NSE Glitch: जेरोधा ने कहा पेनाल्टी और शॉर्ट डिलिवरी से बचने के लिए ट्रेड किए स्क्वैयर ऑफ

NSE ने बताया है कि उन्हें भी अब अपने टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स और वेंडर्स की ओर से इस मामले पर एक विस्तृत रिपोर्ट का इंतजार है.

  • Team Money9
  • Updated Date - February 25, 2021, 07:31 IST
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देश के दिग्गज डिस्काउंट ब्रोकर जेरोधा ने NSE के 24 फरवरी के टेक्निकल ग्लिच की वजह से वायदा एक्सपायरी से एक दिन पहले हुए घाटों को लेकर नाराजगी सोशल मीडिया पर बयान किया है.

NSE ने 11.40 पर ट्रेडिंग रोक दी थी और इस रुकावट के लिए एक्सचेंज ने टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स को दोष दिया था. दरअसल ये दिक्कत सुबह 10 बजे के कुछ समय बाद आई जिससे निफ्टी का स्तर अपडेट नहीं हो रहा था. 11.40 पर NSE ने कैश और F&O सेगमेंट दोनों में ट्रेडिंग रोक दी थी, हालांकि BSE पर कामकाज आम दिन जैसे चलता रहा.

एक यूजर ने ट्विटर पर लिखा, “@NSEIndia – आज के नुकसान की भरपाई कौन करेगा और @zerodhaonline ने @BSEIndia पर मेरी पोजिशन को 3.14 पर क्यों स्क्वेयर ऑफ किया गया जब NSE ने ट्रेडिंग का समय बढ़ाकर 5 बजे कर दिया था?”

वहीं एक और ने लिखा, “मैं सभी से ये कहना चाहता हूं कि जो भी @zerodhaonline से ठगा महसूस कर रहे हैं वे अपने घाटे का स्क्रीनशॉट लेकर पोस्ट करें – इन्होंने BSE पर मेरे MIS पोजिशन को NRML में स्क्वेयर ऑफ कर दिया – वो भी मेरी मर्जी के बिना. मुझे 3,197.45 का घाटा हुआ है.”

जब NSE पर ट्रेडिंग रुकी थी, कई पार्टिसिपेंट BSE पर इक्विटी में नई खरीदारी और बिक्री कर पा रहे थे. NSE पर ट्रेड होने वाले तकरीबन सभी शेयर BSE पर भी ट्रेड होते हैं. इसलिए जो लोग इक्विटी में नई खरीदारी करना चाहते थे उनके लिए कोई दिक्कत की बात नहीं थी. हालांकि ऐसे कस्टमर्स जो NSE पर वायदा और इक्विटी में MIS और CO के जरिए इंट्राडे ट्रेड करते हैं वे अपनी पोजिशन से नहीं निकल पाए.

अपने कदम पर सफाई देते हुए जेरोधा ने कहा, “NSE पर F&O के इंट्राडे ट्रेड पोजिशन को लेकर हम कुछ नहीं कर सकते थे, करीब 2.30 बजे हमने सभी कस्टमर्स को मैसेज भेजा कि हम सभी BSE पर सभी इंट्राडे NSE पोजिशन को एक्जिट कर देंगे. ये बेहद जरूरी था (और हमारे क्लाइंट्स के हित में भी) क्योंकि इन पोजिशंस को रातभर होल्ड करने से शॉर्ट डिलिवरी और बड़ा ऑक्शन पेनाल्टी लग सकता था.”

डिस्काउंट ब्रोकर ने कहा, “NSE की ओर से री-ओपन होने की संभावना या सेशन बढ़ाने को लेकर कोई अपडेट नहीं आया था, करीब 3.10 बजे हमने BSE पर सभी NSE MIS और CO पोजिशन को NRML प्रोडक्ट टाइप में स्क्वेयर ऑफ कर दिया.”

ऐसी असाधारण परिस्थिति की वजह से जेरोधा ने 24 फरवरी को सभी इंट्राडे इक्विटी और F&O स्क्वेयर ऑफ ऑर्डर्स पर से 50 रुपये का स्क्वेयर ऑफ चार्ज भी हटा दिया.

जेरोधा ने कहा कि, “3.17 के करीब जब हमने सभी इंट्राडे इक्विटी पोजिशन को अन्य ब्रोकर्स की ही तरह स्क्वेयर ऑफ कर दिया था, NSE ने अचानक ही ब्रोकर्स को जानकारी दी कि वो 3.30 पर ट्रेडिंग (प्री-ओपन) के लिए खुलेंगे और सेशन 3.45 से 5 बजे तक ट्रेडिंग चलेगी. बढ़े हुए ट्रेडिंग सेशन से F&O कस्टमर्स को अपनी पोजिशन से एक्जिट लेने का मौका जरूर मिला, इससे कई ग्राहकों में कंफ्यूजन हुआ जिनकी पोजिशन को स्क्वेयर ऑफ किया जा चुका था.”

जेरोधा ने आगे बताया कि अगर NSE ने ब्रोकर्स को री-ओपन होने या ट्रेडिंग का समय बढ़ने की संभावना की जानकारी कम से कम 3 बजे तक दे दी होती तो उन्हें जोखिम कम करने के लिए BSE पर पोजिशन को स्क्वेयर ऑफ नहीं करना पड़ता.

ब्रोकरेज ने कहा, “बदकिस्मती से, क्योंकि ब्रोकर्स को कोई अपडेट नहीं दिया गया था, हमारे पास कोई और विकल्प नहीं था. 3.17 बजे जैसे लास्ट-मिनट पर एक्सटेंशन के नोटिफिकेशन आने में थोड़ी देर हो चुकी थी.”

वहीं, दूसरी तरफ एंजेल ब्रोकिंग ने अपने ब्लॉग में कहा कि उन्होंने BSE पर सभी इंट्राडे कैश पोजिशन को स्क्वैयर ऑफ करने के बजाय एक्सचेंजों और SEBI से जानकारी मिलने का इंतजार किया.

इस बीच, 25 फरवरी को सबसे बड़े एकस्चेंज NSE ने कहा कि “ऑनलाइन रिस्क मैनेजमेंट सिस्टम में आई दिक्कत के चलते 24 फरवरी को लगभग 4 घंटे कारोबार को बंद कर दिया.”

NSE ने बताया है कि उन्हें भी अब अपने टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स और वेंडर्स की ओर से इस मामले पर एक विस्तृत रिपोर्ट का इंतजार है.

ट्रेडिंग रुकने की स्थिति पर सफाई देते हुए NSE ने कहा कि उनके पास दो सर्विस प्रोवाइडर्स के कई टेलीकॉम लिंक्स हैं जिससे कोई दिक्कत ना हो. और इन दोनों टेलीकॉम प्रोवाइडर्स ने सभी लिंक्स में अस्थिरता की सूचना दी.

Published - February 25, 2021, 07:31 IST