एम्प्लॉई पेंशन स्कीम (EPS) को इन्फ्लेशन इंडेक्स (मुद्रास्फीति सूचकांक) के साथ जोड़ने की कोई प्लानिंग नहीं है. केंद्र सरकार ने साफ कर दिया कि ऐसी कोई सिफारिश नहीं की गई है. हालांकि, कुछ महीने पहले ही इंश्योरेंस रेगुलेटर (IRDAI) ने संभावना जताई थी कि जल्द ही एक ऐसा प्रोडक्ट लॉन्च किया जाएगा, जिससे पेंशनर्स को बड़ा फायदा होगा. लेकिन, श्रम मंत्रालय ने संसद को दी जानकारी दी कि एक्सपर्ट कमिटी का ऐसा कोई सुझाव नहीं है. मंत्रालय ने बताया कि सरकार ने EPS 1995 से जुड़ी पेंशनर्स की मांग को देखते हुए एक कमिटी का गठन किया था.
बेसिक पेंशन बढ़ाने की है डिमांड
EPFO बोर्ड के सदस्य विरजेश उपाध्याय के मुताबिक, कमिटी ने कभी भी पेंशन स्कीम को कॉस्ट ऑफ लिविंग इंडेक्स से जोड़ने की सिफारिश नहीं की. पेंशनर्स की डिमांड है कि उनकी न्यूनतम पेंशन को बढ़ाया जाए. पेंशनर्स को फिलहाल 1000 रुपए मिनिमम बेसिक पेंशन मिलती है. इसे बढ़ाकर 3000 रुपए करने की मांग हैं. कोशियारी कमिटी ने भी इस पर अपनी सिफारिशें सरकार को भेजी थीं, लेकिन अभी तक इस पर कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ है. इंफ्लेशन इंडेक्स से पेंशन को जोड़ने चाहिए. इससे पेंशनर्स को अच्छी राहत मिल सकती है. हालांकि, ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है. अगर ऐसा कोई प्रोडक्ट लाया जाता है तो सीधे तौर पर EPS-95 के 65 लाख पेंशनर्स को इसका सीधा फायदा मिलेगा.
IRDAI ने की थी सिफारिश
इंश्योरेंस रेगुलेटर IRDAI ने संभावना जताई थी कि पेंशन स्कीम को इंफ्लेशन इंडेक्स या गवर्नमेंट सिक्योरिटीज से जोड़ा जा सकता है. इसके लिए एक नया प्रोडक्ट लॉन्च किया जा सकता है. नया प्रोडक्ट का सबसे बड़ा फायदा ये होगा कि मुद्रास्फीति (महंगाई) बढ़ने पर पेंशनधारकों को ज्यादा पैसा मिलेगा. इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (IRDAI) चेयरमैन सुभाष चंद्र खुंटिया के मुताबिक, पेंशनर्स के लिए ऐसी स्कीम्स होनी चाहिए, जहां उन्हें हर महीने रेगुलर इनकम हो सके. इसके लिए फ्लोटिंग रेट एन्युटी जैसा प्रोडक्ट लाया जा सकता है, जिसे मुद्रास्फीति इंडेक्स जैसे बेंचमार्क से जोड़ा जा सकता है.
मुद्रास्फीति इंडेक्स लिंक्ड पेंशन प्रोडक्ट आएगा काम
रिटायर्ड EPFO असिस्टेंट कमिश्नर विजय गुप्ता के मुताबिक, मुद्रास्फीति इंडेक्स से लिंक हुआ पेंशन प्रोडक्ट मदद करेगा. बाजार दर के आधार पर फ्लेक्सिबल पेंशन से इंश्योरेंस कंपनियां निवेशकों को ऊंची ब्याज दर ऑफर कर सकेंगी. फ्लोटिंग रेट एन्युइटी प्रोडक्ट, जो G-Sec या CPI जैसे इंडेक्स से जुड़ा होता है, जब भी मुद्रास्फीति बढ़ेगी आपके हाथ में नियमित आय के रूप में ज्यादा पैसा आएगा.