अब एंप्लॉई प्रोविडेंट फंड (EPF) में कर्मचारी के 2. 5 लाख से ज्यादा के कंट्रीब्यूशन के इंट्रस्ट पर टैक्स लग गया है. लेकिन इसके अलावा दूसरे प्रोविडेंट फंड (PF) पर भी क्या टैक्स लगेगा? क्या आपके हर PF कंट्रीब्यूशन पर लगेगा टैक्स?
सभी PF पर टैक्स नहीं लगेगा. EPF, VPF, GPF और PPF – ये हैं चार Provident Funds और इन्हें लेकर आप चिंतित ना हों.
EPF पर कैसे लगेगा टैक्स ?
आप अगर नौकरी करते हैं तो आपके रिटायरमेंट के लिए ये पैसे आपके सैलरी से हर महीने कटते हैं . बेसिक सैलरी से 12 फीसदी आप देते हैं और और 12 फीसदी एम्पलॉयर देता है. अब अगर आप महीने में कुल 20,833 रुपये का कंट्रीब्यूशन करते हैं तो कोई चिंता नहीं लेकिन इससे ऊपर अगर आपका कंट्रीब्यूशन जाएगा तो फिर आपको EPF से मिल रहे ब्याज पर टैक्स देना होगा. यानि अगर आपका E-PF कंट्रीब्य़ूशन 2.5 लाख की लक्ष्मण रेखा को पार करेगा तो अपने स्लैब के हिसाब से टैक्स देना होगा.
एक उदाहरण से समझते हैं – EPF में अगर सालान कंन्ट्रीब्यूशन 3 लाख है तो जो आप 50,000 अधिक जमा कर रहें हैं उसपर आपको जो ब्याज मिलेगा वो टैक्सेबल है. अगर 8.5 फीसदी के हिसाब से कैलकुलेट करें तो ये रकम 4250 रुपये होती है . अब अगर कर्मचारी 30 फीसदी के टैक्स स्लैब में है तो 1275 रुपये टैक्स के तौर पर देने होंगे. इसपर 4% सेस यानि 1326 रुपये और लगेंगे. 2.5 लाख से ज्यादा के निवेश में 8.5 फीसदी का ब्याज नहीं बल्कि पोस्ट टैक्स 5.85 फीसदी ब्याज मिलेगा. कुल मिलाकर ये कि आपको अपने पूरे कंट्रीब्यूशन पर 8.06 फीसदी ही ब्याज मिल रहा होगा. जैसे-जैसे आपका EPF में कंट्रीब्यूशन 2.5 लाख से ज्यादा होगा वैसे-वैसे आप कम ब्याज कमाएंगे.
किसके लिए चिंता की खबर?
सिर्फ उनके लिए चिंता की बात है जो वॉलेंटरी प्रोविडेंट फंड (VPF) के रूट से अपना PF कंट्रीब्यूशन बढ़ाते हैं. हर एम्प्लॉई केवल अपनी सैलरी के बेसिक का 12 फीसदी ही कॉन्ट्रीब्यूट कर सकता है. लेकिन अगर कोई इससे ज्यादा करना चाहे तो वो VPF के ज़रिए अपने बेसिक का 100 परसेंट तक डाल सकता है. अब कौन हो सकते हैं ये? ये वो लोग हैं जो कंपनियों के डायरेक्टर या ओनर या ऊंचे पद पर होते हैं जो अपने कंट्रीब्यूशन को बढ़ा सकते हैं. क्या आप जानते हैं कि भारत में 4.5 करोड़ PF धारकों में 0.3 परसेंट अकाउंट है जिनका कंट्रीब्यूशन 2.5 लाख से ज्यादा है.
तो EPF में VPF के ज़रिये जो कंट्रीब्यूशन बढ़ा रहें हैं उनपर टैक्स लगेगा.
क्या GPF पर टैक्स लगेगा ?
अब गवर्नमेंट प्रोविडेंट फंड (GPF) ये PF केवल सरकारी कर्मचारियों के लिए होता है. और वो भी उनका जिन्होंने 1 जनवरी 2004 के पहले नौकरी शुरू की. अब ये बंद कर दिया गया है. अब इसकी जगह सरकारी कर्मचारी NPS के दायरे में आते हैं. जिनका पुराना अकाउंट है वो चल रहे हैं जिसमें सरकारी कर्मचारी अपनी सैलरी का न्यूनतम 6 फीसदी योगदान दे सकते है और अधिकतम 100 फीसदी. इसपर अभी 8 फीसदी ब्याज मिल रहा है और अगर यहां भी एंप्लॉई 2.5 लाख रुपये से ज्यादा कंट्रीब्यूट करेगा तो उसे टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स देना होगा.
PPF पर टैक्स लगेगा या नहीं ?
ये अकाउंट कोई भी खोल सकता है. बैंक और पोस्ट ऑफिस में खुलते हैं पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) अकाउंट. इस कंट्रीब्यूशन का आपकी सैलरी से कई लेना-देना नहीं है. लेकिन इसकी लिमिट सालाना 1.5 लाख रुपये है. इस पर अपको 7.10 फीसदी का ब्याज मिल रहा है. इसमें निवेश पर अपर लिमिट पहले से ही है और इससे ज्यादा कोई कंट्रीब्यूट नहीं कर सकता तो इसपर टैक्स भी नहीं लग रहा है.
यहां समझें बारीकियां –