निवेश के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) शानदार विकल्प साबित हो रही हैं. एसबीआई, पीएनबी और एचडीएफसी जैसे तमाम बड़े बैंक एक से पांच साल की एफडी पर सालाना आठ फीसद तक का ब्याज दे रहे हैं. ऐसा लंबे अरसे बाद देखा जा रहा कि एफडी का रिटर्न महंगाई को मात दे रहा है. खास बात ये है कि स्माल फाइनेंस बैंक (SFB) और कॉर्पोरेट एफडी पर इससे भी बेहतर ब्याज मिल रहा है. किस निवेश को चुनें, कहां मिलेगा बेहतर रिटर्न और किसी स्कीम में कितना दम है. इस कसौटी पर परखते हैं स्मॉल फाइनेंस बैंक और कॉर्पोरेट एफडी को. इनके बीच करते हैं मुकाबला. देखते हैं कौन सी एफडी निवेश के लिए बेहतर विकल्प है?
कहां कितना रिटर्न?
स्माल फाइनेंस बैंकों की 1 से 5 साल की एफडी पर सालाना 6.85 से 9.10 फीसद के बीच ब्याज मिल रहा है. सर्वोदय स्माल बैंक 1 साल की एफडी पर 6.85 फीसद और तीन साल की एफडी पर 8.60 फीसद ब्याज दे रहा है जबकि 5 साल की एफडी पर 9.10 फीसद ब्याज ऑफर किया जा रहा है. फिनकेयर स्मॉल फाइनेंस की ब्याज दरें 7.50 से 8.50 फीसद ब्याज दे रहा है. लगभग सभी स्माल फाइनेंस बैंक सीनियर सिटीजन के लिए आधा फीसद ज्यादा ब्याज ऑफर कर रहे हैं. कुछ बैंकों ने सीमित अवधि के लिए स्पेशल एफडी लाॉन्च कर रखी हैं… उनमें कुछ बेहतर ब्याज दिया जा रहा है.
अगर हम कॉरपोरेट एफडी की बात करें तो ये सरकारी बैंकों की तुलना में बेहतर ब्याज का ऑफर करती हैं. अच्छी क्रेडिट रेटिंग वाली कंपनियां एक से पांच साल की एफडी पर 7.00 से 8.25 फीसद तक का सालाना रिटर्न दे रही हैं. सीनियर सिटीजन के लिए आधा यानी 0.5 फीसद तक का ज्यादा ब्याज ऑफर किया जा रहा है. फिलहाल देखें तो श्रीराम फाइनेंस सबसे अधिक 8.18 फीसद ब्याज का ऑफर कर रही है. कंपनी सीनियर सीटीजन को 0.50 फीसद अतिरिक्त ब्याज दे रही है. इस तरह बुजुर्गों को एफडी 8.68 फीसद तक ब्याज मिल रहा है. एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस और आईसीआईसीआई होम फाइनेंस कंपनी 7.75 फीसद तक ब्याज दे रही हैं. वरिष्ठ नागरिकों को 0.25 फीसद ज्यादा रिटर्न मिल रहा है. कम रेटिंग वाली कंपनियां कुछ ज्यादा ब्याज दे रही हैं.
क्या है रिस्क फैक्टर
एसबीआई, पीएनबी और HDFC की तरह स्मॉल फाइनेंस बैंक भी आरबीआई के नियंत्रण में होते हैं. इसलिए इन बैकों में आपका पैसा डूबने का जोखिम नहीं है. स्मॉल फाइनेंस बैंक में आपका पैसा सुरक्षित है. बड़े बैंकों की तरह स्मॉल फाइनेंस बैंकों में भी आपकी पांच लाख रुपए तक की एफडी का डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गांरटी कॉर्पोरेशन (DICGC) की ओर से बीमा होता है. DICGC आरबीआई की सहायक इकाई है.
कॉर्पोरेट एफडी में इस तरह का कोई बीमा नहीं होता. अगर कोई कंपनी डूबती है तो आपका निवेश भी डूब सकता है. इस हिसाब से निवेश के लिए बैंकों की एफडी ज्यादा सुरक्षित हैं. लेकिन इसका मतलब यह कतई नहीं है कि कॉरपोरेट एफडी जोखिम भरा निवेश है. मजबूत क्रेडिट रेटिंग वाली एफडी सुरक्षित विकल्प साबित होती हैं.
अब टैक्स का गणित
स्मॉल फाइनेंस बैंक की एफडी से होने वाली आय निवेशक की सालाना आय में जुड़ती है जिस पर स्लैब के आधार पर टैक्स का भुगतान करना होता है. कॉरपोरेट एफडी से होने वाली आय भी निवेशक की आय में जुड़ती है और स्लैब के आधार पर टैक्स देना होता है.
अलग है TDS का नियम अलग
बैंक एफडी की सालाना ब्याज आय 40 हजार रुपए से अधिक है तो बैंक 10 फीसद टीडीएस काटेगा. सीनियर सिटीजन के लिए यह सीमा 50,000 रुपए है. अगर आप बैंक को पैन का ब्योरा नहीं देते हैं तो टीडीएस 20 फीसद की दर से काटा जाएगा. कंपनीे एफडी में 5000 रुपए से ऊपर की आय पर टीडीएस लागू होता है.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
टैक्स एंड इंवेस्टमेंट एक्सपर्ट बलवंत जैन कहते हैं कि स्मॉल फाइनेंस बैंक आरबीआई के नियंत्रण में हैं. इस निवेश पर कोई जोखिम नहीं है. बड़े बैंकों की तुलना में इनके खर्चे कम होते हैं इसलिए ये निवेशकों को बेहतर रिटर्न देते हैं. जिस तरह बड़े बैंकों में पांच लाख रुपए तक की रकम का बीमा कवर मिलता है, स्मॉल फाइनेंस बैंकों में भी ये सुविधा मिलती है. निवेश की सुरक्षा, टैक्स और रिटर्न के मामले स्मॉल फाइनेंस बैंक की एफडी निवेश के लिए बेहतर विकल्प है.