दान के नाम पर टैक्स चोरी आयकर विभाग के रडार पर है. आयकर विभाग ने इनकम टैक्स छूट का दावा करने वाले चैरिटेबल इंस्टीट्यूशंस यानी धर्मार्थ संस्था के लिए डिस्क्लोजर रूल्स में बदलाव किए हैं. इसके मुताबिक, चैरिटेबल ट्रस्ट को यह खुलासा करना होगा कि उनकी गतिविधियां चैरिटेबल यानी दान-पुण्य, धार्मिक या धार्मिक या चैरिटबल, किस तरह की हैं. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने चैरिटेबल ट्रस्ट पर नियमों को सख्त कर दिया है. नए नियम एक अक्टूबर से लागू होंगे.
नए नियमों के तहत चैरिटेबल ट्रस्ट को एक दिन में दो लाख से ज्यादा मिले दान जानकारी भी घोषित करनी होगी. इस जानकारी में दान देने वाले का नाम, पता, दान की गई राशि और पैन नंबर शामिल होगा. फिलहाल चैरिटेबल और धार्मिक ट्रस्ट को दिए गए दान पर टैक्स में छूट मिलती है जिसका कई लोग गलत फायदा उठाते हैं. आयकर विभाग की इस पहल से चैरिटेबल ट्रस्ट और आम टैक्सपेयर की तरफ से जारी जानकारियों का मिलान किया जाएगा. इनकम टैक्स रिटर्न में दी गई जानकारी मैच न होने पर टैक्स भुगतान में गड़बड़ियों का पता लगाया जा सकेगा.
पहले भी गई सख्ती
अप्रैल में इनकम टैक्स विभाग ने करीब 8,000 टैक्सपेयर्स को चैरिटेबल ट्रस्टों को दिए गए बड़े दान की वजह से नोटिस जारी किया था. कारोबारियों और संस्थाओं की तरफ से अपनी कमाई के मुताबिक दान नहीं करने पर यह नोटिस भेजा गया था. आयकर विभाग ने उन करदाताओं को नोटिस भेजा था जिन्होंने चैरिटेबल ट्रस्टों को टैक्स चोरी के प्रयास की कोशिश में बड़ा दान दिया था. आरोप था कि यह टैक्सपैयर्स अपनी इनकम और एक्सपेंस के रेशियो में दान कर रहे थे. नोटिस देने वालों में कंपनियों के अलावा वेतनभोगी और स्वकारोबारी लोग भी शामिल थे. आयकर विभाग ऐसे इंडिपेंडेंट टैक्स पेशेवरों की भी तलाश कर रहा है जिन्होंने इन लेनदेन में मदद की है.