सस्ता लोन पाने का क्या है तरीका?

अगर ग्राहक का पिछला रिकॉर्ड अच्छा है, डिफॉल्ट नहीं हुए हैं और समय से वो भुगतान करता आया है तो कम ब्याज दर पर लोन मिल सकता है.

सस्ता लोन पाने का क्या है तरीका?

ग्राहक का पिछला रिकॉर्ड अच्छा है तो कम ब्याज दर पर लोन मिल सकता है लोन. (Photo credit: TV9 Bharatvarsh)

ग्राहक का पिछला रिकॉर्ड अच्छा है तो कम ब्याज दर पर लोन मिल सकता है लोन. (Photo credit: TV9 Bharatvarsh)

सस्ते होम लोन का विज्ञापन देखकर बैंक पहुंचे अजय उस वक्त हैरान हो गए जब मैनेजर ने उन्हें काफी महंगे लोन की पेशकश की। बैंक के बड़े बड़े इश्तेहारों के बाद भी अजय को सस्ता कर्ज क्यों नहीं मिला? सीधी सी बात है कर्ज का बाजार ग्राहक की साख के आधार पर कर्ज की दर तय करते हैं. और क्रेडिट स्कोर यानी CIBIL वो पैमाना है जो आपके घर, कार या पर्सनल लोन का ब्याज तय करता है. खराब क्रेडिट स्कोर वालों को महंगा लोन मिलता है और कई बार तो लोन कैंसिल भी हो जाता है. जबकि अच्छे क्रेडिट स्कोर वालों को बैंक सस्ता कर्ज देते हैं.

इस बारे में rectifycredit.com की फाउंडर अपर्णा रामचंद्रा बताती हैं कि पर्सनल लोन और क्रेडिट कार्ड जैसे अनसिक्योर्ड लोन देने से पहले तो क्रेडिट स्कोर बहुत जरूरी रहता है. खराब क्रेडिट स्कोर की स्थिति में इसे बैंक लोन की एप्लीकेशन को रिजेक्ट कर देता है. घर या कार जैसे लोन जिसमें आप अपनी संपत्ति को गिरवी रखते हैं उसमें बैंक लोन देने के लिए तैयार तो रहते हैं लेकिन ब्याज पर जोरआजमाइश करते हैं. अच्छे क्रेडिट स्कोर वाले ग्राहक को अगर 7 फीसद ब्याज पर लोन मिल सकता है, वहीं खराब क्रेडिट स्कोर वाले के लिए ये ब्याज 12 से 15 फीसद तक ऊंचा हो सकता है.

क्या जानना चाहते हैं बैंक ?

लोन देने से पहले बैंक ग्राहक के लोन लेने की आदत और उसे चुकाने के तरीके से लेकर उसके हर वित्तीय लेनदेन को पैनी निगाह रखते हैं. बैंक जानना चाहते हैं कितन

आपने कितने कर्ज लिए हैं, इनका भुगतान समय पर किया या नहीं, क्रेडिट कार्ड के बिल का पेमेंट समय रहते करते हैं या मिनिमम ड्यू देते हैं, क्रेडिट कार्ड में मौजूद क्रेडिट का इस्तेमाल कितना करते हैं, क्या कभी चेक बाउंस हुआ है, कोई इनएक्टिव बैंक अकाउंट तो नहीं, क्या आप नए कर्ज के लिए बारबार पूछताछ कर रहें हैं और क्या किसी ऐसे लोन के गारंटर हैं जो डिफॉल्ट कर गया हो. (ग्राफिक्स आउट)

इन पैरामीटर्स पर 300 से 900 के बीच स्कोर मिलता है. इसे ही कहते हैं क्रेडिट स्कोर यानी CIBIL स्कोर. अगर यह स्कोर 300 के आसपास है तो यह बहुत खराब है. 750 से 900 का क्रेडिट स्कोर अच्छा माना जाता है. इस स्केर के लोगों को कम दर पर भी आसानी से लोन मिल जाता. तमाम वित्तीय संस्थान 600 से नीचे के स्कोर वाले लोगों को लोन नहीं देते.

क्या क्रेडिट स्कोर और CIBIL अलग होते हैं ?

आपने कई बार क्रेडिट स्कोर को CIBIL स्कोर कहते हुए सुना होगा, क्या इन दोनों में क्या कोई फर्क है? CIBIL का फुल फॉर्म Credit Information Bureau India Limited है. Transunion CIBIL कंपनी है जो लोन का रिकॉर्ड मेंटेन करती है. इसी तरह देश में तीन और कंपनियां हैं CRIF Highmark, Experian और Equifax. ट्रांस यूनियन CIBIL सबसे पुरानी कंपनी है इसलिए ये नाम लोगों की जुबान पर चढ़ गया.

दरअसल आप देखते तो क्रेडिट स्कोर हैं लेकिन इसे लोग CIBIL स्कोर भी बोलते हैं. चारों ही कंपनी बैंक के लोन और अकाउंट का हिसाब रखती हैं. और इसी के आधार क्रेडिट रिपोर्ट तैयार करती हैं. इसी आधार पर तीन अंकों का स्कोर दिया जाता है.

ये स्वाभाविक है कि कोई भी लोन देने वाला जानना चाहेगा कि वो जिसे लोन दे रहा है वो लोन लौटाने की मंशा और क्षमता रखता है या नहीं. अगर ग्राहक का पिछला रिकॉर्ड अच्छा है, डिफॉल्ट नहीं हुए हैं और समय से वो भुगतान करता आया है तो कम ब्याज दर पर लोन मिल सकता है.

मनी9 की सलाह

रिजर्व बैंक के आदेश पर देश की चारों क्रेडिट एजेंसियां साल में एक बार मुफ्त क्रेडिट स्कोर देती हैं. इसके बाद ये 250 से 700 रुपए की फीस लेती हैं. कई बैंक और वित्तीय संस्थान निशुल्क क्रेडिट स्कोर मुहैया कराते हैं. आपको हर 6 महीने में एक बार यह स्कोर जरूर चेक करना चाहिए.

Published - April 13, 2023, 05:22 IST