रियल एस्टेट निवेश: सेबी ने REITs और InvITs के लिए रेगुलेटरी कंप्लायंस की समय सीमा आगे बढ़ाई

REITs निवेशकों को कमर्शियल रियल एस्टेट जैसे शॉपिंग मॉल, ऑफिस स्पेस, रेंटल प्रॉपर्टी से कमाई करने का मौका देती हैं

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PTI

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मार्केट रेगुलेटरी सिक्योरिटीज एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया ने इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट्स (InvITs) और रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट्स (REITs) को रेगुलेटरी नियमों को पालन करने के लिए एक महीने का और समय दिया है. कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के मद्देनजर रेगुलेटर ने ये रियायत दी है.

InvITs और REITs की ओर से प्रतिनिधित्व के बाद ये फैसला लिया गया है. इन कंपनियों ने रेगुलेटरी जानकारी देने और कंप्लायंस से जुड़े नियमों की टाइमलाइन को लेकर रियायत की मांग की थी.

ये रियायत उन्हें 31 मार्च 2021 के पीरियड को लेकर दी गई है.

क्या होते हैं REITs?

रियल एस्टेट की तरफ रुख करने वालों की संख्या अक्सर कम ही होती है. इसकी बड़ी वजह है ये सोच कि रियल एस्टेट या कमर्शियल प्रॉपर्टी में इन्वेस्टमेंट के लिए बहुत बड़ी रकम की जरूरत है. इसी सोच को गलत साबित करते हैं REITs – रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट.

ये ऐसी कंपनियां होती हैं जो कमर्शियल रियल एस्टेट में निवेश करते हैं जैसे शॉपिंग मॉल, ऑफिस स्पेस, रेंटल प्रॉपर्टी. जैसे म्यूचुअल फंड निवेशकों से पैसा जमा कर कैटेगरी के मुताबिक शेयरों, बॉन्ड्स, कमर्शियल पेपर में निवेश करते हैं वैसे ही REITs निवेशकों से पैसा पूल कर रियल एस्टेट में निवेश करते हैं. हालांकि इसमें प्रति निवेशक की ओर से कॉन्ट्रीब्यूशन किसी अन्य इक्विटी म्यूचुअल फंड से ज्यादा होता है. अक्सर REITs कमाई का ज्यादा हिस्सा यूनिट होल्डर्स को वापस कर देते हैं – डिविडेंड्स के जरिए कई बार ये कुल कमाई का 90 फीसदी हिस्सा हो सकता है.

Published - May 14, 2021, 07:07 IST