Provident Fund: बजट 2021 में नौकरीपेशा को झटका लगा है. अब आपके प्रोविडेंट फंड पर भी टैक्स लगेगा. अब तक टैक्स बचाने के लिए इस्तेमाल होने वाले PF को भी टैक्स के दायरे में लाया गया है. हालांकि, यह एक पेच है. यह टैक्स सिर्फ उन लोगों को चुकाना होगा, जिनका सालाना कंट्रीब्यूशन 2.5 लाख रुपए से ज्यादा होगा. एक वित्तीय वर्ष में 2.5 लाख रुपए से ज्यादा प्रोविडेंट फंड (Provident Fund) जमा करने पर मिलने वाला ब्याज टैक्स के दायरे में आएगा. इससे हाई-इनकम सैलरीड लोग सीधे तौर पर प्रभावित होंगे. खासकर वो लोग जो टैक्स फ्री इंट्रेस्ट कमाने के लिए वॉलंटरी प्रोविडेंट फंड (Voluntary Provident Fund)का इस्तेमाल करते थे.
ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब सरकार ने PF मनी पर टैक्स लगाने का प्रस्ताव रखा है. 2016 के बजट में भी प्रस्ताव किया गया था कि EPF के 60 फीसदी पर अर्जित ब्याज को टैक्स के दायरे में लाया गया था. हालांकि, इस नए टैक्स के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध होने लगा तो प्रस्ताव को वापस ले लिया गया.
बजट 2021 में यूलिप की धारा 10 (10D) के तहत एक साल में 2.5 लाख रुपए से ज्यादा के प्रीमियम की मैच्योरिटी पर टैक्स छूट को हटाने का प्रस्ताव किया गया है. हालांकि, यह मौजूदा यूलिप पर लागू नहीं होगा, केवल इस साल 1 फरवरी के बाद बेची गई पॉलिसी के लिए होगा. हालांकि, इस प्रस्ताव के खिलाफ विरोध होने की संभावना इसलिए कम है क्योंकि, यह सिर्फ हाई इनकम सैलरीड को ही प्रभावित करता है.
वरिष्ठ पत्रकार और लेट्स टॉक मनी की लेखिका मोनिका हालन ने इस नियम पर सफाई दी है. उन्होंने बताया कि ULIP पॉलिसी के मैच्योर होने पर ये टैक्स भरना होगा. हालांकि, पॉलिसी में डेथ बेनिफिट बिना टैक्स के ही जारी रहेगा. उनके मुताबिक ये कदम म्यूचुअल फंड और ULIP के बीच समानता लाने के लिए कदम उठाया गया है.
आसान भाषा में कहें तो 2.5 लाख रुपए वार्षिक सीमा का मतलब यह है कि PF (हर महीने 1.73 लाख रुपए बेसिक सैलरी तक) में कर्मचारी हर महीने 20,833 रुपए का अंशदान करे तो टैक्स से बचेगा, क्योंकि इससे आपका कंट्रीब्यूशन सिर्फ 2 लाख 49 हजार 996 रुपए होगा यानि ढ़ाई लाख रुपए.
उधर, 1 अप्रैल से नया वेज कोड भी आने वाला है, जिसमें निर्धारित किया गया है कि बेसिक सैलरी व्यक्ति की कुल आय का कम से कम 50 प्रतिशत होना चाहिए. इसका मतलब है कि ज्यादा बेसिक सैलरी के साथ स्ट्रक्चर बदलेगा और ऐसे में अपने आप PF में योगदान बढ़ेगा.