HUF क्या है? टैक्स बचाने के लिए कितना हो सकता है फायदेमंद, जानें अभी

HUF: कोई व्यक्ति, बैंकिंग व टैक्स संबंधी दस्तावेजों में खुद को अन्य पारिवारिक सदस्यों के साथ मिलाकर एक HUF के रूप में दर्ज करा सकता है.

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पब्लिक सेक्टर्स के बैंकों, निजी बैंकों, विदेशी बैंकों की शाखाओं, स्थानीय क्षेत्र के बैंकों, सहकारी बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों सहित सभी वाणिज्यिक बैंक डीआईसीजीसी अधिनियम के अंतर्गत आते हैं.

पब्लिक सेक्टर्स के बैंकों, निजी बैंकों, विदेशी बैंकों की शाखाओं, स्थानीय क्षेत्र के बैंकों, सहकारी बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों सहित सभी वाणिज्यिक बैंक डीआईसीजीसी अधिनियम के अंतर्गत आते हैं.

बैंकिंग, वित्तीय लेनदेन और टैक्स बचाने के संबंध में हम अक्सर HUF (Hindu Undivided Family) यानि ‘अविभाजित हिंदू परिवार’ के बारे में सुनते हैं, लेकिन इसके बारे में कम ही लोग जानते हैं. HUF से आपको कई तरह के लाभ हो सकते है.

HUF क्या हैः

HUF एक संयुक्त परिवार है, जिसे अलग-अलग सदस्यों की एक अलग इकाई के रूप में देखा जाता है. कोई व्यक्ति, बैंकिंग व टैक्स संबंधी दस्तावेजों में खुद को अन्य पारिवारिक सदस्यों के साथ मिलाकर एक HUF के रूप में दर्ज करा सकता है.

किसी HUF में दो या दो से अधिक सदस्य होने चाहिए और सभी सदस्य आपस में सगे भी होने चाहिए. HUF बनाने के लिए बच्चा होने का इंतजार करने की जरूरत नहीं है, केवल पति-पत्नी अलग इकाई बनाकर अच्छी मात्रा में कर बचा सकते हैं.

HUF केवल हिंदू के लिए है?

हिन्दू सक्सेशन एक्ट के अंतर्गत, हिंदू, बुद्धिस्ट, जैन और सिख को कवर किया गया है. HUF कानून के तहत हिन्दू, बुद्धिस्ट, जैन और सिख परिवार HUF अकाउंट खुलवा सकते हैं, लेकिन मुस्लिम, पारसी या ईसाई धर्म के लिए यह मान्‍य नहीं है.

HUF के मुखिया को कर्ता कहा जाता है

बैंकिंग व इनकम टैक्स की भाषा में HUF के मुखिया को कर्ता (Karta) कहा जाता है. परिवार में पिता या वरिष्ठ पुरुष सदस्य या जिसे HUF के सभी सदस्यों से मत प्राप्त हो, वह HUF के मुखिया या कर्ता के रूप में खुद का नाम दर्ज करा सकता है.

कर्ता की भूमिका परिवार में एक मैनेजर की होती है और HUF के सभी सदस्य इसके पार्टनर की तरह होते हैं.

HUF और टैक्स

HUF को आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 2(31) के अंतर्गत एक ‘व्यक्ति’ के तौर पर समझा जाता है और स्वतंत्र एन्टिटि के आधार पर टैक्स बेनिफिट दिए जाते हैं.

– आप HUF के तहत निजी तौर पर और HUF के सदस्य के तौर पर टैक्स में छूट ले सकते है.

– जिन लोगों के पास पैतृक संपत्ति है या जिन्हें परिसंपत्तियां वसीयत में मिली हैं, वह HUF का सबसे ज्यादा फायदा उठा सकते हैं.

– यदि कोई पुश्तैनी जायदाद बेची जाती है, तो उससे मिली रकम को भी HUF को ट्रांसफर किया जा सकता है.

– यदि आप नौकरी कर रहे हैं और पैतृक संपत्ति जैसे प्रॉपर्टी आदि से आमदनी होती है, तो टैक्स बचत के लिए HUF का सहारा ले सकते हैं.

– HUF पीपीएफ खाता भी खुलवा सकते हैं. पीपीएफ अकाउंट की ब्याज दर हर साल के लिए तय होती है और इसमें जोखिम नहीं है.

HUF कैसे बनाएं

– जैसे किसी व्यक्ति का पैन कार्ड बनता है, वैसे ही HUF का पैन नंबर बनाना होता है.

– आपको कर्ता के नाम का स्टैंप बनवाना होगा.

– एक डीड बनवानी होगी, जिसमें आपको ये स्टैंप लगाना होगा.

– HUF का पान नंबर मिलने के बाद आपको बैंक में HUF अकाउंट खुलवाना होगा.

– HUF अकाउंट खुलवाने के बाद उसमें कैपिटल ट्रांसफर कर सकते हैं. आप गिफ्ट वगैरह के जरिए कैपिटल ट्रांसफर कर सकते हैं.

Published - June 15, 2021, 07:50 IST