Online Gaming पर बढ़ी सख्ती, सरकार कर रही अब ये तैयारी

मिंग बाजार के आकार और संभावनाओं को देखते हुए अब सरकार इसे लेकर योजना बना रही

Online Gaming पर बढ़ी सख्ती, सरकार कर रही अब ये तैयारी

Online Gaming: भारत में ऑनलाइन गेमिंग का कारोबार लगातार बढ़ता ही जा रहा है. लेकिन अभी तक इसके ‘विनियमन’ या ‘रेगुलेशन’ के लिए देश में कई तरह कंफ्यूजन है. गेमिंग बाजार के आकार और संभावनाओं को देखते हुए अब सरकार इसे लेकर योजना बना रही है. सरकार भी इसके विनियमन को लेकर निरंतर प्रयास कर रही है, ताकि इसके बाजार को और आगे बढ़ाया जा सके.

मीडिया रिपोर्ट्स में खबर आ रही है कि केंद्र सरकार गेमिंग इंडस्ट्री से संबंधित नियामक ढांचे के निरीक्षण के लिए और इसको प्रभावित करने वाले अन्य पहलुओं पर विचार करने के लिए पैनल बनाने जा रही है. इसके लिए सरकार ‘मंत्रिस्तरीय पैनल’ या ‘मंत्रियों का एक समूह’ (ग्रुप ऑफ मिनिस्टर या GoM) बना सकती है, जिसमें संभावित रूप से गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव और सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर सदस्य के रूप में शामिल किए जा सकते हैं.

इकोनॉमिक टाइम्स की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, मंत्रियों के इस समूह (GoM) को गेमिंग इंडस्ट्री से संबंधित मुद्दों के निरीक्षण व अन्य जिम्मेदारियां निभाने के लिए राजस्व, आयकर और डीपीआईआईटी सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों का भी सहयोग दिया जाएगा. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) देश में ऑनलाइन गेमिंग सेक्टर के लिए जिम्मेदार केंद्रीय मंत्रालय के रूप में अपनी भूमिका को बनाए रखेगा, ताकि इसके बाजार को बढ़ावा मिल सके.

इससे पहले, इसी साल 6 अप्रैल को ऑनलाइन गेमिंग के संबंध में नियमों को लेकर सरकार ने एक अधिसूचना जारी की थी. इसमें गेमिंग कंपनियों के उद्योग निकायों को गाइडलाइन के तहत तीन महीने के भीतर एक सेल्फ रेगुलेटरी ऑर्गेनाइजेशन (SROs) बनाने के लिए कहा गया था. एक सेल्फ रेगुलेटरी ऑर्गेनाइजेशन (SRO) में ऑनलाइन गेमिंग उद्योग से जुड़े प्रतिनिधि शामिल होंगे, जिनमें शिक्षाविदों, मनोविज्ञान या मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों, बाल अधिकार संरक्षण, सार्वजनिक नीति व प्रशासन से संबंधित व्यक्तियों समेत तमाम प्रासंगिक हितधारकों और विशेषज्ञों का प्रतिनिधित्व होगा. जिससे इस सेक्टर के जो भी कंफ्यूजन हैं वो दूर किए जा सकें.

गौरतलब है कि ‘ऑल इंडिया गेमिंग फेडरेशन’, ‘ऑल इंडिया गेमिंग रेगुलेटर फाउंडेशन’ और ‘ई-स्पोर्ट्स प्लेयर्स वेलफेयर एसोसिएशन’, ‘ई-गेमिंग फेडरेशन’ तथा ‘फेडरेशन ऑफ इंडियन फैंटेसी स्पोर्ट्स’ जैसे संगठनों की और से SROs प्रस्ताव प्रस्तुत किए गए हैं.

Published - November 1, 2023, 06:53 IST