बारबेक्यू नेशन का IPO 6 गुना सब्सक्राइब हुआ

नॉन-इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स की कैटेगरी में ये IPO 3.10 गुना सब्सक्राइब हुआ, जबकि रिटेल इनवेस्टर्स (RII) के मामले में ये 13.13 गुना रहा.

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pixabay, JM फाइनेंशियल्स ने Zomato के शेयर के लिए 170 रुपये का प्राइस टारगेट रखा है, जो 28% की वृद्धि है.

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कैजुअल डाइनिंग चेन बारबेक्यू नेशन हॉस्पिटैलिटी का आईपीओ (IPO) शुक्रवार को सब्सक्रिप्शन के आखिरी दिन 5.98 फीसदी सब्सक्राइब हुआ.
NSE के आंकड़ों के मुताबिक, कंपनी के 453 करोड़ रुपये के इश्यू के लिए 2,99,01,510 शेयरों के लिए बोली लगाई गई, जबकि 49,99,609 शेयर बिक्री के लिए ऑफर किए गए थे.
क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) की कैटेगरी में सब्सक्रिप्शन 5.11 गुना ज्यादा रहा, नॉन-इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स की कैटेगरी में ये 3.10 गुना और रिटेल इंडीविजुअल इनवेस्टर्स (RII) के मामले में ये 13.13 गुना रहा.
इनीशियल पब्लिक ऑफर (IPO) में 180 करोड़ रुपये का फ्रेश इश्यू और 54,57,470 इक्विटी शेयरों को ऑफर फॉर सेल के लिए रखा गया था. इस IPO का प्राइस बैंड 489-500 रुपये रखा गया था.
बारबेक्यू नेशन हॉस्पिटैलिटी ने मंगलवार को एंकर इनवेस्टर्स के जरिए 203 करोड़ रुपये जुटाए हैं. बारबेक्यू नेशन हॉस्पिटैलिटी को पीई इनवेस्टर CX पार्टनर्स और मशहूर शेयर बाजार निवेश राकेश झुनझुनवाला की इनवेस्टमेंट फर्म अलकेमी कैपिटल का समर्थन हासिल है.
फ्रेश इश्यू से मिलने वाली रकम का इस्तेमाल कंपनी की विस्तार की योजनाओं को पूरा करने और कुछ उधारियों को चुकाने में किया जाएगा. इसके अलावा, ये रकम कंपनी के रोजमर्रा के कामकाजों में भी खर्च की जाएगी.
कंपनी के प्रमोटरों में सायाजी होटल्स, सायाजी हाउसकीपिंग सर्विसेज, कयूम धानानी, रऊफ धानानी और सुचित्रा धानानी शामिल हैं.
इस इश्यू के बारे में ब्रोकरेज हाउसेज का मानना रहा है कि डाइनिंग रेस्टोरेंट चेन का मार्केट भारत में बढ़ रहा है और इस बिजनेस के लिए कई संभावनाएं भी हैं. लेकिन, कोरोना संकट की वजह से कई चुनौतियां और अनिश्चितता भी बनी हुई है. एंजल ब्रोकिंग ने इश्यू पर न्यूट्रल रेटिंग दी है. एंजल ब्रोकिंग के मुताबिक, वित्त वर्ष 2018 से 2020 के बीच 20 फीसदी के CAGR पर रेवेन्यू ग्रोथ दर्ज की है. अच्छी सेल्स के बावजूद कंपनी लगातार घाटे में रही है. कोविड-19 की वजह से भी कंपनी के ऑपरेशन पर निगेटिव असर पड़ा है और आगे भी मुनाफे के मोर्चे पर दबाव दिख सकता है. ऊपरी प्राइस बैंड पर वित्त वर्ष 2020 की EV/बिक्री के आधार पर 2.4 गुना वैल्यूएशन निकल कर आता है.
AUM कैपिटल ने बढ़ते कोरोना रिस्क, लॉकडाउन और पाबंदियों की वजह से इश्यू की रेटिंग नहीं की है. उनके मुताबिक, कंपनी के घाटे और बुक वैल्यू की वजह से वे इसे रेटिंग नहीं दे रहे हैं.

Published - March 26, 2021, 08:58 IST