जब काम करने की उम्र गुजर जाएगी तो खर्चा कैसे चलेगा? राहुल और रीमा जो सोच रहें हैं वैसे ही सवाल देश की हर मिडिल क्लास फैमिली के दिमाग में भी उठते रहते हैं. आईसीसीआई प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस का रिटायरमेंट सर्वे बताता है कि कि 83 फीसदी लोगों के लिए रिटायरमेंट एक बड़ी चिंता हैं. सर्वे में शामिल 67% लोग रिटायरमेंट की बचत पर सबसे बड़ा खतरा जीवन जीने की लागत यानी महंगाई और इलाज पर बढ़ता खर्च मानते हैं. महंगाई से लड़ना है तो राहुल के लिए केवल निवेश करना ही जरूरी नहीं है बल्कि सही निवेश चुनना भी उतना ही जरूरी है.
कैसे करें प्लानिंग?
राहुल को सबसे पहले गणना करनी चाहिए कि उन्हें रिटायर्ड लाइफ के लिए कितने पैसों की जरूरत पड़ेगी. अभी राहुल की उम्र 32 साल है और वह 60 साल में रिटायर होना चाहते हैं. अगर मानकर चलें की 85 साल तक जिंदा रहेंगे तो उन्हें रिटायर होने के बाद 25 साल तक के खर्चों का इंतजाम करना होगा. हर महीने राशन, घर के तमाम बिल, फीस और ईएमआई (EMI) में वह 60,000 रुपए खर्च करते हैं. अगर 6 फीसद की औसत महंगाई का अनुमान रखें तो साल 2051 में इन खर्चों के लिए राहुल को 3,06,701 रुपए की जरूरत पड़ेगी. 25 साल तक इतने खर्च के लिए इनके पास लगभग 7 करोड़ का कॉर्पस इकट्ठा करना होगा.
कैसे जोड़ें फंड?
राहुल का लक्ष्य है रिटायरमेंट के लिए 7 करोड़ का कॉर्पस जमा करना. तो कैसे इंतजाम होगा इन पैसों का? राहुल की टेंशन थोड़ी कम करते हैं. 7 करोड़ में 1.5 करोड़ रुपए का इंतजाम राहुल कर चुके हैं. राहुल सैलरीड हैं और उनके पीएफ में हर महीने उनकी बेसिक सैलरी का 24% हिस्सा जमा हो रहा है. उनके 60 साल के होने पर उन्हें ये पैसा मिलेगा. सात करोड़ में 1.5 करोड़ रुपए का इंतजाम हो गया अब बचे 5.50 करोड़ रुपए. एक्सपर्ट्स मानते हैं कि जब आपके पास लंबा समय हो तो आप इक्विटी से जुड़े निवेश को चुनें. क्योंकि ये महंगाई को मात देने में दूसरे निवेश के मुकाबले सफल रहते हैं.
इक्विटी में निवेश से मिलेगी मदद
राहुल के पास निवेश करने के लिए 28 साल का वक्त है. अगर वह अभी इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश शुरू कर दें तो 5.50 करोड़ का कॉर्पस आसानी से जमा कर पाएंगे. हर महीने सिस्टेमैटिक इनवेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिए इक्विटी म्यूचुअल फंड में 29,000 रुपए का निवेश करें, 10.5% के अनुमानित रिटर्न के हिसाब से 28 साल में ये 5.90 करोड़ की पूजी जमा कर लेंगे. अगर राहुल 29,000 रुपए का निवेश करने की स्थिती में नहीं है तो हर महीने 11,000 रुपए के निवेश से शुरुआत करके सालाना इसे 10फीसदी से बढ़ाते हुए 5.50 करोड़ के कॉर्पस तक पहुंच सकते हैं.
और क्या है विकल्प?
म्यूचुअल फंड बाजार के उतार-चढ़ाव के मुताबिक रिटर्न देते हैं. इसलिए इनके प्रदर्शन पर नजर रखनी होगी. अगर राहुल अपने निवेश को नियमित ट्रैक नहीं कर सकते तो म्यूचुअल फंड में एनपीएस (NPS) के जरिए निवेश कर सकते हैं. एनपीएस में पीएफआरडीए के अप्रूवड पेंशन फंड मैनेजर रिटायरमेंट के लिए खास फंड बनाते हैं. ई-एनपीएस (eNPS) की बेबसाइट पर ऑनलाइन रजिस्टर होकर निवेश शुरू कर सकते हैं. पेंशन फंड निवेशक की उम्र के हिसाब से इक्विटी, कॉर्पोरेट डेट और सरकारी सिक्योरिटी में निवेश करते हैं. पिछले पांच साल में पेंशन फंड ने 9-10% का रिटर्न दिया है.
अगर राहुल 29,000 का निवेश MF की जगह NPS में करें तब भी 5.30 करोड़ का फंड इकठ्ठा कर लेंगे. लेकिन NPS का ड्रॉबैक है कि निवेशक को मैच्योरिटी पर पूरी रकम नहीं मिलती है. 60 साल की उम्र तक पैसा लॉक रहता है और उसके बाद जब आप एनपीएस का पैसा निकालते हैं तो आपके हाथ में सिर्फ 60 फीसद पैसा ही टैक्स फ्री आता है. ऐसे में इनके हाथ आएगा 3.18 करोड़ रुपए आएंगे और 2.12 करोड़ की एन्युटी लेनी होगी. ये एन्युटी जब भी आपके हाथ में आती है तो पूरी तरह से टैक्सेबल होती है. वहीं जब आप एनपीएस के जरिए नहीं बल्कि म्यूचुअल फंड में सीधे निवेश करते हैं तो पूरा पैसा निकालने की आजादी रहती है.
राहुल की तरह हर रिटायरमेंट प्लानिंग के तीन अहम स्टेप हैं- पहला, ये समझना कि पूंजी कितनी चाहिए, दूसरा निवेश चुनना और तीसरा निवेश शुरू करना. निवेश शुरू करने का सबसे अच्छा समय है अभी है. जितनी देर करेंगे लक्ष्य तक पहुंचने के लिए उतना ही ज्यादा निवेश करना पड़ेगा. जब तक आप कमा रहे हैं आपको शॉपिंग करने के लिए क्रेडिट कार्ड देने के लिए बैंक उतावले रहेंगे, हर छोटी-बड़ी जरूरत के लिए लोन देने वालों की लाइन लग जाएगी. लेकिन रिटायरमेंट के बाद लोन देने वाला आपको दूर दूर तक नहीं मिलेगा. इसलिए इसकी प्लानिंग आपकी फाइनेंशिल लाइफ की सबसे जरूरी प्लानिंग है और इसे नजरंदाज मत कीजिए.