आरबीआई (RBI) के आगाह करने के बावजूद अनसिक्योर्ड लोन की बकाया राशि तेजी से बढ़ रही है. देश में क्रेडिट कार्ड के बकाए की राशि पहली बार दो लाख करोड़ रुपए के पार पहुंच गई. बीते एक साल में कुल बैंक लोन के मुकाबले क्रेडिट कार्ड के बकाए की राशि तेज रफ्तार से बढ़ी है. हालांकि बैंकों का कहना है कि क्रेडिट कार्ड के बकाए की राशि को लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं है क्योंकि इसकी हिस्सेदारी कम है. देश में पांच फीसद से भी कम क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल कर रहे हैं.
हालांकि इस बारे में रिजर्व बैंक पहले ही बैंकों के अनसिक्योर्ड लोन को लेकर चेतावनी जारी कर चुका है. आरबीआई के आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल 2023 में क्रेडिट कार्ड के बकाए की राशि बढ़कर 2,00,258 करोड़ रुपए हो गई जो कि अप्रैल 2022 की तुलना में 29.7 फीसद ज्यादा है. ऐसे में क्रेडिट कार्ड की बकाया राशि का बढ़ना परेशानी का सबब है. जानकारों का मानना है कि क्रेडिट कार्ड की बढ़ती लोकप्रियता और उनके उपयोग में वृद्धि के चलते बकाया रकम में इजाफा हुआ है. इसके अलावा महंगाई का बढ़ना भी इसके लिए जिम्मेदार है.
क्या कहते हैं जानकार
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस बारे में एक्सिस बैंक के अध्यक्ष और प्रमुख (कार्ड और भुगतान) संजीव मोघे ने टिप्पणी करते हुए कहा है कि क्रेडिट कार्ड में बैलेंस शीट की वृद्धि की वजह उपभोक्ताओं का क्रेडिट कार्ड से खर्च ज्यादा करना है. पिछले साल, उपभोक्ता खर्च में इजाफा देखने को मिला है. अप्रैल में 1.3 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का क्रेडिट कार्ड स्वाइप व ऑनलाइन इस्तेमाल किया गया है.
क्या कहते हैं आंकड़े?
आरबीआई के आंकड़ों के अऩुसार अप्रैल 2023 में कुल बैंक ऋण में क्रेडिट कार्ड का बकाया हिस्सा 1.4% है जबकि हाउसिंग क्षेत्र का बकाया राशि 14.1% है और कार ऋण 3.7% है. लिहाजा क्रेडिट कार्ड का बकाया इन दिनों के मुकाबले तीसरे स्थान पर है. आरबीआई की ओर से असुरक्षित ऋणों पर चिंता शुरू से जाहिर की जा रही है. दरअसल, साल 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट से पहले, क्रेडिट कार्ड का बकाया कुल बैंक ऋण का 1.2% था. दरअसल, कोई भी आर्थिक संकट आने पर अनसिक्योर्ड लोन के डूबने की आशंका ज्यादा रहती है. इसीलिए केंद्रीय बैंक इस मोर्चे पर चिंता जता रहा है.