दिल्ली में अनिधिकृत कॉलोनियों पर रोक, मास्टर प्लान-2041 में क्या है खास

Delhi Master Plan: मसौदे के मुताबिक, अब तक जिस लैंड पूल यानी विकास के लिए जमीन की पहचान की गई है उसपर 17 से 20 लाख युनिट्स तैयार किए जा सकते हैं. 

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Pic Courtesy: PTI, For Representation

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अगले 20 साल में दिल्ली की शक्ल कैसी होगी, कैसे होंगे रिहायशी इलाकों और किया जाए कितना डेवलेपमेंट, इसपर मास्टर प्लान का मसौदा पेश किया गया है. दिल्ली में अफोर्डेबल किराए के घरों, रिहायशी इलाकों के विकास को लेकर दिल्ली डेवलेप्मेंट अथॉरिटी (DDA) ने मास्टर प्लान-2041 का ड्राफ्ट पेश किया है. इस मसौदे पर लोगों की राय, सुझाव और आपत्तियों के लिए सार्वजनिक किया गया है.

मास्टर प्लान के इस मसौदे पर आम लोग दिल्ली विकास प्राधिकरण को अपने सुझाव और सवाल भेज सकेंगे जिससे अगले 20 साल में दिल्ली में किस तरह का डेवलप्मेंट होगा इसपर फैसला लिया जाएगा.

अनाधिकृत कॉलोनियों पर रोक

दिल्ली मास्टर प्लान-2041 की अधिसूचना के दो साल के भीतर और अनधिकृत कॉलोनियां बनने से रोकने तथा शहरी गांवों का विकास इस योजना के मसौदे में निर्धारित कुछ प्रस्ताव हैं.

योजना में कहा गया है कि अनधिकृत कॉलोनियों के सभी हिस्सों को एम्बुलेंस और दमकल गाड़ियों जैसे आपातकालीन वाहनों के लिए सुलभ बनाने के लिए व्यापक सुधार की आवश्यकता होगी. इसमें कहा गया है कि संबंधित एजेंसियां और जमींदार अनधिकृत कॉलोनियां और किसी भी प्रकार की अनधिकृत निर्माण गतिविधि को रोकने के लिए शहर में अपने ‘लैंड-पूलिंग’ क्षेत्रों और अन्य खाली जमीनों की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे.

इसमें कहा गया है, ‘‘उनके पास अनधिकृत कॉलोनियों के समान मुद्दे हैं और किराये के आवास के प्रमुख केंद्र के रूप में उभरे हैं. कई शहरी गांव भी विरासत महत्व के हैं और उनके उत्थान और संरक्षण की आवश्यकता होगी. इस योजना की अधिसूचना के दो साल के भीतर शहरी गांवों के विकास और उत्थान के लिए डीडीए द्वारा विशिष्ट नियम बनाये जायेंगे.’’

प्लान की बारीकियां

प्लान में सुरक्षा, जीवनशैली के मुताबिक नए और पुराने इलाकों के विकास को लेकर प्रस्ताव दिए गए हैं. इसमें रेंटल हाउसिंग के लिए किफायती वितल्पों से लेकर पर्यावरण की सुरक्षा को देखते हुए प्लान शामिल किए गए हैं. इस प्लान में हाउसिंग सप्लाई के लिए रोडमैप तैयार किया गया है जिससे लैंड पूल मॉडल के आधार पर रिहायशी इलाकों पर काम होगा.

मसौदे के मुताबिक, अब तक जिस लैंड पूल यानी विकास के लिए जमीन की पहचान की गई है उसपर 17 से 20 लाख युनिट्स तैयार किए जा सकते हैं.

Published - June 9, 2021, 09:26 IST