Employee pension Scheme: बजट 2021 में प्रोविडेंट फंड के कंट्रीब्यूशन को लेकर नियमों में बदलाव हो गया है. अब सालाना 2.5 लाख रुपए से ऊपर के कंट्रीब्यूशन पर जो ब्याज मिलेगा, उस पर सरकार टैक्स वसूलेगी. आमतौर पर यह माना जाता है कि प्रोविडेंट फंड बिल्कुल टैक्स फ्री है. लेकिन, ऐसा नहीं है. EPFO के कुछ अपने नियम हैं, जिनमें कुछ तय शर्तों के साथ ही प्रोविडेंट फंड विड्रॉल होता है. कंट्रीब्यूशन पर टैक्स पहली बार लगा है, लेकिन निकासी यानि विड्रॉल पर पहले भी टैक्स लगता रहा है. ये तो हुई प्रोविडेंट फंड की बात. लेकिन, सबसे ज्यादा आम नौकरीपेशा को तकलीफ होती है पेंशन (Employee pension Scheme) से… क्योंकि, इसके नियम पूरी तरह अलग हैं.
क्या पेंशन में जमा हो रहे फंड को निकाला जा सकता है? दरअसल, एंप्लॉई प्रोविडेंट फंड (EPF) में दो तरह की स्कीमों में आपका पैसा जमा होता है. पहला प्रोविडेंट फंड (EPF) और दूसरा पेंशन फंड (EPS) होता है. कर्मचारी की बेसिक सैलरी का 12 फीसदी हिस्सा उसकी सैलरी से काटा जाता है और इतना ही योगदान कंपनी की तरफ से दिया जाता है. कर्मचारी का पूरा 12% EPF में जमा हो जाता है. वहीं, कंपनी के हिस्से को दो टुकड़ों में डाला जाता है. पहला 3.67% EPF में जमा होता है और बाकी 8.33 फीसदी हिस्सा कर्मचारी पेंशन योजना EPS में जमा हो जाता है.
प्रोविडेंट फंड के लिए क्या है नियम?
EPFO के नियमों के मुताबिक, बच्चे की शादी, उच्च शिक्षा और मकान खरीदने के लिए आंशिक निकासी की जा सकती है. नौकरी छोड़ने के एक महीने बाद ही सदस्य 75 फीसदी रकम निकाल सकता है. इसके 2 महीने बाद बचा हुआ 25 फीसदी हिस्सा भी निकाला जा सकता है. पहले नौकरी छोड़ने या बेरोजगार होने की स्थिति में दो महीने बाद ही PF निकाला जा सकता था.
पेंशन के लिए क्या हैं नियम?
EPF की रकम निकालना चाहते हैं तो आप कभी भी अपने खाते में जमा राशि को निकाल सकते हैं. चाहे आपकी नौकरी 6 महीने की हो या 10 साल की. लेकिन, पेंशन (Employee pension Scheme) की रकम निकालने के लिए आपको थोड़ी परेशानी हो सकती है. क्योंकि, इसके बहुत से नियम हैं, जो आपको समझने चाहिए. आइये जानते हैं अलग-अलग स्थिति में पेंशन की रकम का क्या कर सकते हैं?
PF ट्रांसफर करने की स्थिति में पेंशन का क्या होगा?
EPFO के एनफोर्समेंट ऑफिसर (रिटायर्ड) भानु प्रताप शर्मा के मुताबिक, अगर आप अपना प्रोविडेंट फंड (PF) एक खाते से दूसरे खाता में ट्रांसफर करते हैं, तो आपकी चाहे जितनी भी सर्विस हिस्ट्री हो, आप पेंशन की रकम को कभी भी किसी हालत में नहीं निकाल पाएंगे. क्योंकि, ट्रांसफर किए हुए खाते में से केवल पीएफ की रकम ट्रांसफर होती है और आप केवल PF का पैसा ही निकाल सकते हैं. पेंशन की रकम को आपकी service history से जोड़ दिया जाता है. मतलब यह कि अगर अलग-अलग जगह नौकरी करते हुए भी आपकी सर्विस हिस्ट्री 10 साल की हो जाती है तो आप पेंशन के लिए हकदार बन जाएंगे और 58 साल की उम्र होने पर आपको मासिक पेंशन के रूप में कुछ वेतन मिलने लगेगा.
6 महीने से कम की हो नौकरी तो क्या पेंशन का पैसा निकाल सकते हैं?
अगर आपकी नौकरी 6 महीने से कम की है, मतलब 180 दिन की ड्यूटी से कम है तो भी आप सिर्फ PF की रकम ही निकाल पाएंगे. लेकिन, पेंशन में जमा रकम आपको नहीं मिलेगी. क्योंकि EPFO के नियम अनुसार 180 दिन की कम ड्यूटी की सर्विस में पेंशन का पैसा नहीं निकाल सकते.
9 साल 6 महीने से अधिक हो नौकरी तो क्या पेंशन का पैसा निकाल सकते हैं?
अगर आपकी नौकरी 9 साल 6 महीने से ज्यादा की हो चुकी है तो आप अपने PF के साथ पेंशन की रकम नहीं निकाल पाएंगे. क्योंकि, 9 साल 6 महीने की सर्विस को 10 साल के बराबर माना जाता है. EPFO के नियमों के मुताबिक, अगर आपकी नौकरी 10 साल की हो जाती है तो आप पेंशन के लिए हकदार बन जाते हैं. इसके बाद आपको 58 साल की उम्र में मासिक पेंशन (Eps Pension) का लाभ मिलना शुरू होगा. मतलब यह कि आपको आजीवन पेंशन तो मिलेगी, लेकिन पेंशन का हिस्सा रिटायरमेंट से पहले नहीं निकाल पाएंगे.
पेंशन का पैसा कब और कैसे निकाल सकते हैं?
अगर आपकी नौकरी 6 महीने से ज्यादा और 9 साल 6 महीने से कम है, तो आप Form 19 और 10c जमा करके अपने पीएफ रकम के साथ पेंशन की रकम भी निकाल सकते हैं. लेकिन, इसके लिए आपको मैनुअल तरीके से ही पीएफ ऑफिस में आवेदन करना होगा. ऑनलाइन प्रोसेस में अभी पेंशन फंड निकालने की सुविधा को शुरू नहीं किया गया है. फॉर्म भरने के बाद इन्हें एम्प्लॉयर यानी EPFO के कार्यालय में ही जमा करना होगा.
निकासी के बाद क्या रिटायरमेंट पर मिलेगी पेंशन?
अगर आप 9 साल 6 महीने से कम की स्थिति में पेंशन के हिस्सा को निकालते हैं तो याद रखिए आप इसके बाद पेंशन के लिए हकदार नहीं होंगे. क्योंकि PF के साथ पेंशन का पैसा निकालने का मतलब है Full & Final PF settlement और ऐसे मामलों में आपका वह PF खाता नंबर पूरी तरह से बंद कर दिया जाता है. इस कारण आप अपने रिटायरमेंट के लिए पेंशन सुविधा का लाभ नहीं ले सकते हैं.