पुद्दुचेरी के कृष्णन अपने बेटे की उच्च शिक्षा के लिए एजुकेशन लोन लेने जब बैंक पहुंचे तो 10.5 फीसद का ब्याज सुनकर उनके होश उड़ गए. उन्होंने बैंक की वेबसाइट तो 8.5 फीसद ब्याज लिखा देखा था. बैंक मैनेजर ने 10.5 फीसद से कम पर लोन देने से साफ मना कर दिया. वजह थी बेटे का कॉलेज. अगर छात्र को A लिस्ट कॉलेज में दाखिला नहीं मिला है तो बैंक कॉलेज की साख के मुताबिक ब्याज तय करते हैं.
एजुकेशन लोन का ब्याज कई बातों पर निर्भर करता है… जैसे कि कितनी राशि का लोन लिया जा रहा है, शिक्षण संस्थान की प्रतिष्ठा कैसी है और जिस कोर्स के लिए लोन ले रहे हैं उसमें नौकरी मिलने की संभावनाएं कितनी हैं. उदाहरण के लिए इंजीनियरिंग के लिए नामी IIT में पढ़ाई के लिए एजुकेशन लोन पर ब्याज दर सबसे कम होगी जबकि NIT में समान राशि के लोन पर ज्यादा ब्याज होगा. सामान्य कालेज में पढ़ाई के लिए हो सकता है कि बैंक लोन न भी दें.
एजुकेशन लोन छात्र के नाम पर होता है लेकिन उसमें गारंटर की जरूरत पड़ती है जो आमतौर पर छात्र के माता–पिता होते हैं. यह लोन बिना जमानत यानी बिना किसी सिक्योरिटी के दिया जाता है. लेकिन बिना सिक्योरिटी के लोन तभी मिलता है जब लेनदार की लोन लौटाने की क्षमता बहुत अच्छी हो. तब बैंक को लगता है कि अगर लोन लेने वाला छात्र डिफॉल्ट भी कर जाए तो अभिभावक लोन चुका देंगे या उनसे बैंक वसूली कर पाएंगे.
इस स्थिति में ही बिना सिक्योरिटी के लोन अप्रूव होता है. हालांकि 7.5 लाख रुपए से कम का लोन बिना सिक्योरिटी के मिल सकता है लेकिन इससे ज्यादा राशि के लोन में बैंक सिक्योरिटी के रूप में प्रॉपर्टी, एफडी, जीवन बीमा, गोल्ड बांड आदि के पेपर गिरवी रखते हैं. सिक्योरिटी के अनुपात में लोन की राशि तय होती है. एजुकेशन लोन पर बैंकों की ब्याज दरें अलग–अलग होती हैं. फिलहाल प्रमुख बैंकों के एजुकेशन लोन की ब्याज दरें 8.55 से 13.70 के बीच है.
इस लोन पर छात्र को मोरेटोरियम यानी लोन चुकाने में ग्रेस पीरियड मिलता है. इसके तहत एजुकेशन लोन की वापसी कोर्स की समाप्ति पर होती है. अगर 3 साल के कोर्स के लिए लोन लिया है तो छात्र और उसके परिवार को तीन साल तक लोन अदायगी की चिंता नहीं है. कोर्स खत्म होने के बाद नौकरी मिलने तक भी 6 महीने से 1 साल तक का वक्त दिया जाता है. इसके बाद लोन का भुगतान शुरू होता है.
ध्यान रहे कि इस दौरान लोन की राशि पर ब्याज जुड़ता रहता है. तीन साल के कोर्स के लिए अगर 7.5 लाख रुपए रुपए का लोन लिया है तो पढ़ाई खत्म होने पर 9.5 फीसद की ब्याज दर से करीब 8.64 लाख रुपए हो जाएगा. यानी ब्याज के रूप में 1.14 लाख रुपए चुकाने होंगे. सरकारी बैंक मोरेटोरियम में लोन भुगतान न करने की पूरी छूट देते हैं लेकिन निजी बैंक और NBFC ब्याज भुगतान की मांग करते हैं.
मनी 9 की सलाह
एजुकेशन लोन गुड लोन माना जाता है. बच्चों का करियर बनाने के लिए इसे लिया जाता है. लेकिन करियर की शुरुआत लोन की पेमेंट से करने का मतलब है कि नौकरी लगी नहीं और कर्जदार दरवाजे पर. कोविड के बाद नौकरियों का जो हाल हुआ है उसके बाद एजुकेशन लोन में डिफॉल्ट की संख्या तेजी से बढ़ी है. इसलिए छोटी राशि का लोन लेने में समझदारी है. बड़ी राशि का लोन ले लिया और तीन साल के कोर्स के बाद पसंद की नौकरी नहीं मिली तो संकट खड़ा हो सकता है.