सेबी में कौन है घर का भेदी?

सेबी ने अपने कर्मचारियों और अधिकारियों को किया आगाह

सेबी में कौन है घर का भेदी?

देश के कैपिटल मार्केट के रेग्युलेट करने वाली संस्था सेबी को शायद अपने कर्मचारियों पर भरोसा नहीं रहा है. हाल ही में सेबी ने अपने कर्मचारियों और अधिकारियों को आगाह किया है. सेबी ने कर्मचारियों को कहा है कि किसी गोपनीय जानकारी को बाहरी व्यक्तियों के साथ साझा करते हैं तो उन्हें कठोर कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है. सेबी ने अपने इंटरनल सर्कुलर में कहा है कि बाहरी व्यक्तियों के साथ सूचनाओं के आदान-प्रदान को गोपनीयता का उल्लंघन माना जाएगा. सेबी के द्वारा उठाए गए इस कदम को अप्रत्याशित माना जा रहा है. ऐसी आशंका जताई जा रही है कि सेबी के कुछ कर्मचारी महत्वपूर्ण सूचनाओं को बाहरी व्यक्तियों से शेयर कर रहे थे और यही वजह है कि सेबी को अपने कर्मचारियों को आगाह करना पड़ा है. हालांकि इसको लेकर सिर्फ अटकलें हैं और अभी तक इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है.

सेवा नियमों के अनुसार होगी कार्रवाई
बता दें कि यह सर्कुलर ऐसे समय में आया है जब सुप्रीम कोर्ट में अदानी-हिंडनबर्ग मामले की सुनवाई चल रही है. सेबी अदानी समूह की कंपनियों के शेयर में हेरफेर के आरोपों की जांच पूरी करने की समयसीमा के करीब है. ऐसे में सेबी के द्वारा उठाया गया यह कदम काफी महत्वपूर्ण है. सेबी ने अपने सर्कुलर में यह साफतौर पर कहा है गोपनीयता के किसी भी उल्लंघन को गंभीरता के साथ देखा जाएगा. इसके अलावा दोषी पाए जाने वाले कर्मचारी के खिलाफ सेवा नियमों के अनुसार कार्रवाई की जा सकती है.

कम्युनिकेशंस डिवीजन के चीफ जनरल मैनेजर एन हरिहरन का कहना है कि 13 जुलाई 2023 को जारी किए गए इंटरनल सर्कुलर में सेबी के कर्मचारियों को पूर्व सेबी अधिकारियों समेत बाहरी लोगों के साथ आधिकारिक बातचीत के दौरान जानकारी को लेकर गोपनीयता बरतने की सलाह दी गई थी. उन्होंने कहा कि सेबी (कर्मचारी सेवा) विनियम 2001 और आचार संहिता के तहत कर्मचारियों को गोपनीयत रखने की हिदायत दी गई है. बता दें कि कैपिटल मार्केट रेग्युलेटर सेबी ने हाल ही में अदानी मामले पर सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे में कहा था कि विदेशी फंड्स की ऑनरशिप का पता करने के लिए सेबी ने 2019 के दौरान नियमों में जो बदलाव किया था, उससे ओनरशिप का पता करने में दिक्कत नहीं आती है. सेबी ने अपने हलफनामे में यह भी बताया था कि पुराने निमय के तहत विदेशी फंड की ओनरशिप का पता करना मुश्किल होता था. गौरतलब है कि अदानी मामले पर सुप्रीम कोर्ट के पैनल ने सेबी की तरफ से 2019 में हुए नियम बदलाव को लेकर सवाल उठाए थे..

बता दें कि 17 मई को सुप्रीम कोर्ट ने सेबी को अदानी समूह के शेयर्स के भाव में कथित हेरफेर की जांच पूरी करने के लिए 14 अगस्त तक का समय दिया था. इसके अलावा सेबी ने कंपनियों के प्रमोटर्स के परिवार के सदस्यों की फाइनेंशियल समझौतों की जानकारी देना अब जरूरी कर दिया है. सेबी ने इसको लेकर निर्देश जारी कर दिया है. साथ ही नए नियमों को नोटिफाई कर दिया है. सेबी ने कहा है कि नोटिफिकेशन की तारीख तक समझौतों की जानकारी को स्टॉक एक्सचेंजों को देनी होगी.

Published - July 18, 2023, 04:16 IST