ऑफिस में बैठे अमित ने एक दिन अपनी क्रेडिट रिपोर्ट चेक की तो उनके होश ही उड़ गए. इस रिपोर्ट में उनके नाम और पैन कार्ड पर बकाया लोन दिख रहा था. अमित ने तो कभी कोई लोन लिया ही नहीं था. और अब देखो वह बिना कर्ज लिए ही बन गए कर्जदार… वह आइडेंटिटी थेफ्ट का शिकार हुए… उनके नाम पर किसी ने फ्रॉड कर डाला. अमित के साथ जो हुआ वो किसी के साथ भी हो सकता है. इससे बचने के लिए समय–समय पर अपनी क्रेडिट रिपोर्ट चेक करते रहना जरूरी है. अगर आप पर कोई कर्ज नहीं भी है लेकिन आगे लेने की तैयारी है या क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल करते हैं तो अपनी क्रेडिट रिपोर्ट पर नजर रखें.
Rectifycredit.com की फाउंडर–डायरेक्टर अपर्णा रामचंद्र कहती हैं कि आपको अपना क्रेडिट स्कोर हर छह महीने पर चेक करना चाहिए. आप हर साल, क्रेडिट रिपोर्ट बनाने वाली एजेंसी से साल में एक बार मुफ्त क्रेडिट रिपोर्ट डाउनलोड कर सकते हैं. TransUnion CIBIL, Equifax, Experian and CRIF Highmark जैसी चार एजेंसियां हैं जो आपको फ्री रिपोर्ट्स देती हैं. रिजर्व बैंक के निर्देश के मुताबिक उन्हें ग्राहक को साल में एक बार फ्री रिपोर्ट देनी होगी. इस तरह आप सालभर में चार बार निशुल्क क्रेडिट रिपोर्ट निकाल सकते हैं. किसी तरह की गड़बड़ी दिखे तो तुरंत लिखित शिकायत दर्ज करें.
ध्यान रहे आपको क्रेडिट एजेंसी से ही रिपोर्ट डाउनलोड करनी चाहिए. बैंक और निजी प्लेटफॉर्म इसके लिए आपके पर्सनल डेटा को एक्सेस करने की परमिशन मांगते हैं. इस जानकारी का गलत इस्तेमाल हो सकता है.
कैसे तय होता है क्रेडिट स्कोर?
बैंक आपके लोन अकाउंट या क्रेडिट कार्ड से जुड़ी जानकारियां सिबिल को भेजते हैं. क्रेडिट स्कोर आपके वित्तीय व्यवहार का लेखा–जोखा है. कई चीजें हैं जो आपके क्रेडिट स्कोर पर असर डालती हैं. जैसे कि पेमेंट हिस्ट्री, आउटस्टैंडिंग अमाउंट, लंबी क्रेडिट हिस्ट्री और आप क्या और लोन लेने के लिए पूछताछ कर रहें हैं यानी लोन इंक्वायरी. आपका स्कोर इन बातों से प्रभावित होता है. 650 से ऊपर का क्रेडिट स्कोर रखने वाले किसी भी व्यक्ति को लोन देने के लिए या क्रेडिट कार्ड के लिए ठीक माना जाता है. लेकिन कम इंटरेस्ट रेट पर जल्दी से लोन मंजूर कराने या जल्दी से क्रेडिट कार्ड पाने के लिए क्रेडिट स्कोर 750 और 900 के बीच होना चाहिए.
गडबड़ी की शिकायत कहां करें?
आपने जिस क्रेडिट एजेंसी से रिपोर्ट निकाली है उनके पास लिखित शिकायत करें. साथ ही बैंक के नोडल अफसर के पास भी लिखित शिकायत करें. कई बार रिपोर्टिंग में बैंक से भी गलती हो जाती है तो बैंक गलती सुधारें. अगर क्रेडिट एजेंसी या बैंक आपके निवेदन पर 30 दिनों तक कोई रेस्पांस नहीं देते हैं तो आप इसकी शिकायत रिजर्व बैंक और बैंक लोकपाल से कीजिए.
क्या होता है आइडियल स्कोर?
अगर आपका स्कोर 750 से ऊपर है तो यह बहुत ही अच्छा है. दूसरी ओर, 600 से कम का स्कोर आपके लोन अप्रूवल को मुश्किल बना देगा.
मनी9 की सलाह
अपने क्रेडिट स्कोर को समय–समय पर चेक करना जरूरी है. अगर आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा है, तो आपको कार लोन, पर्सनल लोन और यहां तक कि होम लोन भी कम इंटरेस्ट रेट पर मिल जाएगा. इसके अलावा बैंक क्रेडिट कार्ड जारी कर सकता है और आपको उस पर ज्यादा क्रेडिट लिमिट मिलेगी. लेकिन अगर आपका स्कोर कम है, तो यह जरूरी है कि आप उस पर नजर रखें और उसे बेहतर करने की कोशिश करें.