भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) आसान कर्ज उपलब्ध कराने और वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने के मकसद से एक सार्वजनिक टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म तैयार कर रहा है. आरबीआई के इस प्लेटफॉर्म के जरिये घर बैठे आसानी से लोन लिया जा सकेगा. RBI ने सोमवार को कहा कि वह डिजिटल लोन प्लेटफॉर्म को पायलेट आधार पर 17 अगस्त से शुरू करेगा. आरबीआई के इस पायलट प्रोजेक्ट के दौरान, 1.6 लाख रुपए तक के किसान क्रेडिट कार्ड लोन, डेयरी लोन, एमएसएमई लोन, पर्सनल लोन और भाग लेने वाले बैंकों के जरिए होम लोन लेना आसान हो जाएगा. इस प्लेटफॉर्म पर आधार ई-केवाईसी, ऑनबोर्ड राज्य सरकारों (मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र) से भूमि रिकॉर्ड, सैटेलाइट डेटा, पैन सत्यापन, आधार ई-हस्ताक्षर जैसे KYC के जरिये लोन को प्रोसेस किया जाएगा.
केंद्रीय बैंक ने RBIH के साथ मिलकर बैंकों और ग्राहकों के बीच डिजिटल प्रक्रियाओं के माध्यम से आसान कर्ज वितरण के लिए सितंबर, 2022 में पायलट परियोजना शुरू की थी. इसकी शुरुआत किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) ऋण के साथ की गई है. केसीसी कर्ज के लिए पायलट परियोजना वर्तमान में मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र के चुनिंदा जिलों में चल रही है. हाल में गुजरात के चुनिंदा जिलों को डेयरी कर्ज के लिए इसमें शामिल किया गया है.
अच्छे परिणाम आए सामने
पायलट परियोजना से मिले बेहतर नतीजों के आधार पर डिजिटल कर्ज का दायरा बढ़ाया जा रहा है. इसके लिए आरबीआई अब सार्वजनिक टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म को विकसित कर रहा है. इससे पहले आरबीआई गवर्नर ने कहा कि इस नए प्लेटफॉर्म को पायलट परियोजना के रूप में सोच-विचारकर शुरू किया जा रहा है. इसमें खुला ढांचा और मुक्त एप्लिकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस (एपीआई) और मानक हैं, जिससे वित्तीय क्षेत्र की सभी इकाइयां निर्बाध रूप से जुड़ सकेंगी. बैंक और अन्य वित्तीय संस्थान ग्राहक के डिजिटल डेटा का विश्लेषण कर उन्हें तुरंत लोन दे सकेंगे.
Reserve Bank of India to Launch the Pilot Project for Public Tech Platform for Frictionless Credithttps://t.co/D3x7em7q5r
— ReserveBankOfIndia (@RBI) August 14, 2023
गांव में भी मिलेगा लोन
आरबीआई ने कहा कि एपीआई एक सॉफ्टवेयर है, जो दो एप्लिकेशन को एक दूसरे से बात करने की अनुमति देता है. एपीआई इकाई के भीतर और विभिन्न इकाइयों के बीच आंकड़े प्राप्त करने और साझा करने का एक सुलभ तरीका है. इस पहल से वंचित क्षेत्रों में ऋण की पहुंच में तेजी आएगी और वित्तीय समावेशन को बढ़ावा मिलेगा.
डिजिटल लेंडिंग को मिलेगा बढ़ावा
आरबीआई ने कहा कि भारत ने तेजी से डिजिटलीकरण को अपनाया है, डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे की अवधारणा को बढ़ावा दिया है, जो फिनटेक स्टार्टअप और कंपनियों को भुगतान, क्रेडिट और अन्य वित्तीय सेवाओं के लिए अभिनव समाधान पेश कर रही हैं. डिजिटल क्रेडिट प्रावधान के दायरे में, आवश्यक क्रेडिट मूल्यांकन डाटा सरकारी निकायों, खाता एग्रीगेटर्स, बैंकों, क्रेडिट सूचना फर्मों और डिजिटल पहचान प्राधिकरणों जैसी विभिन्न संस्थाओं के भीतर रखे जाते हैं. हालांकि इस विभाजित प्रणाली के कारण, नियम-आधारित ऋण के सुचारू और समय पर प्रसार में बाधा उत्पन्न हो रही है. इसलिए एपीआई आधारित प्लेटफॉर्म से इन सभी समस्याओं का समाधान होगा और डिजिटल लेंडिंग को कानूनी दायरे में लाकर इसे बढ़ावा मिलने में मदद मिलेगी.