पूंजी बाजार नियामक सेबी ने शीर्ष सूचीबद्ध कंपनियों के लिए बाजार की अफवाह की पुष्टि या खंडन करने की अनिवार्यता से संबंधित नियमों के लागू किये जाने की समयसीमा बढ़ा दी है. भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के एक परिपत्र के अनुसार, बाजार पूंजीकरण के लिहाज से शीर्ष 100 सूचीबद्ध कंपनियों के लिए समयसीमा इस साल एक फरवरी से बढ़ाकर एक जून कर दी गई है. इसके साथ शीर्ष 250 सूचीबद्ध कंपनियों के लिए नियम एक अगस्त, 2024 की जगह अब एक दिसंबर, 2024 को लागू होगा.
नियामक ने कहा कि एलओडीआर (सूचीबद्धता दायित्व और खुलासा जरूरत) नियमों को लागू करने की समयसीमा बढ़ाने का निर्णय उद्योग-मानक को अंतिम रूप देने की जारी प्रक्रिया और बाजार मानदंडों में आवश्यक संशोधनों के कारण लिया गया है. इस नियम का उद्देश्य सूचीबद्ध संस्थाओं की कॉरपोरेट संचालन व्यवस्था को मजबूत करना है.
सेबी ने कहा कि बाजार पूंजीकरण के लिहाज से शीर्ष 100 सूचीबद्ध कंपनियों के लिए सूचीबद्धता दायित्व और खुलासा जरूरत नियमों के लागू होने की तारीख एक जून, 2024 तक बढ़ा दी गयी है. साथ ही बाजार पूंजीकरण के लिहाज से शीर्ष 250 सूचीबद्ध संस्थाओं के लिए इसे बढ़ाकर एक दिसंबर, 2024 किया गया है.
हाल ही में सेबी ने वैकल्पिक निवेश कोष (एआईएफ) में निवेशकों को शामिल करने के प्रावधानों में बदलाव कर दिया है. यह संशोधन धनशोधन निवारण (अभिलेखों का रखरखाव) नियम, 2005 में किए गए संशोधन को ध्यान में रखते हुए किया गया है. नया प्रारूप तत्काल प्रभाव से लागू हो जाएगा. एआईएफ मानकों के नियम 10 (ए) में निवेशकों को शामिल करने के मानदंड निर्धारित किए गए हैं. इसमें एआईएफ की यूनिट जारी कर किसी भी तरह के निवेशक- भारतीय, विदेशी या अनिवासी भारतीयों से धन जुटाने की अनुमति दी गई है. भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने शुक्रवार को अपने परिपत्र में कहा कि निवेशकों को एआईएफ का हिस्सा बनाते समय कोष प्रबंधक को यह सुनिश्चित करना होगा कि निवेशक या उसके मालिक को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की प्रतिबंध सूची में न रखा गया हो.