घर खरीदारों का नहीं अटकेगा पैसा, गुजरात मॉडल पर चलेंगे बाकी राज्य

हाउसिंग मिनिस्ट्री ने सभी राज्य के रेरा को गुजरात मॉडल अपनाने को कहा है.

घर खरीदारों का नहीं अटकेगा पैसा, गुजरात मॉडल पर चलेंगे बाकी राज्य

डेवलपरों की गड़बड़ी की वजह से अब घर-खरीदारों को परेशान नहीं होना पड़ेगा. अब डेवलपरों के डिफॉल्ट करने घर खरीदारों के पैसे नहीं अटकेंगे. डेवलपर अगर अब डिफॉल्ट करता है को आसानी से रिफंड मिल सकेगा. हाउसिंग मिनिस्ट्री (Housing Recovery Mechanism) ने सभी राज्यों के रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी(रेरा) को नई एडवाइजरी जारी कर रिकवरी के अपने नियमों के तहत मेकनिज्म बनाने को कहा है.

हाउसिंग मिनिस्ट्री ने सभी राज्य के रेरा को गुजरात मॉडल अपनाने को कहा है. सेंट्रल एडवाइजरी काउंसिल के तहत बनाई गई उप-समिति की दूसरी बैठक में मंत्रालय ने यह बात कही गई है. एडवाइजरी जारी कर गुजरात रेरा की तर्ज पर रिकवरी के अपने नियमों के तहत मेकनिज्म बनाने को कहा है. साथ ही मंत्रालय ने रेरा को रिकवरी ऑफिसर नियुक्त करने के लिए भी कहा है. मंत्रालय को उम्मीद है कि रिकवरी मेकनिज्म से घर खरीदारों को समय से रिफंड मिल जाएगा.

मांगे गए सुझाव

गुजरात, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, हरियाणा और तमिलनाडु राज्यों से हाउसिंग मिनिस्ट्री ने सलाह मांगी थी. उनसे रियल एस्टेट (रेगुलेशन एंड डेवलपमेंट) एक्ट के तहत समय से अनुपालन, रिकवरी के आदेशों से जुड़े मामलों पर सुझाव मांगे थे. महाराष्ट्र, गुजरात और तमिलनाडु के रेरा ने मंत्रालय को सुझाव दिए थे. मंत्रालय ने तीनों सुझावों पर विचार करने के बाद ये एडवाइजरी जारी की है.

मिल रही थी शिकायत

मंत्रालय को कई शिकायतें मिली हैं जिसमें कहा गया है कि रेरा के ऑर्डर के बाद भी घर खरीदारों को समय से रिफंड नहीं मिला है. घर खरीदार डिफॉल्ट करने वाले डेवलपरों से रिकवरी ऑर्डर के बाद भी रिफंड मिलने में देरी की शिकायतें कर रहे थे. इससे पहले उत्तर प्रदेश के नोएडा शहर के डिफॉल्ट करने वाले डेवलपर की लिस्ट जारी की गई थी. इस लिस्ट में ज्यादातर बड़े बिल्डर ही डिफॉल्टर निकले थे. इससे यह साफ है कि बड़ा नाम भी इस बात की गारंटी नहीं है कि घर खरीदार का पैसा सुरक्षिता है.

उत्तर प्रदेश रेरा उठा चुका है कदम

उत्तर प्रदेश सरकार भी इससे पहले बिल्डरों पर शिकंजा कस चुकी है. इसके तहत जिले और तहसील में टॉप 10 बकायेदार बिल्डरों की सूची तैयार करने को कहा गया था. सरकारी आदेशों के अनुसार उनके ऑफिस सील करने के लिए कहा गया था. नोएडा गाजियाबाद और ग्रेटर नोएडा के साथ लखनऊ और अन्य जिलों में ज्यादातर रेरा के बकायेदारों के कार्यालय सील करने को कहा है.

Published - February 8, 2024, 03:38 IST