कोई कंफ्यूजन नहीं! PPF में दिल खोलकर करो निवेश, मिलेगा टैक्स फ्री इंट्रस्ट का फायदा

बजट 2021 में कर्मचारी भविष्य निधि मतलब आपके EPF को टैक्स के दायरे में लाया गया. पूरा EPF नहीं, सालाना ढाई लाख रुपए से ऊपर के कंट्रीब्यूशन पर मिलने वाला ब्याज टैक्स फ्री नहीं होगा. मतलब 2.50 लाख से ऊपर जो आपने निवेश किया, उस पर जो ब्याज मिला, सरकार उस पर टैक्स वसूलेगी. इस […]

  • Team Money9
  • Updated Date - February 9, 2021, 11:11 IST
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PPF में निवेश की गई राशि 15 साल तक लॉक हो जाती है.

PPF में निवेश की गई राशि 15 साल तक लॉक हो जाती है.

बजट 2021 में कर्मचारी भविष्य निधि मतलब आपके EPF को टैक्स के दायरे में लाया गया. पूरा EPF नहीं, सालाना ढाई लाख रुपए से ऊपर के कंट्रीब्यूशन पर मिलने वाला ब्याज टैक्स फ्री नहीं होगा. मतलब 2.50 लाख से ऊपर जो आपने निवेश किया, उस पर जो ब्याज मिला, सरकार उस पर टैक्स वसूलेगी. इस ऐलान के बाद पब्लिक में कंफ्यूजन फैल गया कि प्रोविडेंट फंड के साथ-साथ पब्लिक प्रोविडेंट फंड (Public Provident Fund) के निवेश पर भी टैक्स लगेगा. लेकिन, सरकार ने कंफ्यूजन दूर कर दिया है.

पीपीएफ (Public Provident Fund) में निवेश करने वालों के लिए अच्छी खबर ये है कि पीएफ (Provident Fund) में सालाना 2.5 लाख रुपये या उससे अधिक योगदान पर लगने वाला टैक्स पीपीएफ पर लागू नहीं होगा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने 2021-22 के बजट प्रस्तावों में इस टैक्स की घोषणा की थी. तभी से यह आशंका जताई जा रही थी कि पीपीएफ को भी इसके दायरे में लाया जा सकता है।

सरकारी अधिकारी ने कहा कि यह सीमा PPF पर लागू नहीं होगी, क्योंकि उसमें पहले ही सालाना 1.5 लाख रुपए कंट्रीब्यूशन की लिमिट है. सरकार ने 1 अप्रैल से शुरू हो रहे नए वित्‍त वर्ष से प्रति वर्ष 2.5 लाख रुपए से ज्‍यादा के PF (Provident Fund) योगदान पर मिलने वाले ब्‍याज को टैक्‍स के दायरे में लाने का प्रस्‍ताव रखा है. Employee Provident Fund और General Provident Fund पर छूट हटाई गई है. एक्ट में इसका उल्लेख किया गया है.

क्या कहते हैं एक्सपर्ट
प्रोविडेंट फंड के रिटायर्ड एन्फोर्समेंट ऑफिसर भानु प्रताप शर्मा के मुताबिक, ईपीएफ में 2.5 लाख रुपए से ज्यादा योगदान पर मिलने वाले ब्याज पर टैक्स लगाया गया. लेकिन, मेमोरेंडम में यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि यह नियम कहां लागू होगा. इससे भ्रम की स्थिति पैदा हुई. दरअसल, मेमोरेंडम में जिन सेक्शंस का जिक्र किया गया है उनमें PPF शामिल है, लेकिन PPF एक्ट में सालाना लिमिट 1.5 लाख रुपए है. इसलिए इस सीमा से ज्यादा निवेश स्वीकार ही नहीं होगा. ऐसी हालत में 2.5 लाख रुपए की सीमा को पार नहीं करने का ऑप्शन ही नहीं है.

एक्सपर्ट का मानना है कि PPF कंट्रीब्यूशन में किसी भी बदलाव के लिए PPF एक्ट में संशोधन करना होगा. PPF के नियमों में बदलाव नहीं होता है और टैक्सपेयर्स को पीपीएफ में सालाना 1.5 लाख रुपए से ज्यादा जमा करने की अनुमति नहीं दी जाती है, तब तक सेक्शन 10 (1) में बदलाव का PPF पर कोई असर नहीं होगा.

Published - February 9, 2021, 11:11 IST