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इनवेस्टमेंट प्लेटफॉर्म जैसे म्यूचुअल फंड हाउस, फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन और डीलर ने भी अपनी गाइडलाइन्स को और सख्त बता दिया है

इनवेस्टमेंट प्लेटफॉर्म जैसे म्यूचुअल फंड हाउस, फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन और डीलर ने भी अपनी गाइडलाइन्स को और सख्त बता दिया है

आपकी सालाना आय 2.50 लाख रुपये से ऊपर और लाख रुपये से कम हैतो आपको 12,500 रुपये का टैक्स चुकाना पड़ेगालेकिन आयकर एक्ट के सेक्शन 87A का उपयोग करके आप इससे छुटकारा पा सकते हैंइस सेक्शन के तहत इनकम टैक्स रिबेट क्लेम करने के बाद आपकी टैक्स लाइबिलिटी NIL यानी शून्य हो जाती है.

2.50 लाख रुपये तक की आमदनी पर बेसिक एग्जेंप्शन हैवहीं 2.50 लाख रुपये से ऊपर और लाख रुपये तक की आय पर 5 फीसदी टैक्स चुकाना पड़ता है.

धारा 87A क्या हैः

फाइनेंस एक्ट-2003 से लागू हुई धारा 87A में समय के साथ कई बदलाव हुए हैं. इसके वर्तमान रूप के मुताबिकअगर आपकी सालाना आय लाख रुपये से ऊपर नहीं जा रही है तो आप टैक्स लाइबिलिटी पर 12,500 रुपये तक टैक्स रिबेट क्लेम कर सकते हैंअगर आपकी आय इस सीमा से ऊपर है तो इस बेनेफिट से आपको वंचित रहना पड़ेगा.

आय की गणना

आपको सेक्शन 87A के तहत टैक्स रिबेट लेना है तो कौन सी आय को गिनती में लिया जाएगा ये जानना भी जरूरी है.

ये इनकम वो है जिस पर आपकी फाइनल टैक्स लाइबिलिटी को गिना जाएगा. यानी आपको चैप्टर VIA के विभिन्न सेक्शंस के तहत मिलने वाले डिडक्शन्स को माइनस करके आय की गिनती करनी पड़ेगीचैप्टर VIA में सेक्शन 80C (EPF, PPF, ELSS, ट्यूशन फीसहोम लोन रिपेमेंट वगैरह), 80CCD (NPS), 80D (हेल्थ इंश्योरेंस), 80G (डोनेशनऔर 80TTA & 80TTB (बैंक इंटरेस्टको शामिल किया गया है.

कुल आय (डिडक्शन के बाद) टैक्स (5%) 87A के तहत रिबेट फाइनल टैक्स
2,80,000 रुपये 1,500 रुपये 1,500 रुपये 0
5,00,000 रुपये 12,500 रुपये 12,500 रुपये 0

एक्सपर्ट की रायः

इनकम टैक्स प्रैक्टिशनर CA हर्षद पटेल बताते हैं, “ज्यादातर लोग ये मानते हैं कि 5लाख रुपये का मैजिक नंबर क्रॉस नहीं करते तब तक टैक्स नहीं चुकाना पड़ेगाअधिकांश करदाता ऐसा मानते हैं और रिटर्न फाइल नहीं करते जबकि उन्हें 2.50-5 लाख रुपये तक की आय पर 5% के हिसाब से 12,500 रुपये टैक्स चुकाना जरूरी है.”

ये भी ध्यान में रखेंः

टैक्स एक्सपर्ट बताते हैं कि अगर आपकी आमदनी में 15% (शॉर्टटर्म कैपिटल गेन्सऔर 10/20 फीसदी (लॉन्गटर्म कैेपिटल गेन्सके रेट से टैक्स लगे ऐसी आय शामिल है तो 5 लाख रुपये से ज्यादा आय न होने पर भी आपको टैक्स चुकाना पड़ेगा.

मान लीजिएआप को एक साल में लाख रुपये की आय हुई हैजिसमें लाख रुपये का शॉर्टटर्म कैपिटल गेन्स शामिल हैतो आपको 22,500 रुपये टैक्स चुकाना पड़ेगाजिसमें 7,500 रुपये (1.5 लाख रुपये पर 5%) प्लस 15,000 रुपये (1 लाख रुपये के शॉर्टटर्म कैपिटल गेन्स पर 15%) शामिल है. 12,500 रुपये का टैक्स रिबेट क्लेम करने के बाद भी आपको 10,000 रुपये टैक्स चुकाना पड़ेगाजबकि आपकी आय लाख रुपये की सीमा के अंदर ही है.

Published - June 2, 2021, 06:00 IST