फ्लैट खरीदते वक्त रहें सतर्क, अवैध प्रॉपर्टी बेचने की ताक में बैठे हैं जालसाज

Home Buyers: ग्रेटर नोएडा में 56 अवैध फ्लैट्स की बिक्री पकड़ी गई है. घर खरीदने से पहले किन कागजों की जांच करें ताकि आप छले ना जाएं?

DDA flats, The Delhi Development Authority, common area in the DDA flats, spaces, roof, terrace, staircases of the blocks, DDA, common spaces, roof rights, illegal constructions, certain allottees, solar panels,

भूमि-स्वामित्व वाली एजेंसी (The land-owning agency) डीडीए ने एक बहुस्तरीय पार्किंग सुविधा के निर्माण की समस्या को भी हल कर दिया है

भूमि-स्वामित्व वाली एजेंसी (The land-owning agency) डीडीए ने एक बहुस्तरीय पार्किंग सुविधा के निर्माण की समस्या को भी हल कर दिया है

Home Buyers: सालों की मेहनत और बचा-बचाकर जोड़ी जमा-पूंजी से घर खरीदने का सपना पूरा होता है लेकिन आपके इस सपने में जलासाजों की नजर बनी रहती है. वे मौका ढूंढते हैं कि कब और कैसे अपसे पैसे ऐंठे जा सके. जब आप कोई भी सामान खरीदते हैं तो उसकी पूरी जांच-परख करते हैं, ठीक ऐसे ही जरूरी है घर खरीदते वक्त बिल्डर और प्रॉपर्टी को परखना. ऐसे कई मामले सामने आते हैं जहां भोले-भाले घर खरीदारों को अवैध रूप से बनाई गई प्रॉपर्टी बेचकर छला जाता है. ऐसा ही एक मामला ग्रेटर नोएडा में सामने आया है जहां 56 अवैध फ्लैट्स की बिक्री पकड़ी गई है.

फ्रॉड का नया मामला

ग्रेटर नोएडा के शाहबेरी गांव में सरकारी जमीन पर अवैध रूप से फ्लैट बनाकर सीधे- साधे लोगों (Home Buyers) को बेचने वालों की करीब 22 करोड़ 40 लाख रुपये की संपत्ति गौतम बुद्ध नगर पुलिस आयुक्त ने गैंगस्टर एक्ट की धारा 14 (1) के तहत बृहस्पतिवार को कुर्क की. पुलिस की तरफ से यह जानकारी दी गई.

पुलिस आयुक्त आलोक सिंह के मीडिया प्रभारी अभिनेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि बिसरख पुलिस थाने में 2019 में दर्ज एक मामले में सत्यम रियल बिल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ यह कार्रवाई की गई. उन्होंने बताया कि समूह के रोहित, हरीश और विकास चौधरी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था.

पुलिस के प्रवक्ता ने कहा, “अदालत के आदेश पर करीब 22.40 करोड़ कीमत वाले इन 56 फ्लैटों को जिला पुलिस द्वारा कुर्क किया गया है.”

Home Buyers: धोखाधड़ी से कैसे बचें?

अगर आप कोई फ्लैट खरीद रहे हैं तो वो प्रॉपर्टी कानूनी तौर पर वैध है या नहीं इसका सबसे आसान तरीका है रेरा के तहत रजिस्टर्ड फ्लैट खरीदना. रेरा (RERA) रियल एस्टेट रेगुलेटर के तौर पर काम करता है और घर खरीदारों की सहूलियत के लिए बनाया गया है. प्रोजेक्ट रेरा रजिस्टर्ड होने पर घर खरीदार (Home Buyers) उसी एक-एक जानकारी हासिल कर सकते हैं. प्रोजेक्ट में देरी होने पर भी उसका मुआवजा मिलता है. रिफंड पॉलिसी और प्रोजेक्ट के दाम भी घर खरीदारों के हित में होते हैं. रेरा के जरिए जल्द से जल्द शिकायतों का निपटारा होता है. प्रोजेक्ट रेरा से मंजूर होने पर उसमें कानूनी अड़चन आने की संभावना कम रहती है और बैंकों से लोन की प्रक्रिया भी आसान हो जाती है.

वहीं अगर आप कोई और प्रॉपर्टी ले रहे हैं तो आपको कानूनी कागजात की अच्छे से जांच करनी होगी. अगर आप बैंक से कर्ज लेकर इसे फाइनेंस कर रहे हैं तो आपका आधा काम बैंक ही कर देता है. बैंक प्रॉपर्टी की वैधता जांच करता है. कागजों की जांच में एक प्रॉपर्टी वकील भी मदद ले सकते हैं.

आपके ये जांच करना भी जरूरी है कि प्रॉपर्टी पर कोई कर्ज ना लिया गया हो या इसपर कोई लोन बकाया ना हो.

Home Buyers: साथ ही अगर आप कोई रीसेल प्रॉपर्टी खरीद रहे हैं तो पिछले मालिक से प्रॉपर्टी टैक्स स्लिप जरूर मांगें. इससे आपको पता चलेगा कि प्रॉपर्टी वैध है या नहीं और उसकी सही तरीके से रजिस्ट्री हुई है या नहीं. साथ ही ये भी साफ होगा कि नगरपालिका की ओर से कुछ बकाया नहीं है.

(PTI इनपुट के साथ)

Published - April 9, 2021, 11:58 IST