अगर आपने आवासीय मकान बेचा है तो इस पर मिले मुनाफे पर आयकर भुगतान के बारे में अच्छी तरह से समझ लें. कुछ ऐसे उपाय हैं जिनके जरिए इस टैक्स को काफी हद तक बचाया जा सकता है. भविष्य के झंझटों से बचने के लिए इस बारे में अच्छी तरह से जानकारी प्राप्त कर लेना जरूरी है-
कब लगता है टैक्स
अगर आपने घर को दो साल रखने के बाद बेचा है तो इस पर मिलने वाले मुनाफे को लांग टर्म यानी दीर्घकालिक लाभ माना जाता है. इस रकम को निवेश करके आयकर को बचा सकते हैं. यदि मकान दो साल रखने से पहले ही बेचा है तो इस पर मिलने वाला मुनाफा शार्ट टर्म यानी अल्पकालिक पूंजीगत लाभ माना जाएगा. इस मुनाफे पर टैक्स बचाने का कोई विकल्प नहीं है. यह लाभ आपकी अन्य नियमित आय की तरह माना जाता है जिसे अन्य स्रोत से आय में जोड़ा जाता है.
कितना लगेगा टैक्स
यदि अल्पकालिक पूंजीगत लाभ को जोड़कर आपकी सालाना कर योग्य आय 2.50 लाख रुपए से अधिक है तो उस पर कर का भुगतान करना होगा। यदि आप 60 वर्ष से अधिक और 80 वर्ष से कम आयु के हैं तो छूट की सीमा तीन लाख रुपए है. यदि आपकी आयु 80 वर्ष से अधिक है तो पांच लाख रुपए तक की आय पर कोई टैक्स नहीं देना होगा.
दूसरा घर खरीदें
यदि आपको घर की बिक्री पर दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ मिला है और इस रकम को दूसरा घर खरीदने में निवेश कर देते हैं तो उस पर कर छूट का लाभ ले सकते हैं. यह छूट घर की बिक्री के दो साल के दरम्यान दूसरा रेडी टू मूव घर खरीदने पर मिलेगी. यदि पहला घर बेचने की तारीख से एक साल पहले तक कोई रेडी टू मूव मकान खरीदा है तो इस पर भी कर छूट लाभ लिया जा सकता है.
दो मकान खरीदे हैं तो…
अपवाद स्वरूप जीवन में एक घर के पूंजीगत लाभ को दो मकान खरीदने में निवेश किया जा सकता है बशत्रे कि लाभ की राशि दो करोड़ रुपए से अधिक न हो। यह अवसर जीवन में एक बार ही लिया जा सकता है। यह छूट केवल भारत में एक आवासीय मकान खरीदने पर ही उपलब्ध है.
वन टाम ऑप्शन
पूंजीगत लाभ को जीवन में एक मकान में एक बार ही निवेश किया जा सकता है. हालांकि दो घरों के पूंजीगत लाभ को एक घर में निवेश करके कर छूट का दावा कर सकते हैं. लाभ की राशि दो करोड़ रुपए से कम होने पर ही ‘वन टाइम ऑप्शन’ का लाभ उठाया जा सकता है.
नए घर का निर्माण
यदि आप पहला घर बेचने की तारीख से तीन साल के भीतर नया घर बनाते हैं तो उसकी लागत के एवज में पूंजीगत लाभ पर कर छूट का दावा कर सकते हैं. निर्माणाधीन मकान की बुकिंग भी ‘घर निर्माण’ की श्रेणी में आती है.
निर्माणाधीन प्रोजेक्ट है तो
यदि आप निर्माणाधीन प्रोजेक्ट में बुकिंग कराकर घर खरीदने की योजना बना रहे हैं तो यह सुनिश्चित कर लें कि आपको निर्धारित तीन साल के दरम्यान कब्जा मिल जाना चाहिए. आपको अपने आयकर रिटर्न भरने की नियत तारीख से पहले घर खरीदने या डेवलपर को भुगतान करने के लिए कर योग्य पूंजीगत लाभ की राशि का उपयोग करना होगा.
रकम अधिक है तो
यदि आप पूंजीगत लाभ की पूरी राशि का उपयोग नहीं कर पा रहे हैं तो अधिशेष रकम ‘कैपिटल गेन अकाउंट स्कीम’ में जमा करानी होगी. इस राशि का उपयोग समय सीमा के भीतर उसी उद्देश्य के लिए किया जाना चाहिए. यदि आप ऐसा नहीं कर पाते हैं तो यह रकम कर योग्य हो जाएगी.
और क्या है शामिल
कर छूट का दावा करने के लिए ब्रोकरेज, स्टांप ड्यूटी, पंजीकरण शुल्क और हस्तांतरण शुल्क आदि को भी नए घर की लागत में शामिल कर सकते हैं. नई संपत्ति की खरीद या निर्माण की मूल लागत में इन खर्चों को जोड़कर कर छूट के पात्र होंगे. नई खरीदी गई संपत्ति को तीन साल तक किसी भी प्रकार से हस्तांतरित नहीं कर सकते।
बांड की खरीद
सरकार की ओर से निर्धारित बांड्स में निवेश करके भी पूंजीगत लाभ कर बचाया जा सकता है. इसके तहत घर बेचने की तारीख से छह महीने के भीतर राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, ग्रामीण विद्युतीकरण निगम, रेलवे वित्त निगम आदि के कैपिटल गेन बांड में पूंजीगत लाभ का निवेश करने पर यह छूट प्राप्त कर सकते हैं. इन बांड्स में निवेश की पांच साल की अवधि होती है. इस दौरान इन्हें किसी अन्य सुविधा के लिए भुनाया या गिरवी नहीं रखा जा सकता है. यदि ऐसा किया जाता है तो कर छूट का लाभ वापस ले लिया जाएगा.
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