कल्याण ज्वेलर्स (Kalyan Jewellers) का IPO जल्द ही मार्केट में आने वाला है. कल्याण ज्वेलर्स में अमेरिकन प्राइवेट इक्विटी फंड Warburg Pincus का बड़ा निवेश है. लेकिन, आईपीओ लाने से पहले ही कंपनी ने इसका ऑफर साइज घटा दिया है. Money9 ने 11 फरवरी की रिपोर्ट में अनुमान लगाया था कि कंपनी का IPO मार्च के मध्य में आ सकता है. कंपनी के रिवाइज्ड प्लान के मुताबिक, प्राइमेरी इश्यू 800 करोड़ रुपए के आसपास का होगा. वहीं, इसमें 375 करोड़ रुपए का ऑफर फॉर सेल होगा. पहले कंपनी ने आईपीओ के लिए दाखिल DRHP में साइज 1,750 करोड़ रुपए रखा था.
प्रोमोटर्स बेचेंगे शेयर
IPO के जरिए कंपनी के प्रोमोटर्स 125 करोड़ रुपए के शेयर बेचेंगे, जबकि निजी इक्विटी निवेशक वारबर्ग पिंकस 250 करोड़ रुपए के शेयर बेचेंगे. मैनेजमेंट कंपनी का रोडमैप 11 मार्च यानि आज जारी कर सकता है.
IPO लाने में हुई देरी
केरल की ज्वेलरी रिटेल चेन को 15 अक्टूबर 2020 में SEBI से आईपीओ के लिए मंजूरी मिल चुकी है. लेकिन, महामारी और लॉकडाउन के चलते सोने की बिक्री में आई कमी से आईपीओ लाने में थोड़ी देरी हुई है. सोने की ऊंची कीमतें और कैश में बिक्री पर सरकार के प्रतिबंधों के चलते रिटेल मार्केट पर असर पड़ा है. इंडस्ट्री के लोग भी अब आईपीओ पर चिंता जताने लगे हैं. दूसरी ज्वेलरी कंपनियों की तरह कल्याण ज्वेलर्स को भी साल 2020 की पहली दो तिमाही में बड़े पैमाने पर झटका लगा है. हालांकि, साल की दूसरी छमाही में कल्याण ज्वेलर्स की बिक्री में सुधार हुआ है और यह महामारी से पहले की हालात में पहुंच गई है. लेकिन, एक अधिकारी का मानना है कि पूरे साल इस तरह की बिक्री रखना काफी मुश्किल है.
पिछले साल कमाया था मुनाफा
साल 2019-20 में कल्याण ज्वेलर्स को 142.27 करोड़ का मुनाफा कमाया था. वहीं, इस दौरान ऑपरेशंस से उसे 10,181 करोड़ रुपए का राजस्व हासिल हुआ था. इससे पिछले वित्त वर्ष 2018-19 में कंपनी ने 4.86 करोड़ रुपए का घाटा दर्शाया था. वहीं, उसकी आय 9,814 करोड़ रुपए रही थी. फिलहाल, कंपनी के पास 137 आउटलेट्स हैं.
महामारी से पड़ा कारोबार पर असर
महामारी के बाद दूसरी रिटेल गोल्ड चेन की तरह कल्याण ज्वेलर्स को भी लिक्विडिटी से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ा है. कुछ कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर्स ने कंपनी की तरफ से मिलने वाली पेमेंट में देरी के चलते अपना कारोबार में भी कटौती की है. इंडस्ट्री के एक अधिकारी ने Money9 को बताया कि मार्जिन में गिरावट के चलते कुछ कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर्स ने पेमेंट में हुई एक महीने से ज्यादा की देरी के बाद अपने कारोबार में भी कटौती कर दी है.
जल्द लॉन्च होगा आईपीओ
फरवरी में प्रोमोटर्स ग्रुप के एक वरिष्ठ अधिकारी ने Money9 को बताया था कि IPO को बाजार में वित्त वर्ष खत्म होने से पहले उतारने की योजना है. वित्त वर्ष 2020-21 की पहली दो तिमाही में मुश्किलों के बाद तीसरी तिमाही में पॉजिटिव नंबर्स रिपोर्ट किए हैं, चौथी तिमाही में भी अच्छे नतीजे आने की उम्मीद है. पहली तिमाही में लगभग सभी रिटेल आउटलेट्स बंद थे. सिर्फ 20 फीसदी कारोबार हुआ. दूसरी तिमाही में 80 फीसदी आउटलेट्स को खोला गया. इसके अलावा लॉकडाउन के चलते काफी प्रभाव देखने को मिला.
क्या है रिवाइज्ड प्लान?
कंपनी ने अपने रिवाइज्ड प्लान में साल 2020 में जारी किए गए 1,750 करोड़ रुपए के आईपीओ साइज में कटौती की है. DRHP के मुताबिक, IPO में 1,000 करोड़ रुपए की फ्रेश इक्विटी और 750 करोड़ रुपए का ऑफर फॉर सेल जारी किया जाना था. पहले के प्लान के मुताबिक, कंपनी प्रोमोटर्स टीएस कल्याणरमण 250 करोड़ रुपए के शेयर बेचने वाले थे. वहीं, इक्विटी निवेशक वारबर्ग पिंकस की OFS के जरिए 500 करोड़ रुपए के शेयर बेचने की योजना थी.
ज्वेलरी सेक्टर में बड़ा निवेश
वारबर्ग पिंकस ने कंपनी में दो किस्तों में कुल 1,700 करोड़ रुपए का निवेश किया है. साल 2014 में 1200 करोड़ रुपए का सबसे बड़ा प्राइवेट इक्विटी निवेश किया था, यह भारत के ज्वेलरी सेक्टर में सबसे बड़ा निवेश था. इसके बाद 2017 में दूसरी किस्त में 500 करोड़ रुपए का निवेश किया गया. टीएस कल्याणरमण की कंपनी में 27.41 फीसदी हिस्सेदारी है. प्रोमोटर्स में उनके अलावा बेटे टीके सीताराम और टीके रमेश की 22.17-22.17 फीसदी की हिस्सेदारी है. वारबर्ग पिंकस की कंपनी में 24 फीसदी हिस्सेदारी है. कंपनी पर 31 मार्च, 2020 तक कुल कर्ज 3640.3 करोड़ रुपए का है. इसमें मेटल गोल्ड लोन भी शामिल है.
IPO के लीड मैनेजर नियुक्त
कंपनी ने आईपीओ के लिए एक्सिस कैपिटल, सिटीग्रुप ग्लोबल मार्केट इंडिया, ICICI सिक्योरिटीज और SBI कैपिटल मार्केट ग्लोबल कॉर्डिनेटर और लीड मैनेजर हैं.