कैसे होती है EPF पर ब्याज की कैलकुलेशन, ऐसे पता करें साल के आखिर में कितना होगा फायदा

EPF Interest calculation- हर साल EPF अकाउंट में जमा राशि पर सरकार ब्याज तय करती है. EPF पर मिलने वाला ब्याज बहुत ही महत्वपूर्ण होता है.

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Pic Courtesy: Pixabay: ईपीएफओ के नए नियमों के मुताबिक पीएफ खाते को आधार कार्ड से लिंक करना हर खाताधारक के लिए अनिवार्य है. यह नियम 1 सितंबर, 2021 से लागू होगा. पहले इसे 1 जून से लागू किया जा रहा था, लेकिन अब इसकी समय सीमा बढ़ गई है.

Pic Courtesy: Pixabay: ईपीएफओ के नए नियमों के मुताबिक पीएफ खाते को आधार कार्ड से लिंक करना हर खाताधारक के लिए अनिवार्य है. यह नियम 1 सितंबर, 2021 से लागू होगा. पहले इसे 1 जून से लागू किया जा रहा था, लेकिन अब इसकी समय सीमा बढ़ गई है.

प्रोविडेंट फंड अकाउंट (EPF Account) अच्छा सेविंग्स ऑप्शन है. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) करोड़ों अकाउंट होलडर्स के खातों को मैनेज करता है. इन अकाउंट्स में एम्प्लॉई और एम्प्लॉयर दोनों की तरफ से बेसिक और डियरनेस अलाउंस मिलाकर 24 फीसदी राशि जमा की जाती है. हर साल इस EPF अकाउंट में जमा राशि पर सरकार ब्याज दर तय करती है. जमा राशि पर जो ब्याज होता है, वो बहुत ही महत्वपूर्ण होता है. लेकिन, क्या आपको पता है कि EPF अकाउंट में ब्याज का कैलकुलेशन (EPF Interest calculation) कैसे किया जाता है? आमतौर पर खाताधारक यह मानते हैं कि प्रोविडेंट फंड में जमा होने वाले पूरे पैसे पर ब्याज मिलता है. लेकिन, ऐसा नहीं होता. PF अकाउंट में जो राशि पेंशन फंड में जाती है, उस पर कोई ब्याज कैलकुलेट नहीं होता है.

ऐसे होता है EPF Interest calculation

EPF अकाउंट में हर महीने जमा पैसे यानि मंथली रनिंग बैलेंस के आधार पर ब्याज की गणना (EPF Interest calculation) की जाती है. लेकिन, इसे साल के आखिर में अकाउंट में जमा किया जाता है. EPFO के नियमों के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष की आखिरी तारीख को बैलेंस राशि में से सालभर में अगर कोई राशि निकाली गई है तो उसे घटाकर 12 महीने का ब्याज निकाला जाता है. EPFO हमेशा खाते का ओपनिंग और क्लोजिंग बैलेंस लेता है. यह राशि एक वित्तीय वर्ष की शुरुआत और खत्म होने के वक्त तय की जाती है. इसका आकलन करने के लिए मासिक रनिंग बैलेंस को जोड़ा जाता है और ब्याज के रेट /1200 से गुणा कर दिया जाता है.

रकम निकालने से भी पड़ता है असर
अगर चालू वित्त वर्ष के दौरान कोई राशि निकाली जाती है तो ब्याज की रकम (EPF Interest calculation) साल की शुरुआत से लेकर निकासी के तुरंत पहले वाले महीने की ली जाती है. साल का क्लोजिंग बैलेंस (PF Balance) उसका ओपनिंग बैलेंस होगा+कंट्रीब्यूशन-निकासी (यदि कोई है)+ब्याज.

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ऐसे समझिए
बेसिक सैलरी+ डियरनेस अलाउंस (DA) = ₹30,000
कर्मचारी कंट्रीब्यूशन EPF = 12% of ₹30,000 = ₹3,600
एम्प्लॉयर कंट्रीब्यूशन EPS (subject to limit of 1,250) = ₹1,250
एम्प्लॉयर कंट्रीब्यूशन EPF = (₹3,600-₹1,250) = ₹2,350
कुल मासिक EPF कंट्रीब्यूशन = ₹3,600 + ₹2350 = ₹5,950

एक अप्रैल 2020 तक PF में कंट्रीब्यूशन
अप्रैल में कुल EPF कंट्रीब्यूशन= ₹5,950
EPF पर अप्रैल में ब्याज= Nil (पहले महीने में कोई ब्याज नहीं)
अप्रैल के अंत में EPF अकाउंट बैलेंस= ₹5,950
मई में EPF कंट्रीब्यूशन= ₹5,950
मई के अंत में EPF अकाउंट बैलेंस= ₹11,900
हर महीने के हिसाब से ब्याज की गणना (EPF Interest calculation)= 8.50%/12 = 0.007083%
मई के EPF पर ब्याज की गणना= ₹11,900*0.007083%= ₹84.29

लगाया जाता है यह फॉर्मूला
किसी भी वित्त वर्ष के लिए ब्याज दर सरकार की तरफ से नोटिफाई की जाती है. चालू वित वर्ष खत्म होने पर ब्याज का कैलकुलेशन (EPF Interest calculation) किया जाता है. साल के हर महीने की आखिरी तारीख को बैलेंस राशि को जोड़कर उस राशि को तय ब्याज दर को भागकर 1200 से गुनाकर ब्याज राशि निकाली जाती है.

Published - April 14, 2021, 06:36 IST