एंप्लॉयी प्रॉविडेंट फंड (EPF) मेंबर्स अब किसी भी मेडिकल इमर्सेंजी की हालत में तुरंत 1 लाख रुपये का एडवांस ले सकते हैं. इसके लिए किसी भी कोलेट्रल या गारंटी की जरूरत नहीं पड़ेगी.
1 जून को EPFO ने एक सर्कुलर जारी किया है. इसमें कहा गया है कि कोविड-19 समेत किसी भी जीवन के लिए खतरा पैदा करने वाली बीमारी के लिए 1 लाख रुपये का मेडिकल एडवांस दिया जाएगा.
इस हफ्ते की शुरुआत में EPFO ने मेडिकल इमर्जेंसी के लिए EPF खाते से एडवांस लेने की इजाजत दे दी थी. लेकिन, ये रकम मेडिकल खर्चों के अनुमान के आधार पर या मेडिकल बिल्स के रीइंबर्समेंट के लिए ही मिल सकती है.
दूसरी ओर, मेडिकल इमर्जेंसी के लिए मिलने वाले 1 लाख रुपये के एडवांस के लिए आपको कोई बिल या कॉस्ट प्रोजेक्शन दिखाने की जरूरत नहीं है. इसके लिए आपको केवल आवेदन करना होगा.
तुरंत भुगतान
1 जून को जारी EPFO के सर्कुलर में स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि ये मेडिकल एडवांस कोरोना वायरस महामारी समेत किसी भी गंभीर बीमारी के लिए आकस्मिक हॉस्पिटलाइजेशन के लिए मिल सकेगा.
कई दफा लोगों को अकस्मात ही अस्पताल में भर्ती होना पड़ता है और उस वक्त सबसे बड़ी जद्दोजहद जिंदगी बचाने की होती है. ऐसी हड़बड़ी में किसी के पास हॉस्पिटल के बिल का अनुमान लगाना बेहद मुश्किल होता है.
हॉस्पिटलाइजेशन में मदद के लिए मेंबर या मेंबर के किसी भी परिवारीजन द्वारा एप्लिकेशन देने के एक घंटे के भीतर ही ये रकम मिल जाती है.
ये पिछले महीने EPFO बोर्ड के मंजूरी दिए गए कोविड एडवांस से बिलकुल अलग है. ऐसे माहौल में आपको कुल फंड का 75% मिल सकता है, लेकिन ये नॉन-रिफंडेबल होता है.
क्या है प्रक्रिया?
इस 1 लाख रुपये के एडवांस को क्लेम करने के लिए शख्स को किसी सरकारी या केंद्र सरकार की हेल्थ स्कीम के पैनल में मौजूद हॉस्पिटल में भर्ती होना चाहिए.
इसमें आपको केवल बेड नंबर, प्रेस्क्रिप्शन जैसी जानकारियां भरनी होती हैं. इस एप्लिकेशन को अधिकारियों को भेजना होता है. इसके बाद मेडिकल एडवांस आपको मिल जाता है.
EPFO अधिकारियों ने ये भी कहा है कि बोर्ड के एप्रूवल के आधार पर एडवांस की ये रकम 3 लाख रुपये तक हो सकती है.
दूसरा कोविड एडवांस
कोविड की दूसरी लहर के वक्त में कर्मचारियों को सपोर्ट करने के लिए EPFO ने अपने मेंबर्स को दूसरा नॉन-रिफंडेबल कोविड-19 एडवांस लेने की इजाजत दी है.
इसके जरिए अब वित्तीय मुश्किलों का सामना कर रहे EPFO मेंबर्स कोविड-19 के लिए दूसरा एडवांस भी ले सकते हैं.
इस प्रावधान के तहत तीन महीनों की बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ते या मेंबर के EPF खाते में मौजूद रकम के 75% हिस्से तक, इसमें जो भी कम हो, उसे निकालने की इजाजत दी जाती है. मेंबर खुद भी कम अमाउंट के लिए आवेदन कर सकता है.
कोविड-19 एडवांस महामारी के दौरान EPF मेंबर्स के लिए बेहद मददगार साबित हुआ है. ये खासतौर पर ऐसे कम तनख्वाह वालों के लिए बेहद कारगर साबित हुआ है जिन्हें हर महीने 15,000 रुपये से कम वेतन मिलता है.