दलाल स्ट्रीट पर जहां IPO की बारिश हो रही है. वहीं पांच कंपनियां इसके जरिए 13,187.36 करोड़ रुपये जुटाने वाली हैं.
शेयर बाजार में तेजी के दौर का कंपनियों ने जमकर फायदा उठाया है. 2020-21 में स्टॉक मार्केट में कंपनियों में IPO के जरिए 31,000 करोड़ रुपये से ज्यादा जुटाने में कामयाबी हासिल की है. IPO के जरिए जुटाई गई रकम के लिहाज से गुजरे तीन वर्षों में ये सबसे बड़ा साल रहा है. यही नहीं, मार्केट में IPO की ये झड़ी अगले साल भी जारी रहने की उम्मीद है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि IPO का ये सिलसिला 2021-22 में भी मजबूती से जारी रहने की उम्मीद है.
IIFL सिक्योरिटीज के रिटेल के CEO संदीप भारद्वाज कहते हैं कि IPO पाइपलाइन अभी भी मजबूत बनी हुई है और 28 कंपनियों के पास सेबी के एप्रूवल मौजूद हैं. ये कंपनियां IPO के जरिए 28,710 करोड़ रुपये जुटाने की कोशिश में हैं.
सेंट्रम कैपिटल के इनवेस्टमेंट बैंकिंग के मैनेजिंग डायरेक्टर राजेंद्र नायक कहते हैं कि इसके अलावा, LIC, HDB फाइनेंशियल सर्विसेज, NCDEX, ESAF स्मॉल फाइनेंस बैंक के भी 2021-22 में अपने IPO उतारने की उम्मीद है.
स्टॉक एक्सचेंजों के पास मौजूद आंकड़ों के विश्लेषण के मुताबिक, 2020-21 में 30 कंपनियों ने IPO के जरिए 31,277 करोड़ रुपये कमाए हैं. यह इससे एक साल पहले के IPO के जरिए 13 कंपनियों के जुटाए गए 20,352 करोड़ रुपये के आंकड़े से काफी ज्यादा है.
इससे पहले 2018-19 में 14 कंपनियों ने अपने IPO उतारे थे और 14,719 करोड़ रुपये जुटाए थे. 2017-18 में 45 कंपनियों ने कुल मिलाकर 82,109 करोड़ रुपये IPO से कमाए थे.
IPO के अलावा, 2020-21 में यस बैंक का 15,000 करोड़ रुपये का फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर भी आया.
इस साल ज्वैलरी, टेक्नोलॉजी, स्पेशियलिटी केमिकल्स, बैंकिंग और फाइनेंशियल सर्विसेज जैसे अलग-अलग सेक्टरों की कंपनियों ने IPO के जरिए पूंजी जुटाई है.
नायक कहते हैं कि IPO के जरिए पैसे जुटाने के लिए कंपनियों की होड़ के पीछ मार्केट में चल रहा तेजी का दौर है. सेकेंडरी मार्केट में सेंटीमेंट में सुधार ने प्राइमरी मार्केट को भी सपोर्ट दिया है.
उन्होंने कहा कि मार्केट में भरपूर लिक्विडिटी और उम्मीद से बेहतर आर्थिक रिकवरी ने भी मार्केट के सेंटीमेंट को मजबूत किया है और यह चीज प्राइमरी मार्केट में भी दिख रही है.