सालों-साल पैसा जोड़कर और कुछ उधार लेकर घर का सपना पूरा होता है. लेकिन अगर ये पैसा देने के बाद भी समय पर घर का पजेशन ना मिला या फिर इसमें बिल्डर ने फ्लैट से जुड़ी जो सेवाएं देने का वादा किया वो डिलिवर नहीं किया तो ये इस रंग में भंग का काम कर जाता है. इतना पैसा खर्च करने के बाद भी अपना घर होने की संतुष्टि नहीं मिलती. घर के अलॉटमेंट में देरी हो या अलॉटमेंट कैंसल करने पर बिल्डर बुकिंग की रकम ना लौटा रहा हो, इन सब की शिकायतों के लिए घर खरीदार RERA के पास जा सकते हैं. RERA एक्ट के तहत इन शिकायतों का निपटारा होता है. साल 2016 में स्थापित ये प्राधिकरण फ्लैट, बिल्डिंग्स और रियल एस्टेट से जुड़ी रेगुलेटरी बॉडी की तरह काम करता है. RERA के जरिए ना सिर्फ किसी भी रेजिडेंशियल प्रोजेक्ट से जुड़ी सही जानकारी हासिल कर सकते हैं बल्कि बिल्डर की तरफ से किसी कमी को लेकर शिकायत भी कर सकते हैं.
सुप्रीम कोर्ट के वकील शोहित चौधरी के मुताबिक रजिस्ट्रेशन के लिए हर बिल्डर को रेरा के नियमों के तहत प्रोजेक्ट की जानकारी देनी होती है. नियमों का उल्लंघन करने पर उनपर पेनाल्टी लगती है. बिल्डर को लेआउट और मैप अप्रूव करवाना होता है. कई बार बिल्डर मंजूर किए प्रोजेक्ट से अलग टावर भी बना देते हैं जो नियमों का उल्लंघन है. घर खरीदारों को बिल्डरों से प्रोजेक्ट में देरी से लेकर अन्य जानकारी पाने का अधिकार है. अगर घर खरीदार बुकिंग कैंसल करता है तो बिल्डर 10 फीसदी से ज्यादा रकम नहीं काट सकते. वहीं उत्तर प्रदेश में प्रोजेक्ट में देरी पर ग्राहकों को देरी के लिए कंपंसेशन दिया जाता है.
अक्सर ग्राहक किसी भी शिकायत के लिए कंज्यूमर फोरम का रुख करते हैं लेकिन घर खरीदारों के लिए RERA ज्यादा तेजी से कार्रवाई करता है. प्रोमोटर, बिल्डर या रियल एस्टेट एजेंट के खिलाफ आप शिकायत दर्ज करवा सकते हैं. रियल एस्टेट (रेगुलेशन एंड डेवलपमेंट) एक्ट, 2016 के सेक्शन 31 के तहत घर खरीदारों की शिकायतों का निपटारा होता है. हालांकि शिकायत दर्ज कराने के लिए मामूली चार्ज देना पड़ता है. कई राज्यों में ये चार्ज 1000 से 5000 रुपये के बीच है. इस फीस को ऑनलाइन भरा जा सकता है.
हर राज्य के लिए अलग वेबसाइट और प्राधिकरण
हर राज्य के लिए अलग RERA है. उत्तर प्रदेश से जुड़े किसी प्रोजेक्ट पर शिकायत है तो यूपी रेरा (UP RERA – https://www.up-rera.in/SignUp) की वेबसाइट के जरिए शिकायत दर्ज करवा सकते हैं, वहीं महाराष्ट्र के किसी प्रोजेक्ट में दिक्कत या देरी पर महाराष्ट्र रेरा (Maharashtra RERA – https://maharerait.mahaonline.gov.in/) पर शिकायत दर्ज करवानी होगी. इसी तरह आपकी शिकायत जिस राज्य में बन रहे प्रोजेक्ट से है उसी की वेबसाइट पर शिकायत दर्ज करानी होगी. हर राज्य के शिकायत के फॉर्म में कुछ फर्क हो सकता है. अगर प्रोजेक्ट रेरा के तहत रजिस्टर्ड है तो निपटारा आसान होता है. महाराष्ट्र रेरा की वेबसाइट के मुताबिक रेरा में प्रोजेक्ट रजिस्टर्ड ना होने पर उस शिकायत को सोर्स इन्फॉर्मेशन के तौर पर माना जाएगा और उस हिसाब से कार्रवाई होगी.
