पूंजी बाजार नियामक सेबी ने ट्रेडिंग के लिए एक स्टैंडर्ड फॉरमेट सेट किए जाने की बात कही है. इसके तहत निवेशकों को समान सेग्मेट के प्रोडक्ट के लिए अलग-अलग स्टॉक एक्सचेंजों में ट्रेड करने में आसानी होगी. अभी तक ग्राहकों को दूसरे एक्सचेंजों में ट्रेड करने के लिए अलग से प्राधिकरण/पत्र देने की जरूरत होती है, लेकिन नए नियम से उन्हें राहत मिलेगी. इसके जरिए वे एक ही सेग्मेंट या दूसरे सेग्मेंट जिसमें वे निवेश करना चाहते हैं, अन्य स्टॉक एक्सचेजों में ट्रेडिंग कर सकेंगे. सेबी ने नए ट्रेडिंग मानक के तहत सभी स्टॉक ब्रोकरों को नए ग्राहकों को सभी एक्टिव स्टॉक एक्सचेंजों में रजिस्टर्ड करना अनिवार्य कर दिया है. नए नियम 1 अगस्त 2023 से लागू होंगे.
सेबी का कहना है कि ट्रेडिंग को लेकर मिले सुझावों और स्टॉक एक्सचेजों से किए गए विचार-विमर्श के बाद ट्रेडिंग को लेकर नए मानक तैयार करने का निर्णय लिया गया है. इसके तहत ग्राहकों की सहूलियत का ध्यान रखा जाएगा, उन्हें सभी स्टॉक एक्सचेजों में ट्रेडिंग की सुविधा दी जाएगी, जिनमें स्टॉक ब्रोकर रजिस्टर्ड हैं.
मौजूदा ग्राहकों को भी मिलेगा लाभ
सेबी की ओर से प्रस्तावित नए नियम से मौजूदा ग्राहकों को भी लाभ मिलेगा. सेबी ने सभी स्टॉक ब्रोकर्स को निर्देश दिया है कि उन्हें वर्तमान में ट्रेड कर रहे ग्राहकों को उन सभी एक्टिव स्टॉक एक्सचेंजों में रजिस्टर्ड करना होगा, जिन सेग्मेंटों को उन्होंने पहले से चुन रखा है. ये सुविधा डिफॉल्ट मोड के तहत लागू कर दी जाएगी. ऐसा करने के लिए ब्रोकरों को तीन महीने का वक्त दिया गया है, जो सर्कुलर जारी होने की तारीख से लागू होगी. इस बदलाव की सूचना ग्राहकों को ईमेल व एसएमएस के जरिए दी जाएगी.
एक्सचेंजों को दी निगरानी की जिम्मेदारी
सेबी ने एक्सचेंजों को नए नियम का सही से पालन हो इसकी जिम्मेदारी दी है. वे स्टॉक ब्रोकरों के अर्ध-वार्षिक आंतरिक ऑडिट और निरीक्षण के माध्यम से नियम के कार्यान्वयन और अनुपालन की निगरानी करेंगे. इसके बाद वे मासिक विकास रिपोर्ट के माध्यम से नियामक को इसके बारे में जानकारी देंगे.
कैसे होगा फायदा?
स्टॉक मार्केट के एक्सपर्ट एवं मंत्री फिनमार्ट के फाउंडर अरुण मंत्री कहते हैं कि अब जब कोई व्यक्ति डीमैट खाता खुलवाएगा, उसे सभी एक्सचेंजों में निवेश की सुविधा मिल जाएगी. अभी तक डीमैट खाता खुलवाते समय निवेशक को बीएसई, एऩएनएसई या अन्य एक्सचेजों में निवेश के लिए टिक करना होता है. अगर आपने टिक नहीं किया है तो आप दूसरे एक्सचेंज में ट्रेडिंग नहीं कर पाते थे. स्टैंडर्ड फॉर्मेट आने से इस तरह का झंझट दूर हो जाएगा.