धवल पटेल एक बिजनेसमैन हैं. वो अहमदाबाद के बाहरी इलाके में रहते हैं. पिछले साल जब कोरोना की लहर आई तो पूरे देश के साथ-साथ गुजरात में भी लॉकडाउन लगा.
अनलॉक के बाद अहमदाबाद और अन्य बड़े शहेरों से कई लोग अपने गांवों और छोटे कस्बों की और निकल पड़े. अभी भी कई लोग गांवो में रहकर वर्क-फ्रॉम-होम कर रहे हैं. धवल पटेल ने अहमदाबाद से 20 किलोमीटर दूर साणंद के नजदीक फार्म हाउस खरीद लिया. उनको वो सस्ते में भी पड़ा. इस साल कोरोना की जब दूसरी लहर आई तो उनको अपना ये निर्णय सही लग रहा है.
धवल भाई की ही तरह कई लोगों ने शहर से 10-20 किमी दूर वीकेंड होम और फार्म हाउस में पैसा लगाया है. पंकज शर्मा भी एक ऐसे ही खरीदार हैं. उन्होंने एक वीकेंड होम में पैसा लगाया है.
वो पहले हफ्ते के आखिर में शुद्ध हवा और शांति के लिए वीकेंड होम में जाते थे, लेकिन जबसे कोरोना की दूसरी लहर आई है, वो अब इसी में शिफ्ट हो गए हैं.
उनका कहना है कि शहर की भीड़भाड़ से दूर वीकेंड होम में रहने से कोरोना का खतरा भी कम रहता है और वर्क फ्रॉम होम भी कर सकते हैं.
वे कहते हैं कि जब सब कुछ नॉर्मल हो जाए तो शहर के बीचोंबीच अपने पुराने फ्लैट में वापस भी आ सकते हैं.
इस एरिया की डिमांड बढ़ी
कैपिटल रियल्टी के डिरेक्टर कमल वटालिया कहते हैं कि 2019 की तुलना में 2020 में घरों की डिमांड 30 फीसदी ज्यादा बढ़ी है. अफोर्डेबल हाउसिंग में 2 और 3 BHK के साथ वीकेंड होम और फार्म हाउस भी खुब बिके हैं.
खासकर थोल, रांचरडा, पलोडिया जैसे अहमदाबाद के बाहर के इलाकों में फार्म हाउस की डिमांड ज्यादा रही.
इस दौरान 40-50 लाख रुपये से लेकर 3-4 करोड़ रुपये के फार्म हाउस की बिक्री हुई है. जिसकी वजह से फार्म हाउस की किंमत भी दुगुनी हो गई है.
रांचरडा जैसे एरिया में तो कई लोगो ने वीकेंड होम को अपना फर्स्ट होम बना लिया. इसी प्रकार साणंद में तेलाव गांव में भी 400 से लेकर 2000 चोरस वार के प्लॉट की बिक्री में इजाफा देखने को मिला है.
सिटी एस्टेट के मालिक प्रविण बलोडिया का कहना है की पेंडामिक की वजह से प्लोटिंग स्कीम की डिमांड ज्यादा देखने को मिली है. वीकेंड में शहर के आउटस्कर्ट में लोग इंवेस्ट कर रहे है.
वीकेंड विला में आपको बिल्डर एमिनिटीज भी दे रहे हैं. अहमदाबाद में अढाणा, बावला, थोल, कणजरी जैसे एरिया में 50 लाख से 5 करोड़ तक के वीकेंड विला, फार्म हाउस और प्लॉट में निवेश बढ़ा है.