कोविड-19 के दौर में पैसों की जरूरत है तो आप अपने EPF अकाउंट का इस्तेमाल कर सकते हैं. एम्प्लॉई प्रोविडेंट फंड (EPF/PF) अकाउंट से ऐसे वक्त में पैसा निकालकर अपनी जरूरतों को पूरा किया जा सकता है. अक्सर लोगों को लगता है कि EPF से पैसा निकालना मुश्किल है लेकिन ऐसा नहीं है. PF का पैसा बहुत आसानी से निकाला जा सकता है. लेकिन, ध्यान यह रखना होता है कि इसके लिए नियम क्या हैं. मसलन अगर आप 5 साल से पहले पैसा निकाल रहे हैं तो आपको इनकम टैक्स (EPF Tax rules) चुकाना होगा. यह EPFO का नियम है. इसके अलावा अलग-अलग कारणों के लिए निकासी के नियम अलग हैं.
EPF अकाउंट से पैसे निकालने पर टैक्स?
EPF अकाउंट एक सेविंग अकाउंट की तरह है, जहां आप पैसा जमा करते हैं और जरूरत पड़ने पर उसे निकाल भी सकते हैं. लेकिन यह सेविंग्स अकाउंट से अलग है. क्योंकि, यहां पैसा निकालने की कुछ शर्ते हैं. 5 साल की लगातार नौकरी से पहले अगर EPF अकाउंट से रकम निकाली गई तो इनकम टैक्स (EPF Tax rules) चुकाना होगा. आपके मौजूदा इनकम स्लैब के हिसाब से ही इनकम टैक्स चुकाना होगा.
कर्मचारी को अगर नौकरी करते हुए 5 साल पूरे हो जाते हैं और वो PF निकालता है तो उस पर इनकम टैक्स की कोई लायबिलिटी नहीं होती. 5 साल की अवधि एक या इससे ज्यादा कंपनियों को मिलाकर भी हो सकती है. एक ही कंपनी में 5 साल पूरे करना जरूरी नहीं. लेकिन, 5 साल की अवधि पूरी नहीं होने पर निकाले गए पैसों पर 10 फीसदी की दर से TDS और टैक्स लगता है. 50 हजार या इससे ज्यादा अमाउंट है और अवधि पांच साल से कम है तो फॉर्म 15G या 15H जमा कर TDS बचाया सकता है. पैन कार्ड नहीं होने की स्थिति में 30% TDS देना होगा.
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EPFO के नियमों के मुताबिक, अगर किसी सदस्य की नौकरी छूट जाए तो वह 1 महीने बाद PF अकाउंट से 75 फीसदी तक पैसा निकाल सकता है. EPFO का मानना है कि इससे बेरोजगारी के दौरान वह अपनी जरूरतें पूरी कर सकता है. PF अकाउंट में बची बाकी रकम यानि 25 फीसदी रकम को दो महीने बाद निकाला जा सकता है.
EPF खाताधारक अपने या परिवार के इलाज के लिए EPF का पूरा अमाउंट निकाला (EPF Withdrawal) जा सकता है. इस स्थिति में कभी भी EPF का पैसा निकाला जा सकता है. वहीं, एजुकेशन के मामले में अपने एम्प्लॉयर से फॉर्म-31 के तहत आवेदन करना होता है. PF निकालने की तारीख तक कुल जमा का 50% PF ही निकाल सकते हैं. इसके अलावा होम लोन भुगतान के लिए खाताधारक कुल जमा रकम का 90% निकालने की छूट मिलती है. वहीं, शादी के लिए यह लिमिट 50% रखी गई है. सिर्फ रिटायरमेंट के वक्त ही पूरी रकम निकाली जा सकती है. वहीं, प्री-रिटायरमेंट यानि 54 वर्ष की उम्र में PF बैलेंस में से 90 फीसदी तक रकम निकल सकते हैं, लेकिन यह विड्रॉल सिर्फ एक ही बार होगा.