कैसे दर्ज करवाएं शिकायत?
शिकायत दर्ज करने के लिए आपको राज्य की रेरा (RERA) वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन कर लॉग-इन करना होगा. लॉग-इन करने से पहले आप अपने पास प्रोजेक्ट का रजिस्ट्रेशन नंबर, केस से जुड़े सबूत, क्या राहत चाहते हैं, अगर मामले पर कोई अंतरिम ऑर्डर जारी हुआ है तो उसकी जानकारी होनी चाहिए. आपको अपने ई-मेल आईडी और मोबाइल नंबर की जानकारी देनी होगी ताकि इससे रेरा आपको संपर्क कर सके. रजिस्ट्रेशन करने पर आपको यूजरनेम और पासवर्ड बनाना होगा. रजिस्ट्रेशन होने पर आपकी ई-मेल आईडी पर वेरिफिकेशन लिंक आएगा. अगर आपको प्रोजेक्ट का रजिस्ट्रेश नहीं पता तो उसे रेरा की वेबसाइट पर ही चेक कर सकते हैं.
लॉग-इन करने पर आपको अपना नाम और पता भरना होगा. इसके बाद ‘एड कंप्लेन’ पर जाना होगा. इस फॉर्म में आपकी सभी जानकारी भरनी होगी. प्रोजेक्ट का नाम, क्यों शिकायत कर रहे हैं, शिकायत पर किस तरह का एक्शन चाहते हैं ये सभी जानकारी. शिकायत दर्ज कराते वक्त प्रोजेक्ट का रजिस्ट्रेशन नंबर होने पर प्रोजेक्ट, एजेंट का नाम और प्रोमोटर का नाम अपने आप आ जाता है. इसके दौरान ही आपको मामले से जुड़े कागजात अपलोड करने होंगे और उनकी जानकारी देनी होगी.
शिकायत पर कार्रवाई कैसे होती है?
शिकायत किए जाने पर विपक्षी को प्राधिकरण नोटिस भेजकर नियमों के उल्लंघन की जानकारी देगा और सफाई मांगेगा. अगर बिल्डर या प्रोमोटर इससे इनकार करता और उनकी सफाई प्राधिकरण को मंजूर होती है तो शिकायत रद्द हो जाएगी. लेकिन प्राधिकारी अगर जवाब से संतुष्ट नहीं तो सुनवाई आगे बढ़ेगी. सुनवाई को लेकर तारीख की जानकारी आपके मोबाइल नंबर और ई-मेल आईडी पर आएगी. सुनवाई के दौरान भी आपसे डॉक्यूमेंट मांगे जाएंगे. कई राज्यों के रेरा कोविड-19 महामारी की वजह से वर्चुअल हियरिंग कर रही हैं. UP RERA ने जानकारी दी है कि 1 मई से फिजिकल हियरिंग शुरू हो सकती है.
इन शिकायतों पर एक्शन भी होता है. हाल ही में UP RERA ने नियमों के उल्लंघन को लेकर 11 बिल्डरों पर पेनाल्टी लगाई है तो वहीं अंसल API के सुशांत गोल्फ सिटी प्रोजेक्ट का रजिस्ट्रेशन रद्द किया है. रेरा के आने से शिकायत प्रक्रिया आसन हुई है लेकिन अब भी कई घर खरीदारों की शिकायत है कि सुनवाई प्रक्रिया में काफी समय लगता है.