आयकर विभाग के नए नियम को लागू करने में हांफ रहे चेरिटेबल ट्रस्ट

ट्रस्ट को विदेशों से मिले चंदे का ऑनलाइन रिकॉर्ड देना होगा

आयकर विभाग के नए नियम को लागू करने में हांफ रहे चेरिटेबल ट्रस्ट

Income tax form for freelancer pic: freepik

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आयकर विभाग के नए नियम ने चेरिटेबल ट्रस्टों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. नए नियम के तहत चेरिटेबल ट्रस्टों को टैक्स में छूट की सुविधा बनाए रखने के लिए सितंबर अंत तक सभी ट्रस्टियों के रिश्तेदारों की जानकारी, उनकी तरफ से ट्रस्ट में दिए गए पैसों के योगदान की जानकारी का रिकॉर्ड ऑनलाइन अपलोड करना जरूरी कर दिया है. इतना ही नहीं ट्रस्ट को अगर विदेशों से चंदा मिला होगा. उसका भी ऑनलाइन रिकॉर्ड देना होगा. ऐसा नहीं होने पर चेरिटेबल ट्रस्ट पर कार्रवाई हो सकती है. बता दें कि देश में लाखों ट्रस्ट ऐसे हैं जो बहुत कम संशाधनों में काम कर रहे हैं और उन्हें इस तरह के आंकड़ों की ऑनलाइन जानकारी उपलब्ध कराने में परेशानी हो रही है.

बड़े ट्रस्ट नियमों का पालन करने में सक्षम
गौरतलब है कि बड़े ट्रस्ट और मल्टी स्पेशियालिटी हॉस्पिटल के पास नियमों का पालन करने के साधन हैं. वहीं स्वयंसेवकों और अंशकालिक कर्मचारियों द्वारा संचालित अधिकांश ट्रस्ट इस साल लागू हुए आयकर के नियमों से परेशान हैं.
सीए फर्म सीएनके एंड एसोसिएट्स के पार्टनर गौतम नायक के मुताबिक धर्मार्थ ट्रस्टों के लिए नई विस्तृत ऑडिट रिपोर्ट बहुत जटिल और बोझिल है. अधिकांश वास्तविक ट्रस्टों के लिए अपने सीमित संसाधनों को देखते हुए सभी जरूरी विवरण प्रस्तुत करना असंभव नहीं तो मुश्किल जरूर होगा. उन्होंने कहा कि टैक्स ऑडिट रिपोर्ट में व्यवसायों के लिए कुछ बातें अधिक बोझिल है और एक छोटी सी गलती से भी ट्रस्टों को छूट का नुकसान हो सकता है.

ऑडिट और टैक्स पेशेवरों के जाने-माने संगठनों जैसे द चैंबर ऑफ टैक्स कंसल्टेंट्स और बॉम्बे चार्टर्ड अकाउंटेंट्स सोसाइटी ने वित्त मंत्रालय से नए रिपोर्टिंग फॉर्म (10बी, 10बीबी) को स्थगित करने का अनुरोध किया है, जहां अतिरिक्त जानकारी एक साल के लिए साझा की जानी है. सटीक रिपोर्ट देने में विफल रहने पर ऑडिटर के साथ-साथ उनके ग्राहकों को भी परेशानी हो सकती है.

Published - September 13, 2023, 02:00 IST