भारतीय रिजर्व बैंक के ताजा आंकड़ों के मुताबिक जुलाई के महीने में आवास और कमर्शियल रियल एस्टेट समेत रियल्टी सेक्टर को दिए जाने वाले बैंक कर्ज में सालाना आधार पर करीब 38 फीसद की बढ़ोतरी देखने को मिली है. इस बढ़ोतरी के साथ ही रियल्टी सेक्टर पर बकाया कर्ज रिकॉर्ड 28.35 लाख करोड़ रुपए हो गया है. हालांकि बैंकों के कुल एनपीए में इंफ्रास्ट्रक्टर सेक्टर को दिए कर्ज की बड़ी हिस्सेदारी है. ऐसे में रियल एस्टेट सेक्टर को बढ़ा हुआ बैंक कर्ज कहीं बैंकों के लिए सिरदर्द ना बन जाए.
आरबीआई के मुताबिक कमर्शियल रियल एस्टेट के ऊपर बैंकों का बकाया कर्ज 38.1 फीसद बढ़कर 4.07 लाख करोड़ रुपए हो गया है. आरबीआई के आंकड़ों से मिली जानकारी के मुताबिक जुलाई के दौरान ब्याज दरों में बढ़ोतरी के बावजूद हाउसिंग सेक्टर (प्रायोरिटी सेक्टर हाउसिंग समेत) में बकाया कर्ज सालाना आधार पर 37.4 फीसद की बढ़ोतरी के साथ 24.28 लाख करोड़ रुपए हो गया है.
अनंत राज लिमिटेड के निदेशक और सीईओ अमन सरीन के मुताबिक बैंक के कर्ज में बढ़ोतरी से इस बात के संकेत मिलते हैं कि रियल एस्टेट सेक्टर बढ़ रहा है और लोग इस क्षेत्र में निवेश कर रहे हैं. उनका कहना है कि इससे यह भी संकेत मिलता है कि बैंकिंग सेक्टर रियल एस्टेट को लेकर सकारात्मक है और कमर्शियल और आवास परियोजनाओं के निर्माण के लिए पूंजी उपलब्ध कराने के लिए तैयार हैं. व्यापक आर्थिक माहौल में कंज्यूमर कॉन्फिडेंस में इजाफा हुआ है और उससे हाउसिंग डिमांड बढ़ी है. क्रिसुमी कॉर्पोरेशन के प्रबंध निदेशक मोहित जैन के मुताबिक त्यौहारों के सीजन में आमतौर पर ग्रोथ की उम्मीद रहती है और रियल एस्टेट सेक्टर के ट्रांजैक्शन में बढ़ोतरी दर्ज की जाती है.