National Pension System (NPS): जल्द होने वाले हैं ये अहम बदलाव, जानिए आप पर क्या होगा असर

national pension scheme (NPS): PFRDA जल्द ही NPS में कुछ अहम बदलाव कर सकता है. इसके जरिए आम लोगों को काफी फायदा होगा.

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कंपनी कर्मचारी से उसके निवेश व आयकर छूट प्राप्त खर्चों के बारे में जानकारी प्राप्त करती है और उसके आधार पर टीडीएस कटता है.(pixabay)

कंपनी कर्मचारी से उसके निवेश व आयकर छूट प्राप्त खर्चों के बारे में जानकारी प्राप्त करती है और उसके आधार पर टीडीएस कटता है.(pixabay)

नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) भारत सरकार की पेश की गई एक बेहद अहम पेंशन योजना है. इस स्कीम की सबसे बड़ी खासियत है कि इसमें कोई भी शख्स हिस्सा ले सकता है. यह स्कीम एक लंबे वक्त में वित्तीय सुरक्षा मुहैया कराती है. अब पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डिवेलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (PFRDA) इस स्कीम में और ज्यादा लोगों को जोड़ने और इसे और आकर्षक बनाने के लिए कई सुधारों को लाने जा रही है.

दरअसल, PFRDA संशोधन बिल को संसद के बजट सत्र में पेश किया गया था और इस पर आने वाले मॉनसून सत्र में वोटिंग हो सकती है. हालांकि, इसमें होने वाले कुछ बदलाव टेक्निकल हैं, लेकिन इसमें कई बदलाव ऐसे भी हैं जो कि सब्सक्राइबर्स से जुड़े हुए हैं.

यहां हम आपको बता रहे हैं कि इस स्कीम में क्या बदलाव हो सकते हैं और इससे आम लोगों को क्या फायदा होगा.

एंट्री और एग्जिट की उम्र में इजाफा
PFRDA संशोधन बिल के जरिए NPS स्कीम में दाखिल होने और इससे निकलने की उम्र को बढ़ाए जाने का प्रस्ताव है. इसके जरिए 60 साल के बाद जुड़ने वाले सब्सक्राइबर्स 75 साल की उम्र होने तक इसमें बने रह सकते हैं.

अभी ये प्रावधान है कि 18 साल से लेकर 65 साल तक के लोग NPS में शामिल हो सकते हैं. अब इसमें एंट्री करने की उम्र को बढ़ाकर 70 साल किया जा सकता है. साथ ही एग्जिट की उम्र को भी पहले के 70 साल से बढ़ाकर 75 साल करने का प्रस्ताव है.

इसका ये फायदा होगा कि अब लोग ज्यादा उम्र में भी इस स्कीम में दाखिल हो पाएंगे और उन्हें ज्यादा उम्र तक इसमें बने रहने का मौका मिलेगा.

एग्जिट ऑप्शन में बढ़ोतरी
NPS सब्सक्राइबर्स रिटायरमेंट के बाद अपने योगदान का 60 फीसदी हिस्सा निकाल सकते हैं. बकाया 40 फीसदी हिस्सा एन्युइटी खरीदने के लिए रखा जाता है. जो लोग रिटायरमेंट की उम्र आते तक केवल 2 लाख रुपये तक ही जमा कर पाते हैं उन्हें इस पूरी रकम को निकालने की इजाजत दी गई है. अब PFRDA का प्रस्ताव है कि इस सीमा को बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया जाए. इसकी वजह यह है कि इस रकम पर मिलने वाली पेंशन बेहद कम होती है.

मिनिमम तयशुदा रिटर्न
ज्यादा से ज्यादा सब्सक्राइबर्स को अपनी ओर खींचने के लिए PFRDA ऐसी योजना बना रही है जिसके तहत निवेशकों को एक न्यूनतम तय रिटर्न मिल सके. PFRDA के चेयरमैन की ओर से कहा गया है कि NPS और अटल पेंशन योजना से हटकर रेगुलेटर कुछ इस तरह के प्रोडक्ट भी लाने पर विचार कर रहा है जिनसे निवेशकों को न्यूनतम एश्योर्ड रिटर्न मिल सके.

Published - April 26, 2021, 10:12 IST