भारतीय IPO बाजार एक बार फिर गुलजार है. निवेशक फिर पैसे लगाने को बेताब हैं. हॉस्पिटल, होटल से लेकर मीट एक्सपोर्ट तक, हर तरह के कारोबार वाली कंपनियां मार्केट में उतर रही हैं और निवेशक इनमें जमकर पैसा लगा रहे हैं. ऐसे में पिछले दो-तीन साल में आए IPO और उनमें निवेशकों का उत्साह भी याद आ रहा है. कितने IPO में निवेशक अपने हाथ जला चुके हैं. Paytm हो या देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी LIC, CarTrade, Fino Payments जैसे कई कंपनियों में पैसा लगाकर IPO निवेशक बुरी तरह फंस गए थे.
ऐसे में सवाल ये है कि क्या आपको मौजूदा यूफोरिया यानी चकाचौंध से प्रभावित होना चाहिए या सचेत रहना चाहिए. IPO में निवेश करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए? आइए समझते हैं. सबसे पहले कुछ आंकड़ों पर नजर डालते हैं, इस साल सितंबर के पहले हफ्ते तक आए 23 IPO में से 19 IPO ने अच्छा प्रदर्शन किया है. यही नहीं, आठ आईपीओ में तो निवेशकों को अब तक 50 से 157 फीसद के बीच रिटर्न मिल चुका है.
सबसे शानदार प्रदर्शन Cyient DLM Limited के IPO का रहा. इस साल 10 जुलाई को इसके शेयरों की लिस्टिंग 265 रुपये पर हुई थी. इसका इश्यू प्राइस 265 रुपये था. लिस्टिंग के दिन यह 420.75 रुपये की ऊंचाई तक पहुंचा था. 14 सितंबर को इस शेयर की बाजार कीमत 680.6 रुपये रही. यानी इस शेयर में अब तक करीब 157 फीसद का उछाल आ चुका है. सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले IPO में Pyramid Technoplast Limited, Udayshivakumar Infra Limited और Radiant Cash Management Services Limited शामिल हैं. ये शेयर -0.01% फीसद से लेकर -2.37% तक का रिटर्न दे रहे हैं.
क्यों है तेजी का माहौल?
भारतीय इकोनॉमी टिकाऊ है और अब दुनिया भर के निवेशक यहां निवेश करना चाह रहे हैं. पिछले छह महीने में एफपीआई ने भारतीय बाजार में जमकर पैसा लगाया है. इन वजह से बाजार निरंतर नई ऊंचाइयां छू रहा है. सेंसेक्स और निफ्टी ने हाल में नया ऑल टाइम हाई स्तर छुआ है. इससे भारतीय निवेशकों का भरोसा भी शेयर बाजार में बढ़ा है.
क्या करना चाहिए निवेशकों को?
जब आप किसी कंपनी में अपनी गाढ़ी जमा पूंजी लगाने जा रहे हैं तो उसके बारे में आपको कुछ चीजें पता करनी चाहिए. कंपनी क्या करती है? उसका बहीखाता कैसा है? और सबसे बेसिक बात, यह पता कर लें कि कंपनी के प्रमोटर कौन हैं? कंपनी का बिजनेस किस तरह का है यह भी देखें. कंपनी ग्रोथ वाली इंडस्ट्री का हिस्सा हो यानी कि साइक्लिकल की बजाए हर समय चलने वाले सेक्टर का हिस्सा हो जैसे FMCG, फार्मा, हेल्थकेयर, खाने-पीने की चीजें, पावर इत्यादि. ये भी देखें कि कंपनी कर्ज मुक्त है या नहीं? साथ ही कॉरपोरेट गवर्नेंस अच्छा हो, कंपनी या प्रमोटर्स के खिलाफ कोई मुकदमा न चल रहा हो और ये भी सुनिश्चित कर लीजिए कि आने वाले समय के लिए कंपनी के prospects कैसे हैं. यानी कि ग्रोथ की संभावना कितनी है.
क्या कहते हैं जानकार?
शेयर मार्केट एक्सपर्ट डॉ. रवि सिंह ने बताया कि ऐतिहासिक तौर देखें तो खासकर छोटी कंपनियों के IPO ने निवेशकों की अच्छी कमाई कराई है. लेकिन किसी भी कंपनी में पैसा लगाने से पहले निवेशकों को कई फंडामेंटल फैक्ट पर गौर कर लेना चाहिए. जैसे कंपनी की पिछले तीन साल में ग्रोथ पॉजिटिव रही हो, एबिट्डा पॉजिटव हो, कंपनी कर्जमुक्त हो और प्रमोटर की साख अच्छी हो. इसके अलावा ऐसी कंपनी में पैसा लगाना चाहिए जो IPO से जुटाई रकम का इस्तेमाल अपने विस्तार के लिए कर रही हो.
किसी यूफोरिया में डर इस बात का होता है कि आप कई कमजोर शेयरों में पैसा लगा देते हैं और फंस जाते हैं. इससे बचकर रहना होगा. शेयर बाजार को लेकर भी इस समय एक्सपर्ट चेतावनी दे रहे हैं कि यह पीक पर है और आगे गिरावट का दौर आ सकता है. इन सब जोखिम को समझकर ही आप निवेश करें.
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