महाराष्ट्र सरकार की स्टैंप ड्यूटी की रियायत खत्म, क्या घरों की बिक्री पर पड़ेगा असर?

Stamp Duty: आज से महाराष्ट्र स्टैंप ड्यूटी फिर से 5 फीसदी पर आ गई है. मतलब राज्य में अब आपको घर के रजिस्ट्रेशन पर ज्यादा खर्च करना होगा. 

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Picture: Pixabay

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Stamp Duty: महाराष्ट्र में घर खरीदारों को मिल रही स्टैंप ड्यूटी पर रियायत आज से खत्म हो गई है. रियल एस्टेट को बढ़ावा देने के लिए राज्य ने 31 मार्च 2021 तक के लिए प्रॉपर्टी के रजिस्ट्रेशन पर लगने वाली स्टैंप ड्यूटी में छूट का ऐलान किया था जिसे राज्य सरकार ने आगे ना बढ़ाने का फैसला लिया है. सरकार ने जनवरी 2021-मार्च 2021 तक के लिए स्टैंप ड्यूटी 3 फीसदी पर रखी थी. एक अप्रैल से स्टैंप ड्यूटी फिर से 5 फीसदी पर आ गई है. मतलब राज्य में अब आपको घर के रजिस्ट्रेशन पर ज्यादा खर्च करना होगा.

महाराष्ट्र के स्टैंप ड्यूटी (Stamp Duty) की रियायत आगे ना बढ़ाने के फैसले पर इंडस्ट्री ने पुनर्विचार करने का सुझाव दिया है. हिरानंदानी ग्रुप के MD और NAREDCO (नेशनल रियल एस्टेट डेवलपमेंट काउंसिल) के नेशनल प्रेसिंडेट निरंजन हीरानंदानी का कहना है कि कोरोना संकट से रियल एस्टेट मार्केट में आई सुस्ती से निपटने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने स्टैंप ड्यूटी घटाने का फैसला लेकर अन्य राज्यों को राह दिखाई. स्टैंप ड्यूटी की रियायत आगे जारी रहने से राज्य के छोटे मार्केट्स और हाउसिंग सेगमेंट में भी प्रॉपर्टी की बिक्री और रजिस्ट्रेशन में तेजी बरकरार रहती.

हाल की एक रिपोर्ट में एनारॉक ने कहा था कि टॉप 7 शहरों में पिछले साल की पहली तिमाही के 45,200 यूनिट के मुकाबले इस साल जनवरी-मार्च के बीच 58,290 घर बिके हैं. इसमें से MMR और पुणे से ही कुल 53 फीसदी घरों की बिक्री हुई है. महाराष्ट्र में स्टैंप ड्यूटी (Stamp Duty) घटने की वजह से ऐसा संभव हुआ है. बेहतर डिमांड और बढ़ती लागत से देश के टॉप 7 शहरों में कीमतें भी 1-2 फीसदी चढ़े हैं.

हीरानंदानी का कहना है कि वॉल्यूम बढ़ने से वित्त वर्ष 2021-22 की दूसरी छमाही में राज्य के आय में बढ़ोतरी हुई है. साथ ही इससे रोजगार और ग्रोथ को भी साहारा मिलेगा. उनके मुताबिक इंडस्ट्री को रेडी रेकनर रेट में भी कटौती की उम्मीद थी. यही वजह है कि काउंसिल ने राज्य सरकार ने फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग की है.

क्या डिमांड पर पड़ेगा असर?

सस्ते होम लोन के साथ ही रिपोर्ट्स के मुताबिक स्टैंप ड्यूटी (Stamp Duty) में कटौती से भी डिमांड बढ़ी थी. हालांकि CREDAI (पुणे मेट्रो) और महाराष्ट्र रेरा (MahaRERA) काउंसिल के मेंबर अनिल फरांदे का कहना है कि राज्य के रियायत आगे जारी ना रखने के फैसले से बिक्री पर कोई असर नहीं होगा. उनके मुताबिक लोग शेयरों या गोल्ड जैसे निवेश के लिए प्रॉपर्टी नहीं खरीद रहे जहां सस्ते से सस्ते भाव पर खरीदारी जरूरी है. फरांदे का कहना है कि कोरोना महामारी और लॉकडाउन ने घर की जरूरत को दर्शाया है और यही वजह है कि घर खरीदार एक्टिव हैं. स्टैंप ड्यूटी सामान्य स्तर पर लौटने से खरीदारी पर असर नहीं पड़ेगा. होम लोन पर ब्याज दरें अब भी 15 साल के निचले स्तर पर हैं और बिल्डर डिस्काउंट भी दे रहे हैं. आगे डिमांड के साथ कीमतें बढ़ने का भी अनुमान है.

कैसी रही है बिक्री?

बढ़ते कोविड-19 के मामलों के बावजूद इस इलाके में घरों की बिक्री तेज रही. जनवरी से मार्च के बीच अब तक मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन (MMR) में 20,350 यूनिट की बिक्री हुई है जिसमें से 68 फीसदी (तकरीबन 13,750 यूनिट) की बिक्री मुंबई में, 18 फीसदी (करीब 3,650 यूनिट) की बिक्री नवी मुंबई में और 14 फीसदी यानि करीब 2950 यूनिट ठाणे में बिके हैं. बिक्री बढ़ने से इन्वेंट्री घट रही है.

एनारॉक प्रॉपर्टी कंसल्टेंट्स (ANROCK) के चेयरमैन अनुज पुरी के मुताबिक, “मुंबई दुनिया के सबसे ज्यादा महंगे रियल एस्टेट मार्केट्स में से एक है. घर के एक्विजिशन के खर्च में कुल 5-15 फीसदी तक की गिरावट से घर खरीदारों का रुझान बदला है. कम ब्याज पर होम लोन, डेवलपर डिस्काउंट और सरकार की ओर से सही समय पर स्टैंप ड्यूटी (Stamp Duty) में कटौती के साथ ही प्रीमियम चार्जेस में 50 फीसदी तक की कटौती से इस इलाके में कोविड-19 के दौर में भी बिक्री लौटी है.”

Published - April 1, 2021, 04:41 IST