आप शायद चौंक जाएंगे, लेकिन पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (PPF) पर एक वक्त 12 फीसदी सालाना का ब्याज भी मिला है. इस दर पर 6 साल में ही जमा की गई रकम दोगुनी हो जाती है. PPF पर करीब 15 साल तक यही दर लागू रही है.
2001 में घटाई गई ब्याज दर
इस फंड में योगदान देने वालों को 1 अप्रैल 1986 से लेकर 14 जनवरी 2000 तक इस 12 फीसदी की ऊंची ब्याज दर का फायदा मिला है. 15 जनवरी 2000 को यह दर घटाकर 11 फीसदी कर दी गई. अटल बिहारी वाजपेयी की अगुवाई वाले नेशनल डेमोक्रेटिक एलायंस (NDA) की उस वक्त सरकार थी.
PPF को 1968 में लॉन्च किया गया था और 1985-86 से 28 फरवरी 2001 तक सब्सक्राइबर्स को दहाई के अंक में इस स्कीम पर इंटरेस्ट रेट मिला है.
मौजूदा सदी में PPF की ब्याज दर मोटे तौर पर गिरावट का शिकार रही है. हालांकि, दो बार इसकी दर में मामूली इजाफा हुआ है.
मनमोहन सिंह सरकार के वक्त फिर बढ़ा ब्याज
1 दिसंबर 2011 को मनमोहन सिंह की सरकार के वक्त इस दर को 8 फीसदी से बढ़ाकर 8.6 फीसदी कर दिया गया था. इसके बाद 1 अप्रैल 2012 को एक बार फिर से इस दर को बढ़ाकर 8.8 फीसदी करा गया था.
1 अप्रैल 2013 को PPF पर ब्याज दर में फिर से गिरावट का दौर शुरू हुआ और उस वक्त इसे घटाकर 8.7 फीसदी कर दिया गया.
इसके बाद ब्याज दर में एक बार इजाफा 1 अक्टूबर 2018 को हुआ. उस वक्त इस पर मिलने वाले ब्याज को 7.6 फीसदी से बढ़ाकर 8 फीसदी कर दिया गया था. यह दर 30 जून 2019 तक जारी रही. गौरतलब है कि मार्च-अप्रैल 2019 के बीच देश में लोकसभा के चुनाव हुए.
मौजूदा वक्त में PPF पर सब्सक्राइबर्स को 7.1 फीसदी ब्याज मिल रहा है.
बचत और टैक्स फायदे देने के लिए लॉन्च हुआ था PPF
PPF स्कीम को मुख्य तौर पर गैर-सरकारी कर्मचारियों और सेल्फ-एंप्लॉयड लोगों के लिए उतारा गया था ताकि इन्हें बचत के लिए प्रोत्साहित किया जा सके और इन्हें इनकम टैक्स के फायदे मुहैया कराए जा सकें. अन्य प्रॉविडेंट फंड खातों के लिए योग्य लोगों को भी PPF खाता खुलवाने की इजाजत है. अगर कोई शख्स इसमें रेगुलर तौर पर पैसे जमा करता है तो उसे रिटायरमेंट की उम्र पर एकमुश्त रकम मिलती है.
इस फंड को 4.8 फीसदी ब्याज दर के साथ लॉन्च किया गया था. इस पर मिलने वाले ब्याज को 10 फीसदी पर पहुंचने में 16 साल का वक्त लगा. 1968 से लेकर इसकी दर लगातार बढ़ती रही और 1 अप्रैल 1986 को ये 12 फीसदी के अपने पीक पर पहुंच गई.
PPF की खासियत इसके EEE कैरेक्टर में छिपी हुई है. इसका मतलब है कि इस फंड में लगाई गई रकम और इस पर मिलने वाले ब्याज दोनों को टैक्स फ्री रखा गया है. ऐसे में आपको मैच्योरिटी पर पूरी रकम मिलती है.
इसकी लोकप्रियता की एक और वजह पूंजी की सुरक्षा है क्योंकि इसे सरकार की गारंटी हासिल है. PPF खाता खुलवाना आसान है. पब्लिक सेक्टर बैंकों के अलावा निजी बैंक और पोस्ट ऑफिस में भी आप ये खाता खुलवा सकते हैं.
जून 2011 में पूर्व रिजर्व बैंक डिप्टी गवर्नर श्यामला गोपीनाथ क अगुवाई वाली सात सदस्यीय कमेटी ने सिफारिश की थी कि PPF पर मिलने वाली ब्याज को 10 साल के जी-सेक रेट के साथ लिंक कर देना चाहिए.
कमेटी को 13वें वित्त आयोग की सिफारिश पर गठित किया गया था ताकि नेशनल स्मॉल सेविंग्स फंड में व्यापक सुधार लाए जा सकें.