स्मॉल सेविंग स्कीम में सबसे पसंदीदा इंस्ट्रूमेंट पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) है. तमाम फिक्स्ड इनकम इंस्ट्रूमेंट्स में PPF की ब्याज दर सबसे ज्यादा है. लेकिन, स्कीम में निवेश करने से पहले आपको कुछ बातें जरूर पता होनी चाहिए. स्कीम के बेनिफिट्स पता होने पर ही आपको ज्यादा फायदा मिल सकता है.
1. ब्याज मिलना तय है, लेकिन दर फिक्स नहीं
PPF पर मिलने वाले ब्याज की दर फिक्स नहीं होती है. इसे हर तिमाही में रिवाइज किया जाता है. लेकिन, मौजूदा ब्याज दर छोटी बचत योजनाओं में सबसे ज्यादा आकर्षक है. PPF की ब्याज दर 10 साल के सरकारी बॉन्ड के यील्ड से जुड़ी होती है. पिछले तीन महीने की औसत बॉन्ड यील्ड के आधार पर इसे तय किया जाता है. पिछले दो साल में 10 साल के बॉन्ड यील्ड में लगातार गिरावट आई है. इसका PPF पर असर पड़ा है.
2. मैच्योरिटी के बाद भी बढ़ा सकते हैं निवेश
Public Provident Fund अकाउंट 15 साल में मैच्योर होता है. अकाउंट के मैच्योर होने पर आपके पास पूरे बैलेंस को निकालकर खाते को बंद करने का ऑप्शन होता है. लेकिन, अगर आप कॉन्ट्रिब्यूशन बढ़ाना चाहते हैं तो ये ऑप्शन भी मिलता है. खाते को 5 साल के लिए बढ़ाया जा सकता है. 5 साल के ब्लॉक में इस तरह का एक्सटेंशन कितनी बार भी किया जा सकता है. मतलब इसकी कोई सीमा नहीं है.
3. लॉक इन के बाद भी निकाल सकते हैं पैसा
15 साल की मैच्योरिटी का ये मतलब कतई नहीं है कि आपका पैसा इतने दिनों तक लॉक ही रहेगा. खाता खुलने से 15 साल की अवधि शुरू होती है. धीरे-धीरे लॉक-इन घटती है. 14वें साल यह केवल एक साल रह जाता है. मान लीजिए किसी ने 2006 में PPF अकाउंट खोला था, तो इस साल लॉक-इन अवधि खत्म हो जाएगी. लेकिन, मैच्योरिटी से पहले भी कई मामलों में इससे पैसे निकालने की सुविधा मिलती है. स्कीम के शुरू होने के छठे साल बाद आप चौथे साल के आखिर में बचे बैलेंस का 50 फीसदी तक पैसा निकाल सकते हैं. 1 फीसदी की दर से अकाउंट पर लोन भी ले सकते हैं. अगर अकाउंट को छह साल पूरे नहीं हुए हैं तो आप 3 साल से लेकर छठे साल तक लोन ले सकते हैं. पिछले वित्त वर्ष के अंत तक के बैलेंस का 25 फीसदी तक लोन लिया जा सकता है. इसे 3 साल में चुकाना होता है. लोन का रिपेमेंट नहीं होने पर निवेशक और लोन नहीं ले सकता.
4. PPF में निवेश करना भूलें नहीं, न बहुत ज्यादा निवेश करें
किसी एक साल में आप PPF में कम से कम 500 रुपए और ज्यादा से ज्यादा 1.5 लाख रुपए का निवेश कर सकते हैं. 15 साल से बाद बढ़ाने पर भी 500 रुपए के मिनिमम इनवेस्टमेंट को बनाए रखना पड़ता है. अगर आप 500 रुपए का न्यूनतम निवेश नहीं करते हैं तो आपका अकाउंट डॉरमेंट यानी निष्क्रिय हो जाएगा. ऐसे डॉरमेंट अकाउंट को दोबारा एक्टिवेट कराने के लिए 50 रुपए सालाना पेनाल्टी देनी होगी. 1.5 लाख रुपए की अधिकमत सीमा में नाबालिग बच्चे के लिए खुलाए गए PPF अकाउंट का कॉन्ट्रिब्यूशन शामिल है. इसका मतलब है कि अगर अपने साथ बच्चे का अलग PPF अकाउंट खुलाते हैं तो दोनों में मिलाकर 1.5 लाख रुपए से ज्यादा निवेश नहीं किया जा सकता है.
5. हर महीने की 5 तारीख से पहले कैलकुलेट होता है ब्याज
Public Provident Fund पर सालाना चक्रवृद्धि ब्याज मिलता है. लेकिन, इसका कैलकुलेशन हर महीने होता है. 5 तारीख से लेकर महीने की आखिरी तारीख तक सबसे कम बैलेंस पर ब्याज मिलता है. अगर 5 तारीख से पहले आप निवेश करते हैं तो कॉन्ट्रिब्यूशन पर उस महीने के लिए भी ब्याज मिलता है. अगर आप चेक के जरिए निवेश कर रहे हैं तो सुनिश्चित कर लें कि कट-ऑफ तारीख से 3-4 दिन पहले आपका डिपॉजिट होना चाहिए.
6. मिलते हैं तमाम टैक्स बेनिफिट
Public Provident Fund में निवेश पर सेक्शन 80C के तहत 1.5 लाख रुपए तक की छूट है. कमाए गए ब्याज पर टैक्स नहीं लगता है. लेकिन, इनकम टैक्स रिटर्न में इसके बारे में बताना होता है. निकासी भी टैक्स फ्री है. इससे व्यक्ति की टैक्स देनदारी पर असर नहीं पड़ता है. मैच्योरिटी पर निकाली जाने वाली रकम भी टैक्स फ्री है.
7. PPF के अतिरिक्त टैक्स बेनिफिट
अपने जीवनसाथी या बच्चे के नाम से PPF अकाउंट खुलवाकर अतिरिक्त टैक्स बेनिफिट लिए जा सकते हैं. टैक्स कानूनों के मुताबिक, अगर जीवनसाथी को तोहफे में दिया पैसा निवेश किया जाता है तो निवेश से इनकम को देने वाले की इनकम के साथ क्लब कर दिया जाता है. चूंकि PPF से इनकम टैक्स फ्री है. इससे कॉन्ट्रिब्यूशन देने वाले की टैक्स देनदारी नहीं बढ़ती है. हालांकि, कोई एक साल में इसमें 1.5 लाख रुपए तक निवेश कर सकता है.