स्‍पैम कॉल्‍स से मिलेगी निजात, टेलीमार्केटर्स के लिए जारी होंगे अलग नंबर

नियामक की ओर से जल्‍द ही अलग नंबर सीरीज जारी किए जाएंगे, जिससे उभोक्‍ता मार्केटिंग कॉल और सर्विस संबंधी कॉल्‍स को आसानी से पहचान सकें

स्‍पैम कॉल्‍स से मिलेगी निजात, टेलीमार्केटर्स के लिए जारी होंगे अलग नंबर

मार्केटिंग कंपनियां अक्‍सर अपने बिजनेस को बढ़ाने के लिए कस्‍टमर्स को फोन करते हैं. मगर आए दिन आने वाले इन तमाम अनजाने फोन कॉल्‍स से लोग परेशान हो जाते हैं. लोगों की इसी समस्‍या को दूर करने के मकसद से दूरसंचार नियामक जल्द ही मार्केटिंग कॉल्‍स लिए अलग नंबर सीरीज जारी करेगा. इससे मार्केटिंग और सर्विस कॉल्‍स के नंबरों की पहचान करना आसान होगा. वर्तमान में, सभी तरह के कॉमर्शियल कॉल्‍स के लिए 140 नंबर सीरीज अलॉट किए गए है. मगर नए सीरीज के जारी होने के बाद इन्‍हें दो भागों में बांटा जाएगा. जिसमें 140 नंबर सीरीज मार्केटिंग के लिए और (160 या 161) सर्विस कॉल्‍स के लिए होगा.

नियामक की ओर से जल्‍द ही अलग नंबर सीरीज जारी किए जाएंगे, जिससे उभोक्‍ता मार्केटिंग कॉल और लेनदेन संबंधी कॉल्‍स को आसानी से पहचान सकें. ट्राई के डेटा के अनुसार करीब 305,587 व्यावसायिक एसएमएस और कॉल करने के लिए पंजीकृत संस्थाएं हैं. हालांकि इसका स्‍तर और बड़ा हो सकता है क्‍योंकि बहुत-सी कंपनियां टेलीमार्केटिंग कॉल करने के लिए 10 अंकों वाले पी2पी नंबरों का उपयोग करती हैं. चूंकि प्रति राष्ट्रीय आईडी पर 10 सिम कार्ड की अनुमति है ऐसे में ज्‍यादातर संस्‍थाएं निजी कनेक्शन लेना ज्‍यादा पसंद करते हैं. सरकार स्पैम कॉल की इसी दिक्‍कत को दूर करने के लिए कई कदम उठा रही है.

कॉलिंग नेम डिस्‍प्‍ले फीचर किया था लॉन्‍च

हाल ही में DoT ने कॉलिंग नेम डिस्प्ले फीचर और DIP (डिजिटल इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म) लॉन्च किए हैं. ट्राई का यह कदम नेटवर्क ऑपरेटरों के साथ-साथ मोबाइल डिवाइस निर्माताओं के लिए हाल की सिफारिशों को ध्‍यान में रखकर लिया गया है. इससे व्यक्तिगत फोन नंबरों के अलावा एंटरप्राइज़ कॉलर्स दोनों के लिए फोन करने वाले का नाम डिस्‍प्‍ले होगा. इससे फोन रिसीव करने वाले को पता होगा कि कौन कॉल कर रहा है.

एसएमएस की शिकायतें घटी

कुछ समय पहले तक ग्राहक कंपनियों की ओर से भेजे जाने वाले एसएमएस से परेशान थे, लेकिन इनदिनों कॉलिंग का पैमाना ज्‍यादा बढ़ा है. दूरसंचार कंपनियों की ओर से ब्लॉकचेन-आधारित फ़िल्टरिंग प्रणाली को लागू करने के बाद से एसएमएस की तुलना में वॉयस कॉल एक बड़ा स्पैम चैनल बन गया है. वहीं एसएमएस शिकायतें प्रति माह केवल 30,000 तक कम हो गई हैं. डेटा के अनुसार 10 अंकों वाले व्यक्तिगत नंबरों के माध्यम से गैर जरूरी कॉल के खिलाफ reports  लाखों तक पहुंच गई हैं.

Published - March 8, 2024, 12:09 IST