खुद को 'चार्ट का बाप' बताने वाले पर SEBI ने लगाया प्रतिबंध

नियामक ने इन कंपनियों से 17 करोड़ रुपये से ज्यादा की अवैध कमाई को जब्त करने का भी आदेश दिया

खुद को 'चार्ट का बाप' बताने वाले पर SEBI ने लगाया प्रतिबंध

सेबी ने ‘बाप ऑफ चार्ट’ के नाम से निवेश की सलाह देने वाली अनाधिकृत तीन इकाइयों को शेयर बाजार से प्रतिबंधित कर दिया. नियामक ने इन कंपनियों से 17 करोड़ रुपये से ज्यादा की अवैध कमाई को जब्त करने का भी आदेश दिया है. सेबी ने कहा कि मोहम्मद नसीरुद्दीन अंसारी खुद को निवेश सलाहकार बताता था और सोशल मीडिया मंच एक्स और मैसेजिंग मंच टेलीग्राम के माध्यम से ‘बाप ऑफ चार्ट’ के नाम से शेयर बाजार में निवेश करने की सलाह भी देता था. इससे पहले सेबी ने इस तरह की इकाइयों और सलाहकारों को बैन कर दिया है जो निवेशकों को गुमराह करते हैं.

किस-किस पर हुई कार्रवाई?

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड ने नसीरुद्दीन अंसारी के अलावा गोल्डन सिंडिकेट वेंचर्स और पदमती को भी आगामी आदेश आने तक शेयर बाजार से बैन कर दिया है. सेबी ने साफ कहा है कि ये लोग निवेश सलाहकार के रूप में कार्य करना तत्काल प्रभाव से बंद करें. नियामक ने अपने 45 पन्नों के अंतरिम आदेश के साथ ‘कारण बताओ’ नोटिस में पाया कि महज दो साल की अवधि के दौरान इन कंपनियों में 17.21 करोड़ रुपये जमा हुए हैं. सेबी ने इन रकम को भी जब्त करने का आदेश दिया है. सेबी के आदेश के बाद अब इस तरह के निवेश सलाहकार गैर-पंजीकृत और धोखाधड़ी दोनों श्रेणियों में आने लगे हैं. सेबी ने इकाइयों पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया है.

पूर्व अधिकारियों को मिला नोटिस

इसके साथ ही सेबी ने कार्वी समूह के तीन पूर्व अधिकारियों को नोटिस भेजा है. इस नोटिस में नियामक ने इन अधिकारीयों को ग्राहकों के फंड के दुरुपयोग के मामले में करीब 1.8 करोड़ रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया है. सेबी ने केएसबीएल के पूर्व उपाध्यक्ष (एफएंडए) कृष्ण हरि जी, पूर्व अनुपालन अधिकारी श्रीकृष्ण गुरजादा और पूर्व महाप्रबंधक (बैक ऑफिस परिचालन) श्रीनिवास राजू को नोटिस भेजे हैं. सेबी ने अपने नोटिस में कहा है कि कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग लिमिटेड (केएसबीएल) के पूर्व अधिकारी अगर 15 दिन के भीतर भुगतान नहीं करते हैं तो इनकी गिरफ्तारी और संपत्ति के साथ-साथ बैंक खातों की कुर्की भी की जा सकती है. इससे पहले नियामक ने इन तीनों लोगों को मई में जुर्माने का भुगतान करने को कहा था, लेकिन भुगतान नहीं होने पर अब नियामक ने यह मांग नोटिस जारी किया है. इस नोटिस के तहत कृष्ण हरि जी को 1.06 करोड़ रुपये, राजू को 42.41 लाख रुपये और गुरज़ादा को 31.81 लाख रुपये देने का आदेश दिया है. इसमें ब्याज एवं वसूली लागत भी शामिल है.

Published - October 26, 2023, 12:52 IST