भारत दुनिया में पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है, अर्थव्यवस्था का आकार 4 ट्रिलियन डॉलर के करीब पहुंच गया है. लेकिन इन बड़ी उपलब्धियों के बावजूद भारतीय परिवारों में बहुत बड़ा वर्ग है जिनकी महीने की कमाई घर का मासिक खर्च भी पूरा नहीं कर पाती. मनी9 की पर्सनल फाइनेंस सर्वे के मुताबिक देश के 7 फीसद परिवार ऐसे हैं जिनकी मासिक कमाई में उनके घर का खर्च भी पूरा नहीं होता. यह सर्वे अगस्त से नवंबर के दौरान देश के 20 राज्यों के 115 जिलों में हुआ है.
सर्वे के मुताबिक देश के सभी राज्यों में बिहार सबसे ज्यादा गरीब है जहां पर परिवारों की औसत मासिक कमाई सिर्फ 17567 रुपए है. गरीबी में दूसरे स्थान पर 18519 रुपए की मासिक कमाई के साथ ओडिशा और तीसरे नंबर पर 18863 रुपए की मासिक कमाई के साथ झारखंड है. जो परिवार अपने महीने का खर्च पूरा नहीं कर पाते उनमें अधिकतर परिवार इन्हीं राज्यों के रहने वाले हैं.
देश में कितने फीसदी परिवार घर चलाने लायक भी नहीं कमाते?
हालांकि मनी 9 के सर्वे के मुताबिक पिछले साल के मुकाबले इस साल परिवारों की मासिक कमाई की स्थिति में कुछ सुधार जरूर हुआ है. पिछले साल बिहार में परिवारों की औसत मासिक कमाई का स्तर सिर्फ 14366 रुपए था और झारखंड में परिवारों की औसत मासिक कमाई 15804 रुपए थी. मनी9 का यह सर्वे शहरों में किया गया है और कोरोना के लोग शहरों में काम करने के लिए लौटे हैं जिस वजह से परिवारों की औसत मासिक कमाई में बढ़ोतरी देखने को मिली है.
सर्वे में यह भी पता चला है कि पिछले 5 वर्षों के दौरान 30 फीसद भारतीयों की आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है जबकि 54 फीसद भारतीय परिवार मानते हैं कि उनकी आर्थिक स्थिति जैसी 5 साल पहले थी वैसी ही अब है. हालांकि 16 फीसद परिवार ऐसे भी हैं जिनकी आर्थिक स्थिति पिछले 5 साल में बिगड़ी है.