बहादुरगढ़ की फैक्टरी में काम करने वाले सुधीर ने लॉकडाउन में क्रेडिट कार्ड से 60,000 रुपए का लोन लिया. कोरोना की चपेट में आने से उनका बजट बिगड़ गया. इस कर्ज को वह अभी तक नहीं चुका पाए हैं. ब्याज पर ब्याज और पेनाल्टी लगने से अब यह देनदारी लाखों में पहुंच गई है. यह सिर्फ सुधीर की कहानी नहीं है. आजकल बड़ी संख्या में लोग पैसों की अचानक जरूरत पड़ने पर ऐप और क्रेडिट कार्ड के जरिए बिना सोच–समझे महंगा लोन ले लेते हैं. जब चुकाने की बारी आती है तो तमाम तरह की मुश्किलें उठानी पड़ती है.
देश में पर्सनल लोन का आकार तेजी से बढ़ रहा है. RBI के आंकड़ों के अनुसार देश में सितंबर 2021 में बैंकों के पर्सनल लोन का साइज 26 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच गया. इस दौरान बैंकों के कुल लोन में पर्सनल लोन की हिस्सेदारी 27.4 फीसद रही. एक साल पहले की इसी अवधि में यह 25 फीसद और पांच साल पहले 19.3 फीसद थी. हालांकि जरूरी काम के लिए कर्ज लेने में कोई बुराई नहीं है लेकिन कर्ज लेकर घी पीने में कोई समझदारी नहीं है. अगर कर्ज ले भी रहे हैं तो सबसे पहले सस्ते कर्ज का विकल्प तलाशें. ऐसे कई विकल्प हैं जिनके जरिए आसानी से लोन मिल जाता है. यह कर्ज पर्सनल लोन जैसे अन्य विकल्पों की तुलना में काफी किफायती साबित होता है.
क्या हैं विकल्प
आमतौर पर लोग जीवन बीमा पालिसी जरूर खरीदते हैं. कई पॉलिसियों पर कर्ज का विकल्प मिलता है. इसके लिए अपने बीमा एजेंट की सेवाएं भी ले सकते हैं. वह चंद दिनों में आपकी पालिसी पर लोन दिला देगा. इस काम को ऑनलाइन भी पूरा कर सकते हैं.
कितना मिलेगा कर्ज
बीमा पालिसी पर कर्ज की राशि कई बातों पर निर्भर करती है. इसमें पालिसी की अवधि और उसकी फंड वैल्यू प्रमुख होते हैं. आमतौर पर कंपनियां लोन की गणना सरेंडर वैल्यू के हिसाब से करती हैं. सरेंडर वैल्यू के 85 फीसद तक लोन आसानी से मिल जाता है. चाइल्ड प्लान, मनी बैक, एन्युटी प्लान जैसे विशेष उत्पादों पर लोन की सुविधा नहीं मिलती.ॉ
कितना लगेगा ब्याज
फिलहाल पर्सनल लोन और क्रेडिट कार्ड के लोन पर ब्याज की दर सालाना 11 से 36 फीसद के बीच है. बीमा पालिसी पर लोन पर ब्याज नौ फीसद के करीब है. बीमा कंपनियां कर्ज पर ब्याज की दर अपनी लागत के अनुसार तय करती हैं. बाजार के रुख के अनुसार समय–समय पर इन दरों में बदलाव होता रहता है. पालिसी धारक इस लोन की वापसी के लिए मासिक, तिमाही, छमाही अथवा वाषिर्क किस्तों में भुगतान का विकल्प चुन सकता है. यदि आपके पास कहीं से नकदी की व्यवस्था हो जाती है तो इसका एक साथ भी भुगतान किया जा सकता है.
और भी हैं विकल्प
एफडी पर आसानी से लोन मिल जाता है. मामूली सी औपचारिकताएं पूरी करने पर ही यह लोन आसानी से मिल जाता है. यह कर्ज एफडी पर मिलने वाले ब्याज की तुलना में एक फीसद तक महंगा होता है. इसके अलावा, ईपीएफ, पीपीएफ, एनएससी, किसान विकास पत्र आदि पर कर्ज का प्रावधान है. बैंकों के पर्सनल लोन की तुलना में यह काफी सस्ता पड़ता है.
वित्तीय सलाहकार जितेन्द्र सोलंकी कहते हैं कि आपात स्थिति में पुराने निवेश पर लोन का एक अच्छा विकल्प है. यह कर्ज सुरक्षित होता है इसलिए सस्ता होता है. इससे कर्ज देने वाले संस्थान को कोई नुकसान नहीं होता बल्कि कुछ कमाई हो जाती है. इसलिए कर्ज की प्रक्रिया काफी सरल है. हालांकि यह कर्ज बहुत ही जरूरी काम होने पर ही लेना चाहिए.
मनी9 की सलाह
जीवन बीमा पालिसी, पीपीएफ, ईपीएफ और एफडी पर आसानी से लोन मिल जाता है. लेकिन इस सुविधा का सिर्फ आपातकाल में ही उपयोग करना चाहिए. आप कर्ज के रूप में जो रकम निकाल लेते हैं तो उस रकम का चक्रवृद्धि प्रभाव कम हो जाता है जो आपकी रकम को बड़ी पूंजी में तब्दील करता है. इसके बावजूद यह ऊंची दर के पर्सनल लोन और क्रेडिट कार्ड के लोन से सस्ता पड़ता है. आड़े वक्त में सस्ते लोन के विकल्पों का इस्तेमाल कर सकते हैं.