गांव में धंसा टू व्हीलर का पहिया
पिछले साल मार्च में करीब 15 लाख दुपहिया गाड़ियों की बिक्री हुई थी. इसके उलट, इस साल मार्च में टूव्हीलर की बिक्री गिरकर 12 लाख से भी कम रही है.
कोरोना महामारी की सबसे ज्यादा मार ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर पड़ी है. ये बात अब साफ-साफ दो पहिया वाहनों की सेल के ग्राफ से नजर आने लगी है. ग्रामीण इलाकों में जहां दो पहिया वाहनों की सेल सबसे ज्यादा होती थी. वहीं अब इसमें बड़ी गिरावट आ गई है. सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स यानी सियाम के अभी हाल ही में जारी हुए आंकड़ों से इसका पता चलता है. सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स यानी सियाम के हालिया आंकड़े बताते हैं कि पिछले साल मार्च में करीब 15 लाख दुपहिया गाड़ियों की बिक्री हुई थी. इसके उलट, इस साल मार्च में टूव्हीलर की बिक्री गिरकर 12 लाख से भी कम रही है.
बिक्री के आंकड़े
बाइक की खरीदारी भी हुई कम
अगर मोटरसाइकिल की बात करें तो पिछले साल मार्च में करीब 10 लाख बाइकें बिकी थीं. जबकि इस साल बाइकों की बिक्री गिरकर 8 लाख से भी कम रह गई.
बाइक की बिक्री के आंकड़े
स्कूटर भी नहीं बिक रहे
स्कूटर की बिक्री में भी कमी आई है. पिछले साल जहां करीब साढे चार लाख स्कूटर बिके थे वहीं इस बार साढे तीन लाख के आसपास स्कूटर बिके हैं.
स्कूटर की बिक्री के आंकड़े
पिछले 10 वर्षों में सबसे बड़ी गिरावट
सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स यानी सियाम के आंकड़े बताते हैं कि टू व्हीलर की सेल पिछले 10 वर्षों के सबसे निचले स्तर पर आ गई है.
टू व्हीलर की सेल में लगातार गिरावट देखी जा रही है. ऑटोमोबाइल एक्सपर्टस के मुताबिक दो पहिया वाहनों की बिक्री कम होने के पीछे दो मुख्य वजह हैं. एक तो पेट्रोल के आसमान छूते दाम और दूसरा टू व्हीलर की कीमतों का बढना.