एयर इंडिया कर्मचारी संघ ने लगाया PF ट्रस्ट से संदिग्ध निवेश होने का आरोप, फॉरेंसिंक जांच की उठाई मांग

Air India: कर्मचारियों के यूनियन का कहना है कि कि दिवालिया हो चुकीं IL&FS और DHFL सहित अन्य कंपनियों में किये गये संदिग्ध निवेश की वजह से दोनों ट्रस्ट को भारी नुकसान हो रहा है.

process of disinvestment of air india to be completed in next 10 days

Pic Courtesy: Pixabay, एयर इंडिया को 18000 करोड़ रुपये की बोली लगाकर टाटा संस ने अपने नाम कर लिया है.

Pic Courtesy: Pixabay, एयर इंडिया को 18000 करोड़ रुपये की बोली लगाकर टाटा संस ने अपने नाम कर लिया है.

एयर इंडिया कर्मचारी संघों (Air India Employee Unions) के संयुक्त कार्रवाई मंच ने मंगलवार को एयरलाइन के भविष्य निधि ट्रस्ट के खातों की स्वतंत्र रूप से फारेंसिंक जांच कराने की मांग की. उसका आरोप है कि ट्रस्ट के संदिग्ध और सवालिया निवेश की वजह से उसे ‘‘भारी नुकसान’’ हुआ है.

नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी को भेजे ई-मेल में कर्मचारी संघों के मंच ने उनसे मामले में हस्तक्षेप करने की अपील की. हरदीप पुरी से दोनों पीएफ ट्रस्ट – एक पूर्ववर्ती इंडियन एयरलाइंस का और दूसरा एयर इंडिया का – से जुड़े मामलों में हस्तक्षेप की अपील की गई है.

क्यों उठाया जा रहा है सवाल?

मंत्री को भेजे ई-मेल में कहा गया है, ‘‘हम हमारी दोनों पीएफ ट्रस्ट – एआईईपीएफ और आईएईपीएफ ट्रस्ट से जुड़े संकट को लेकर आपकी मदद और दिशा दिखाने वाले सुझाव पाने के लिए आपको लिखने पर मजबूर हुए हैं. ये दोनों ट्रस्ट संयुक्त रूप से देश के सबसे बड़े ट्रस्टों में से एक हैं.”

पीटीआई-भाषा के पास उपलब्ध ई-मेल संबंधी जानकारी के मुताबिक इसमें लिखा गया है, ‘यह हम सभी संघों के लिए एक स्तब्ध करने वाली बात है, हममें से कई इंडियन एयरलाइंस और एयर इंडिया पीएफ ट्रस्ट रोजमर्रा के कामकाज में शामिल नहीं थे या हमें इस बात की जानकारी नहीं थी कि दिवालिया हो चुकीं आईएलएफएस और दीवान हाउसिंग फाइनेंस सहित अन्य कंपनियों में किये गये संदिग्ध निवेश की वजह से दोनों ट्रस्ट को भारी नुकसान हो रहा है.’

यूनियन ने लगाए और भी आरोप

कर्मचारी संघों का मंच पायलटों, इंजीनियरों, चालक दल के सदस्यों और अन्य कर्मियों सहित एयर इंडिया के 10,000 से ज्यादा कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करने का दावा करता है.

मंच ने कहा कि उसे यह भी पता चला कि अनुषंगी कंपनियां करीब 14 साल पहले अलग कानूनी इकाइयां बनने के बावजूद मुख्य एआईईपीएफ/आईएईपीएफ ट्रस्ट का हिस्सा बनी रहीं, उन्हें इन ट्रस्ट से सेवानिवृत्ति पर पैसे मिलते रहे, जबकि इन सालों में इन कंपनियों से पीएफ ट्रस्ट को उसके लिए समय-समय पर योगदान नहीं मिला.’

ई-मेल में कहा गया कि एयर इंडिया के हजारों कर्मचारियों ने इन दोनों पीएफ ट्रस्ट में अपनी पूरे जीवन की कमाई जमा की हुई है और इस तरह के नुकसान से उनकी पूंजी का मूल्य कम हो जाएगा जिससे ट्रस्ट दिवालिया हो जाएंगे.

मंच ने पुरी से कहा, ‘इन चीजों को ध्यान में रखते हुए हम आपसे हस्तक्षेप और सहयोग की मांग करते हैं ताकि सरकार इस नुकसान की पूर्ति करने में हमारी मदद करे तथा 1952 अधिनियम के तहत कर्मचारी को बिना किसी नुकसान के एयर इंडिया/इंडियन एयरलाइंस पीएफ ट्रस्ट को जरूरी सहायता दी जाये.’

Published - May 26, 2021, 06:53 IST