बाजार नियामक सेबी (Sebi) ने शेयर बाजार की दो बड़ी कंपनियों पर जुर्माना लगाया है. शेयर बाजार की दिग्गज रिलायंस इंडस्ट्रीज की सहायक कंपनी रिलायंस स्ट्रैटेजिक इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड पर साल 2017 में लंबी अवधि के निफ्टी फ्यूचर एंड ऑप्शंस (F&O) में व्यापार करते समय हेराफेरी यानी इनसाइडर ट्रेडिंग का दोषी बताते हुए सात लाख रुपए का जुर्माना लगाया है. इसके अलावा, सेबी ने ने लिस्टिंग और योजनाओं से संबंधित खुलासे के नियम के उल्लंघन के मामले में दोषी करार देते हुए वेदांता लिमिटेड पर 30 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है.
जांच में हुआ खुलासा नियामक ने कंपनी को आदेश दिया है कि जुर्माने की पूरी रकम का भुगतान इस आदेश की प्राप्ति के 45 दिनों के भीतर किया जाना अनिवार्य है. सेबी ने शेयर बाजार के नियमों के उल्लंघन के मामले में अगस्त 2017 में रिलायंस स्ट्रैटेजिक इन्वेस्टमेंट्स और मॉर्गन स्टेनली (फ्रांस) एसए के बीच लंबी अवधि के निफ्टी के एफ एंड ओ में की गई ट्रेडिंग की जांच की. इस जांच में पाया गया कि आरआईएल शाखा और मॉर्गन स्टेनली ने 28 दिसंबर, 2017 को समाप्त होने वाले लंबी अवधि के निफ्टी पुट ऑप्शंस में ट्रेड किया था, जिसका स्ट्राइक मूल्य 11400 रुपए था. जो कि आंतरिक मूल्य से बहुत ऊपर था. इसके बाद, सेबी ने दोनों कंपनियों के खिलाफ न्यायिक कार्यवाही शुरू की.
सेबी ने जारी किया नोटिस बाजार नियामक ने दिसंबर 2021 में रिलायंस स्ट्रैटेजिक इन्वेस्टमेंट्स और मॉर्गन स्टेनली को इस आधार पर ‘कारण बताओ’ नोटिस जारी किया कि इनसाइडर ट्रेडिंग आने वाले समय में ट्रेडर्स और निवेशकों को गुमराह कर सकते हैं. इसके बाद, मार्च 2023 में, आरआईएल शाखा ने इस पर अपना जवाब पेश करते हुए कहा कि नियामक ने इस आरोप को साबित करने के लिए कोई सबूत पेश नहीं किया है. इसके अलावा, आरआईएल शाखा ट्रेडेड पुट ऑप्शन में इतनी बड़ी छूट या संबंधित ट्रेडों के लिए प्रीमियम के कैलकुलेशन के पीछे की वजह बताने में असमर्थ रही, जिसके बाद सेबी ने इस मामले में रिलायंस इंडस्ट्रीज की इस सहायक कंपनी को दोषी साबित करते हुए जुर्माना लगाया है.
वेदांता ने दी गलत जानकारी 14 फरवरी, 2022 को ऐसी खबरें चलने लगी कि कि वेदांता ने भारत में सेमीकंडक्टर बनाने के लिए फॉक्सकॉन के साथ साझेदारी की है. इसके बाद, स्टॉक एक्सचेंजों ने वेदांता से स्पष्टीकरण मांगा. इस पर कंपनी ने जवाब दिया कि ये साझेदारी होल्डिंग कंपनी वोल्कन इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड द्वारा संचालित किया जाएगा. जबकि इसके बाद, कंपनी ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि वेदांता ने सेमीकंडक्टर स्थापित करने के लिए गुजरात सरकार के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं. इसके बाद सेबी ने मामले की जांच की और गलत जानकारी देने के आरोप में वेदांता को दोषी बताते हुए ये जुर्माना लगाया है.
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