NPS में बेहतरीन रिटर्न चाहिए? स्कीम E हो या स्कीम G, ऐसे बनेगा आपका पैसा

इक्विटी में निवेश करना हो या सरकारी बॉन्ड में, NPS में सभी एसेट क्लास में निवेश करने के लिए स्कीम हैं. इनके लिए अलग-अलग स्कीम तय की गई है.

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टैक्स बचत से लेकर रिटायरमेंट प्लानिंग के लिए, नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) काफी लोकप्रिय है. जहां अन्य टैक्स बचत के सभी विकल्प सेक्शन 80C की 1.5 लाख रुपये की ही सीमा में आते हैं वहीं NPS इस सीमा के पार जाकर टैक्स सेविंग का भी विकल्प देता है. साथ ही NPS में रिटायरमेंट पर भी आप पूरी रकम एक बार नहीं निकाल पाएंगे जिससे आपके भविष्य की सुरक्षा रहेगी. मैच्योरिटी पर आपको निवेश के कुछ हिस्से का एन्युटी प्लान लेना होगा जिससे आगे पेंशन मिलती रहे. NPS की एक और खासियत है जो इसे अन्य विकल्पों से अलग बनाती है – अपने जोखिम के मुताबिक पेंशन फंड और स्कीम चुनने की सहूलियत.

NPS में कितनी तरह की स्कीमें?

इक्विटी में निवेश करना हो या सरकारी बॉन्ड में, NPS में सभी एसेट क्लास में निवेश करने के लिए स्कीम हैं. सभी पेंशन फंड मैनेजर्स के पास आपको स्कीम ए, स्कीम ई, स्कीम सी, स्कीम जी जैसे विकल्प हैं. स्कीम ई का निवेश इक्विटी में होता है जहां ज्यादा रिटर्न के साथ ज्यादा जोखिम भी होता है. स्कीम जी में सरकारी बॉन्ड्स में निवेश होता है जबकि स्कीम सी का निवेश कॉरपोरेट डेट प्लान में होता है.

किसने दिया बेहतर रिटर्न?

टियर 1 की स्कीम ई में LIC पेंशन फंड ने एक साल में 74.34 फीसदी का रिटर्न दिया है जबकि UTI रिटायरमेंट सॉल्यूशंस, कोटक पेंशन फंड ने 72 फीसदी से ज्यादा की कमाई कराई है. यानि इन तीनों ने बेंचमार्क सेंसेक्स-निफ्टी से बेहतर रिटर्न दिए हैं.

स्कीम जी NPS का वो विकल्प है जिसके जरिए सरकारी बॉन्ड में निवेश होता है. सरकारी बॉन्ड सुरक्षित निवेश माने जाते हैं. इनकी लंबी अवधि के निवेश पर रिटर्न देखें तो LIC पेंशन फंड ने डबल डिजिट में ग्रोथ दिखाई है जबकि HDFC पेंशन फंड ने 9.88 फीसदी के रिटर्न दिए हैं.

NPS की स्कीम सी के जरिए आप कॉरपोरेट डेट प्लान में निवेश कर सकते हैं. इन चार पेंशन फंड्स ने एक साल की अवधि में डबल डिजिट रिटर्न दिए हैं –

समझें NPS निवेश

NPS का टियर 1 खाता अनिवार्य है जबकि टियर 2 खाता वॉलेंट्री है यानि टियर 1 खाता होने पर ही आप टियर 2 खाता खुलवा सकते हैं. दोनों में फर्क इतना है कि टियर 1 खाते से रकम निकालने की पाबंदियां हैं जबकि टियर 2 खाते से रकम निकाली जा सकती है. NPS में एक वित्त वर्ष में कम से कम 6,000 रुपये निवेश करना होता है.

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NPS के ऑटो चॉइस में आपका एलोकेश अपने आप बदला जाता है. आपकी उम्र बढ़ने के साथ अपने आप इक्विटी में निवेश घटेगा और डेट जैसे सुरक्षित निवेश कंपोनेंट की ओर निवेश की हिस्सेदारी बढ़ेगी. लेकिन अगर आप खुद एलोकेशन करना चाहते हैं तो आप एक्टिव चॉइस ले सकते हैं. इसमें आपके पास अपनी स्कीम और पेंशन फंड चुनने की सुविधा है. फिलहाल 9 पेंशन फंड मैनेजर्स हैं जो आपके NPS निवेश को मैनेज करते हैं. ये हैं –

– आईसीआईसीआई प्रुडेंशियल (ICICI Pru) पेंशन फंड

– एलआईसी (LIC) पेंशन फंड

– कोटक महिंद्रा पेंशन फंड

– रिलायंस कैपिटल पेंशन फंड

– SBI पेंशन फंड

– UTI रिटायरमेंट सॉल्यूशंस

– HDFC पेंशन मैनेजमेंट कंपनी

– DSP ब्लैकरॉक पेंशन फंड मैनेजर्स

– आदित्य बिड़ला सनलाइफ पेंशन फंड मैनेजर्स

Published - April 5, 2021, 03:37 IST