प्रोविडेंट फंड (Provident Fund), भविष्य निधि खाता… आसान भाषा में कहें तो एक तरह का बचत खाते, जिस पर इस वक्त सबसे ज्यादा ब्याज मिलता है. ऐसे में कोई दूसरी स्कीम्स में पैसा क्यों लगाए. यही वजह है कि देश के टॉप 5 अकाउंट में PF योगदान (Provident Fund) इतना ज्यादा है कि सुनकर ही चौंक जाएं. सिर्फ एक कर्मचारी के अकाउंट में 103 करोड़ रुपए. अब सोचिए अगर कंट्रीब्यूशन इतना है तो इन अकाउंट्स पर ब्याज कितना होगा? यही वजह है कि सरकार 2.5 लाख रुपए से ज्यादा के योगदान पर टैक्स लगा रही है. ब्याज में इसका प्रस्ताव किया गया है. 1 अप्रैल 2020 से इसे लागू भी कर दिया जाएगा.
टॉप 5 अकाउंट में कितना कंट्रीब्यूशन, कितना ब्याज?
1. 103 करोड़ रुपए- सरकारी आंकड़े के मुताबिक, एक कर्मचारी के PF अकाउंट में 103 करोड़ रुपए हैं. मतलब अगर पिछले वित्त वर्ष के ब्याज की गणना करें तो 8.50% के लिहाज से इसमें करीब 8.5 करोड़ रुपए से ज्यादा सिर्फ ब्याज की रकम है.
2. 85.6 करोड़ रुपए- देश के दूसरे टॉप PF अकाउंट में कुल 85.6 करोड़ रुपए जमा हैं. इस पर सालाना 8.50% की दर से ब्याज लगता है. मौजूदा दर के हिसाब से पिछले वित्त वर्ष में इस अकाउंट पर 7 करोड़ 31 लाख रुपए सिर्फ ब्याज से ही कमाई हुई.
3. 85.6 करोड़ रुपए- तीसरे PF अकाउंट में भी कुल 85.6 करोड़ रुपए जमा हैं. ऐसे में इस पर सालाना 8.50% की दर से ब्याज की राशि 7 करोड़ 31 लाख रुपए होगी. जो पिछले वित्त वर्ष में सरकार ने इस अकाउंट पर दी होगी.
4. 72.8 करोड़ रुपए- चौथे नंबर के PF अकाउंट में कुल 72.8 करोड़ रुपए जमा हैं. इस पर सालाना ब्याज से कमाई कुल 6 करोड़ 20 लाख और 50 हजार रुपए होगी.
5. 47 करोड़ रुपए- टॉप 5 PF अकाउंट में पांचवें खाते में कुल 47 करोड़ रुपए जमा हैं. इस पर सालाना ब्याज 8.5% मिला होगा, जिससे इस अकाउंट की सिर्फ ब्याज से कमाई 3 करोड़ 99 लाख 50 हजार रुपए होगी.
प्रोविडेंट फंड (Provident Fund) खातों में ‘बड़ी राशि’ जमा करने वाले लोगों की संख्या 1.2 लाख है. मतलब कुल 4.5 करोड़ खाताधारकों का 0.3 फीसदी. टैक्स फ्री रिटर्न का फायदा बड़े और अमीर लोग उठा रहे हैं, जबकि PF छोटे कर्मचारियों के लिए बनाया गया है. टॉप-20 अमीर निवेशकों के खाते में कुल 825 करोड़ रुपए जमा है, जबकि टॉप 100 खातों में 2,000 करोड़ रुपए का बैलेंस जमा है.
सरकार ने पिछले वित्त वर्ष में कितना ब्याज चुकाया?
अगर सिर्फ इन 20 अकाउंट की बात करें, जिनमें कुल 825 करोड़ रुपए जमा हैं और इस पर सालाना 8.5% का ब्याज दिया गया हो तो सरकारी खजाने से 70 करोड़ 12 लाख 50 हजार रुपए सिर्फ ब्याज के रूप में दिए गए. अगर सिर्फ टॉप 5 अकाउंट की बात करें तो इसमें 33 करोड़ 57 लाख 50 हजार रुपए ब्याज के रूप में दिए गए.