देश के IPO बाजार में इस साल सरगर्मी बनी हुई है. इस साल जनवरी से अब तक कई IPO मार्केट में एंट्री कर चुके हैं. इनमें से कई को जबरदस्त रेस्पॉन्स भी मिला है. इसी कड़ी में अब कैजुअल डाइनिंग चेन बारबेक्यू नेशन हॉस्पिटैलिटी इस हफ्ते अपना आईपीओ (IPO) ला सकती है. मर्चेंट बैंकिंग सूत्रों ने इस बात की जानकारी दी है. इस IPO की खास बात यह है कि इस कंपनी को भी दिग्गज निवेशक राकेश झुनझुनवाला का समर्थन हासिल है. इस लिहाज से राकेश झुनझुनवाला के निवेश वाली यह दूसरी कंपनी होगी जिसका IPO हाल के वक्त में आ रहा है. शुक्रवार को ही झुनझुनवाला के सपोर्ट वाली गेमिंग कंपनी नजारा टेक्नोलॉजीज का IPO बंद हुआ है. नजारा का IPO 175 गुना ओवरसब्सक्राइब हुआ है.
बारबेक्यू नेशन हॉस्पिटैलिटी में प्राइवेट इक्विटी इनवेस्टर CX पार्टनर्स और राकेश झुनझुनवाला की इनवेस्टमेंट फर्म अलकेमी कैपिटल का निवेश है. सूत्रों के मुताबिक, कंपनी के इनीशियल पब्लिक ऑफर (IPO) में 180 करोड़ रुपये के फ्रेश शेयर इश्यू होंगे, जबकि 54,57,470 शेयर ऑफर-फॉर-सेल के लिए होंगे. सूत्रों ने कहा कि कंपनी एक्सपोनेंशिया कैपिटल और जुबिलेंट फूडवर्क्स को प्री-IPO प्लेसमेंट के जरिए 150 करोड़ रुपये पहले ही जुटा चुकी है.
IPO से मिलने वाली रकम का इस्तेमाल कंपनी विस्तार पर लगाएगी. इसके अलावा, कंपनी कुछ उधारियों को चुकाने और आम कंपनी के कामकाज के लिए भी इस पूंजी का इस्तेमाल करेगी.
कंपनी के प्रमोटरों में सायाजी होटल्स, सायाजी हाउसकीपिंग सर्विसेज, कयुम धानानी, रऊफ धानानी और सुचित्रा धानानी शामिल हैं. इसे पीई फर्म CX पार्टनर्स का समर्थन हासिल है. इस पीई फर्म ने 2013 और 2015 ने कंपनी में पहले निवेश किए थे. प्रमोटरों की कंपनी में हिस्सेदारी 60.24 फीसदी है. सीएक्स पार्टनर्स की हिस्सेदारी 33.79 फीसदी है, जबकि झुनझुनवाला की इनवेस्टमेंट फर्म की इसमें 2.05 फीसदी हिस्सेदारी है.
2019-20 में कंपनी का कुल ऑपरेटिंग रेवेन्यू 850.8 करोड़ रुपये रहा है, जबकि 2016-17 से 2019-20 के दौरान कंपनी का CAGR 19.5 फीसदी रहा है. बारबेक्यू नेशन हॉस्पिटैलिटी ने पिछले साल फरवरी में प्रीलिमिनेरी पेपर्स दाखिल किए थे. इसके बाद जुलाई 2020 में उसे IPO लाने के लिए सेबी से मंजूरी मिल गई थी.
इस इश्यू को IIFL सिक्योरिटीज, एक्सिस कैपिटल, एंबिट कैपिटल और SBI कैपिटल मार्केट्स मैनेज कर रहे हैं. इससे पहले भी कंपनी ने 2017 में IPO के लिए सेबी के पास कागज जमा कराए थे. उस वक्त कंपनी 700 करोड़ रुपये जुटाना चाहती थी. हालांकि, इस IPO को जनवरी 2018 में मंजूरी मिली. लेकिन, कंपनी ने खराब मार्केट स्थितियों को देखते हुए उस वक्त IPO लॉन्च नहीं किया था.